बठिंडा. सेहत व परिवार भलाई विभाग के अधीन चल रहे राष्ट्रीय सेहत मिशन पंजाब में काम करने वाले करीब 88 डाक्टरों, स्टाफ नर्स, एएनएम, फार्मासिस्ट व कलैरिकल स्टाफ की सेवाएं समाप्त कर दी गई है। उक्त कर्मी लंबे समय से सेहत विभाग को सूचित किए बिना ही ड्यूटी से गैरहाजिर रहे थे। इसमें बठिंडा के 6 कर्मी शामिल है जिसमें पांच स्टाफ नर्स व एक बच्चों के माहिर डाक्टर शामिल है।
इन सभी लोगों को सेहत विभाग ने 28 सितंबर 2020 को ड्यूटी पर गैरहाजिर रहने के संबंध में कारण बताओं नोटिस जारी किया था व मामले में जबावतलबी की थी लेकिन किसी भी कर्मी ने सेहत विभाग को जबाव नहीं भेजा और न ही ड्यूटी पर हाजिर रहे इसके चलते उन्हें नौकरी से निकालने की प्रक्रि या को शुरू कर दिया गया। बताया जा रहा है कि अधिकतर स्टाफ नर्स व एएनएम है जो पिछले पांच व दस साल से ड्यूटी ज्वाइंन करने के बाद अचानक बिना सूचना के गैरहाजिर रहने लगे। वही बताया जा रहा है कि इसमें ज्यादातर स्टाफ नर्स, एएनएम व फार्मासिस्ट ऐसे हैं जो विदेश में चले गए व वहां नौकरी करने लगे। विदेशों में स्टाफ नर्स व एएनएम की सर्वाधिक मांग रहती है जिसमें टेककेयर के साथ अस्पताल की सेवा में बेहतर पैसा होने के कारण उक्त लोग वापिस नहीं लौटते हैं।
बठिंडा में जिन 6 कर्मियों को नौकरी से निकाला गया है उसमें स्टाफ नर्स जसबीर कौर जो पीएचसी सेंटर कराडवाला में तैनात थी व 22 जून 2018 से नौकरी से गैरहाजिर चल रही थी। इसी तरह सीएचसी सेंटर मिहराज में तैनात स्टाफ नर्स रसप्रीत कौर सात अक्तूबर 2015 से गैरहाजिर रही। सीएचसी सेटर नथाना में तैनात स्टाफ नर्स शीशनदीप कौर 22 फरवरी 2006 से, जिला अस्पताल बठिंडा में तैनात स्टाफ नर्स अनमोलप्रीत कौर जुलाई 2015 से, सीएचसी संगत में तैनात स्टाफ नर्स शिवानी ग्रोवर 29 फरवरी 2013 से गैरहाजिर चल रही थी। इसी तरह बठिंडा में सीएचसी सेंटर नथाना में तैनात बच्चों के माहिर डाक्टर राहुल मदान 11 अक्तूबर 2017 से ड्यूटी में गैरहाजिर चल रहे थे।
उक्त सभी लोगों की सेवाएं तत्काल प्रभाव से समाप्त कर दी गई। राष्ट्रीय सेहत मिशन पंजाब की तरफ से जारी पत्र में सर्वाधिक 13 लोगों को जालंधर से, कपूरथला से नौ, रोपड़ से दो, पिटयाला से पांच. नवाशहर से एक, मुक्तसर साहिब से एक, मोहाली से 9, मोगा से पांच, लुधियाना से चार,होशियारपुर से 6, गुरदासपुर से सात, फिरोजपुर से 6, फाजिल्का से पांच, फतेहगढ़ साहिब से दो, बरनाला से एक व अमृतसर से चार लोगों को नौकरी से निकाला गया है। इसमें एक एसएमओ सहित 12 डाक्टर शामिल है जबकि एएनएम, स्टाफ नर्स की तादाद अधिक है वही नौकरी से निकाले लोगों में कंप्यूटर आपरेटर, कैशियर, फार्मासिस्ट भी शामिल है। फिलहाल सरकार की तरफ से उक्त लोगों को नौकरी से बर्खास्त करने के बाद करीब 88 सीटे खाली हो गई है जिसमें अब प्रक्रि या के तहत नई भर्ती संभव हो सकेगी। सेहत विभाग कोरोना काल के बाद सेहत विभाग में पड़ी खाली सिटों को फरवरी तक भरने की योजना बना रहा है व इसी योजना के तहत मात्र खानापूर्ति के लिए कागजों में चढ़े ऐसे सभी कर्मियों को बर्खास्त किया जा रहा है व उनकी जगह पर नई नियुक्ति का रास्ता साफ किया जा रहा है।