श्री गुरु रविदास मंदिर मामलाः दिल्ली के जंतर-मंतर में डेरा जमाएंगे रविदासिया समाज के लोग

दिल्ली के तुगलकाबाद में श्री गुरु रविदास मंदिर तोड़ने के विरोध में रविदासिया समाज बुधवार को दिल्ली के जंतर-मंतर पर रोष प्रदर्शन करेगा।

 

जालंधर। दिल्ली के तुगलकाबाद में श्री गुरु रविदास मंदिर तोड़ने के विरोध में 13 अगस्त को पंजाब बंद की सफलता के बाद रविदासिया समाज 21 अगस्त यानी बुधवार को दिल्ली के जंतर-मंतर पर रोष प्रदर्शन करेगा।

संभावना जताई जा रही है कि पंजाब से बड़ी संख्या में लोग इसमें हिस्सा लेंगे। इसी क्रम में जिले से श्री गुरु रविदास समाज और संत समाज का शिष्टमंडल मंगलवार को रवाना हो गया। शिष्टमंडल में शामिल लोगों का कहना है कि समुदाय के लोग पहले से ही जंतर मंतर पर पहुंच कर विरोध जता रहे हैं। इससे समाज का मनोबल बढ़ा है।

बता दें, दिल्ली में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद 10 अगस्त को श्री गुरु रविदास मंदिर तोड़ दिया गया था। इसे लेकर रविदास समुदाय में भारी रोष है।

इसके विरोध में 13 अगस्त को पंजाबभर में बंद करके हाईवे और सड़कों पर जाम लगाया गया था। इसकी सफलता के बाद अब 21 अगस्त को दिल्ली के जंतर-मंतर में रोष प्रदर्शन किया जा रहा है।

मंगलवार को श्री गुरु रविदास संघर्ष कमेटी और श्री गुरु रविदास साधु संप्रदाय सोसायटी पंजाब के बैनर तले समाज के लोग बड़ी संख्या में दिल्ली के लिए रवाना हो गए। संतों की रवानगी के मौके पर पूरा क्षेत्र ‘जो बोले सो निर्भय, श्री गुरु रविदास महाराज की जय’ के जयघोषों से गूंज उठा।

श्री गुरु रविदास संघर्ष समिति के अध्यक्ष रोबिन सांपला ने कहा कि श्री गुरु रविदास महाराज का पवित्र मंदिर तोड़ने से विश्वभर में समाज की धार्मिक भावनाएं आहत हुई हैं। उन्होंने कहा कि यह दलित समाज के खिलाफ घिनौनी साजिश है। जिसे किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

वहीं, श्री गुरु रविदास साधु संप्रदाय सोसायटी पंजाब के प्रधान कुलवंत राम जी तथा महासचिव निर्मल सिंह ने कहा कि दिल्ली के तुगलकाबाद में श्री गुरु रविदास मंदिर का निर्माण करवा कर रहेंगे।

मामले ने लिया राजनीतिक रंग

इस मामले ने राजनीतिक रंग भी ले लिया है। सत्ताधारी कांग्रेस के अलावा विपक्ष में बैठे अकाली-भाजपा गठबंधन भी रविदास समुदाय को अपना समर्थन दे चुकी है। वहीं आम आदमी पार्टी ने गेंद केंद्र सरकार के पाले में डालते हुए मंदिर के पुनर्निमाण की बात कही है। यहां बता दें कि गत दिवस सुप्रीम कोर्ट ने मामले पर टिप्पणी करते हुए कहा था कि उसके आदेश को राजनीतिक रंग न दिया जाए बल्कि उसका पालन सुनिश्चित किया जाए।

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