आरक्षण के मुद्दे पर प्रियंका का वार- RSS का हौसला बढ़ा हुआ और मंसूबे खतरनाक
ट्विटर के जरिए मंगलवार को भी प्रियंका गांधी ने आरक्षण के मुद्दे पर संघ को घेरा और कहा कि RSS के मंसूबे खतरनाक हैं, आरक्षण पर बहस के बहाने ये सामाजिक न्याय पर निशाना साधना चाहते हैं.
नई दिल्ली। कांग्रेस महासचिव और पूर्वी उत्तर प्रदेश की प्रभारी प्रियंका गांधी वाड्रा का राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) और भाजपा सरकार पर हमला करना जारी है. मंगलवार को भी ट्विटर के जरिए उन्होंने आरक्षण के मुद्दे पर संघ को घेरा और कहा कि RSS के मंसूबे खतरनाक हैं, आरक्षण पर बहस के बहाने ये सामाजिक न्याय पर निशाना साधना चाहते हैं.
प्रियंका गांधी वाड्रा ने अपने ट्विटर अकाउंट पर लिखा, ‘RSS का हौसला बढ़ा हुआ है और मंसूबे खतरनाक हैं. जिस समय भाजपा सरकार एक-एक करके जनपक्षधर कानूनों का गला घोंट रही है उसी समय RSS ने भी लगे हाथ आरक्षण पर बहस करने की बात उठा दी है, बहस तो शब्दों का बहाना है मगर RSS-BJP का असली निशाना सामाजिक न्याय है. लेकिन क्या आप ऐसा होने देंगे?’
RSS का हौसला बढ़ा हुआ है और मंसूबे खतरनाक हैं। जिस समय भाजपा सरकार एक-एक करके जनपक्षधर कानूनों का गला घोंट रही है। RSS ने भी लगे हाथ आरक्षण पर बहस करने की बात उठा दी है।
बहस तो शब्दों का बहाना है मगर RSS-BJP का असली निशाना सामाजिक न्याय है।
लेकिन क्या आप ऐसा होने देंगे?
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) August 20, 2019
आपको बता दें कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत ने बीते दिनों आरक्षण को लेकर एक बयान दिया था, जिसके बाद राजनीति तेज हो गई है. दरअसल, एक कार्यक्रम में मोहन भागवत ने कहा था कि आरक्षण पर विमर्श की जरूरत है, जो इसके पक्ष में हैं वो अपनी राय रखें और जो विरोध करते हैं वो भी अपनी बात कहें.
तेजस्वी यादव ने भी साधा निशाना
प्रियंका गांधी के अलावा राजद नेता और बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने भी मोहन भागवत पर निशाना साधा. उन्होंने ट्विटर पर लिखा कि आरक्षण को लेकर BJP/RSS की मंशा ठीक नहीं है. उन्होंने लिखा कि केंद्रीय नौकरियों में आरक्षित वर्गों में 80 फीसदी पद खाली क्यों हैं? कोई कुलपति SC/ST/OBC क्यों नहीं है.
आरक्षण को लेकर RSS/BJP की मंशा ठीक नहीं है। बहस इस बात पर करिए कि इतने वर्षों बाद भी केंद्रीय नौकरियों में आरक्षित वर्गों के 80% पद ख़ाली क्यों है? उनका प्रतिनिधित्व सांकेतिक भी नहीं है। केंद्र में एक भी सचिव OBC/EBC क्यों नहीं है? कोई कुलपति SC/ST/OBC क्यों नहीं है? करिए बहस??
— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) August 20, 2019
मोहन भागवत के इसी बयान के बाद एक बार फिर विवाद हुआ था और इसे तीन राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनावों से जोड़ा गया था. क्योंकि इससे पहले आरक्षण को लेकर मोहन भागवत ने 2015 में बिहार विधानसभा चुनाव से पहले बयान दिया था.
प्रियंका गांधी से पहले कांग्रेस की ओर से अन्य नेताओं ने भी मोहन भागवत के बयान पर निशाना साधा था. कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने ट्विटर पर लिखा था कि गरीबों के अधिकारों पर हमला, संविधान सम्मत अधिकारों को कुचलना, दलितों-पिछड़ों के अधिकार छीनना, यही असली भाजपाई एजेंडा है.
ना सिर्फ कांग्रेस बल्कि अन्य कई पार्टियों ने भी RSS और बीजेपी पर इसको लेकर हमला बोला था, इनमें बसपा, सपा, राजद, टीएमसी जैसी पार्टियां शामिल थीं. हालांकि, बाद में RSS की तरफ से एक सफाई भी जारी की गई थी जिसमें कहा गया था कि मोहन भागवत ने कुछ भी गलत नहीं कहा है, उनके भाषण के एक हिस्से को गलत तरीके से चला कर विवाद खड़ा किया जा रहा है.