नटवर सिंह बोले- कोई गांधी ही बने अध्यक्ष वरना 24 घंटे में टूट जाएगी पार्टी
वरिष्ठ कांग्रेस नेता और पूर्व विदेश मंत्री नटवर सिंह ने प्रियंका गांधी को नया अध्यक्ष बनाने का समर्थन किया है.
नई दिल्ली। कांग्रेस में नए अध्यक्ष की तलाश लगातार जारी है. राहुल गांधी के अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने के बाद से पार्टी में नए लीडर को लेकर अभी तक कोई सहमति नहीं बन पाई है. इस बीच पार्टी के सीनियर लीडर और पूर्व विदेश मंत्री नटवर सिंह ने प्रियंका गांधी को अगला अध्यक्ष बनाने की बात कही. उनके मुताबिक प्रियंका में पार्टी अध्यक्ष बनने के सारे गुण हैं और अगर गांधी परिवार से इतर कोई अध्यक्ष बनता है तो फिर पार्टी 24 घंटे के अंदर ही टूट जाएगी.
टूट जाएगी कांग्रेस!
नटवर सिंह ने कहा, ‘राहुल गांधी ने कहा है कि गांधी परिवार से अब कोई पार्टी का अध्यक्ष नहीं बनेगा, लेकिन उन्हें अब अपना फैसला बदलना होगा. मेरा मानना है कि ये ज़िम्मेदारी सिर्फ गांधी परिवार ही निभा सकता है. अगर ऐसा नहीं हुआ तो फिर पार्टी 24 घंटे में टूट जाएगी.’ नटवर सिंह ने यह भी कहा कि ये देश के लिए यह दूर्भाग्यपूर्ण है कि 134 साल पुरानी पार्टी के पास फिलहाल कोई अध्यक्ष नहीं है.
प्रियंका की तारीफ
नटवर सिंह ने प्रियंका गांधी के धरने का भी ज़िक्र किया. सिंह ने कहा, ‘आपने देखा कि किस तरह वो उत्तर प्रदेश के एक गांव में धरने पर डटी रहीं.’ बता दें कि प्रियंका गांधी ने उत्तर प्रदेश के सोनभद्र में हुए नरसंहार के विरोध में धरना दिया था. इसके चलते उन्हें पुलिस ने हिरासत में भी लिया था. दरअसल प्रियंका गांधी शुक्रवार से ही सोनभद्र नरसंहार में मारे गए लोगों के परिजनों से मिलने की जिद पर अड़ी थीं. इस दौरान वो लगातार ये दोहरा रही थीं कि वो बिना मिले वापस जाने वाली नहीं हैं.
प्रियंका को मिल रहा है समर्थन
राहुल गांधी के इस्तीफे के बाद प्रियंका गांधी के समर्थन में लगातार अवाज़ें उठ रही हैं. पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के बेटे अभिजीत मुखर्जी ने प्रियंका को नया अध्यक्ष बनाने की मांग की है. उन्होंने प्रियंका से अपील की है कि वो लाखों कार्यकर्ताओं की बात सुने और नई ज़िम्मेदारी लें. इसके अलावा कांग्रेस के एक और सीनियर नेता अनिल शास्त्री ने भी प्रियंका का समर्थन किया है.
लोकसभा चुनाव में करारी हार
बता दें कि लोकसभा चुनाव में करारी हार की जिम्मेदारी लेते हुए राहुल गांधी ने अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था. उन्हें मनाने की कोशिशें की गई, लेकिन वो नहीं माने. इस बार लोकसभा के चुनाव में कांग्रेस को सिर्फ 52 सीटों पर जीत मिली थी.