संयुक्त राष्ट्र में 17 मिनट के भाषण में पीएम मोदी ने दुनिया को दिए ये 17 बड़े संदेश

पीएम मोदी ने अपने भाषण में विकास, पर्यावरण, आतंक, लोकतंत्र, जन कल्याण जैसे मुद्दों पर अपनी बात रखी. पीएम मोदी ने सीधे तौर पर पाकिस्तान और कश्मीर का जिक्र नहीं किया, लेकिन पड़ोसी मुल्क को कड़ा संदेश दिया.

  • पीएम मोदी ने यूएनजीए के 74वें सत्र को किया संबोधित
  • पीएम मोदी ने विकास, पर्यावरण, जन कल्याण की बात कही

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को संयुक्त राष्ट्र महासभा के 74वें सत्र को संबोधित किया. 17 मिनट के अपने भाषण में पीएम मोदी ने दुनिया के सबसे बड़े मंच से 17 बड़े संदेश दिए. पीएम मोदी ने अपने भाषण में विकास, पर्यावरण, आतंक, लोकतंत्र, जन कल्याण जैसे मुद्दों पर अपनी बात रखी. पीएम मोदी ने सीधे तौर पर पाकिस्तान और कश्मीर का जिक्र नहीं किया, लेकिन पड़ोसी मुल्क को कड़ा संदेश दिया.

प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत ने दुनिया को युद्ध नहीं बुद्ध दिया है. इसलिए आतंकवाद के खिलाफ भारत में आक्रोश दिखता है. आइए जानते हैं कि 17 मिनट के अपने भाषण में पीएम मोदी ने दुनिया को क्या 17 बड़े संदेश दिए.


1- पीएम मोदी ने कहा कि स्वच्छता का जनादेश भारत में शुरू हुआ, जो व्यापक स्तर पर रहा और प्रेरक रहा. पीएम मोदी ने कहा कि भारत में दुनिया की सबसे बड़ी हेल्थ योजना आयुष्मान चलाई जा रही है. उन्होंने बताया कि 5 साल में 11 करोड़ शौचालय बनाए गए.


2- पीएम मोदी ने दुनिया को बताया कि भारत पर्यावरण के लिए क्या कर रहा है. उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ने सिंगल यूज प्लास्टिक के खिलाफ अभियान चलाया.


3- प्रधानमंत्री ने मंच से सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास की बात कही. पीएम मोदी ने कहा कि हम इसी मंत्र से आगे बढ़ रहे हैं.


4- पीएम मोदी ने कहा कि कोशिश हमारी है, लेकिन परिणाम सभी के लिए. उन्होंने कहा कि हम पूरी दुनिया के सपने के लिए काम कर रहे हैं.


5- दुनिया का सबसे बड़ा मंच हो और पीएम मोदी आतंक पर ना बोलें ऐसा नहीं हो सकता. उन्होंने अपने भाषण में 5 बार आतंकवाद शब्द का इस्तेमाल किया. प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत ने दुनिया को युद्ध नहीं बुद्ध दिया है. इसलिए आतंकवाद के खिलाफ भारत में आक्रोश दिखता है.


6- पीएम मोदी ने शांति का संदेश दिया. उन्होंने कहा कि शांति मिशन में भारत ने सबसे ज्यादा बलिदान दिया.


7- पीएम मोदी ने कहा कि ग्लोबल वार्मिंग के लिए भारत ने कदम उठाए. उन्होंने कहा कि भारत ने बीते 5 साल में, सदियों से चली आ रही विश्व बंधुत्व और विश्व कल्याण की उस महान परंपरा को मजबूत करने का काम किया है, जो यूएन की स्थापना का भी ध्येय रही है.


8 –  पीएम मोदी ने विवेकानंद का भी जिक्र किया. उन्होंने कहा कि करीब सवा सौ साल पहले भारत के आध्यात्मिक गुरु स्वामी विवेकानंद ने शिकागो में विश्व धर्म संसद को शांति और सौहार्द का संदेश दिया था. उन्होंने कहा कि सबसे बड़े लोकतंत्र भारत का आज भी दुनिया के लिए संदेश है- शांति और सौहार्द.


9- प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारी संस्कृति ही हमारी ताकत है. उन्होंने कहा कि भारत, हजारों वर्ष पुरानी एक महान संस्कृति है, जिसकी अपनी जीवंत परंपराएं हैं, जो वैश्विक सपनों को अपने में समेटे हुए है.


10- पीएम मोदी ने अपने भाषण में जल का भी जिक्र किया. उन्होंने कहा कि हमारा लक्ष्य 15 करोड़ घरों का पानी की सप्लाई से जोड़ने का है.


11- प्रधानमंत्री ने कहा कि विश्व ने टीबी को खत्म करने के लिए 2030 तक का लक्ष्य रखा है, लेकिन हम 2025 तक भारत को टीबी मुक्त करने के लिए प्रयास कर रहे हैं.


12- पीएम ने आतंक के खिलाफ दुनिया को एकसाथ आने की भी बात कही. उन्होंने कहा कि आतंक के खिलाफ दुनिया को एकसाथ आना जरूरी है.


13- पीएम मोदी ने कहा कि बिखरी हुई दुनिया किसी के हित में नहीं है.


14- पीएम मोदी ने यहां से महात्मा गांधी का भी जिक्र किया.  उन्होंने कहा कि मेरे लिए गौरव का अवसर है कि संयक्त राष्ट्र महासभा के 74वें सत्र को 130 करोड़ भारतीयों की तरफ से संबोधित कर रहा हूं. यह अवसर इसलिए भी विशेष है क्योंकि इस वर्ष पूरा विश्व महात्मा गांधी की 150वीं जयंत मना रहा है. उनका सत्य और अहिंसा का संदेश आज भी दुनिया के लिए प्रासंगिक है.


15- पीएम मोदी ने अपने भाषण में तमिल कवि कणियन पूकुन्रनार का भी नाम लिया. उन्होंने कहा कि आज से 3000 साल पहले तमिल कवि कणियन पूकुन्रनार ने कहा था, यादम उरे, यावरुम केड़ीर यानी हम सभी स्थानों के लिए अपनेपन का भाव रखते हैं और सभी लोग हमारे अपने हैं. यह तीन हजार साल पहले की बात है. देश की सीमाओं से परे अपनत्व की यही भावना भारत की विशेषता है.


16- पीएम मोदी ने सौर्य उर्जी की भी बात कही. उन्होंने कहा कि हम 450 गीगा वॉट रिनेवेबल एनर्जी की दिशा में काम कर रहे है. भारत ने सीडीआरआई बनाने की पहल की है. इससे ऐसे इन्फ्रास्ट्रक्चर बनाने में मदद मिलेगी जिनपर प्राकृतिक आपदाओं का प्रभाव कम से कम होगा. विश्व स्तर पर भी हम सोलर एनर्जी को प्रोत्साहित करने का काम कर रहे हैं.



 

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