पीएम मोदी के निर्वाचन पर तेज बहादुर की याचिका पर अगली सुनवाई 4 सितंबर को

पीएम मोदी की तरफ से वरिष्ठ अधिवक्ता सत्यपाल जैन और के आर सिंह ने बहस की और कहा कि तेज बहादुर वाराणसी लोकसभा क्षेत्र के वोटर नहीं हैं. नामांकन खारिज होने के चलते वह वैध उम्मीदवार नहीं हैं. याची की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता शैलेन्द्र ने अपना पक्ष रखा.

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इलाहाबाद /नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के वाराणसी लोकसभा से निर्वाचन की वैधता को चुनौती पर इलाहाबाद हाईकोर्ट में बुधवार को सुनवाई हुई. प्रधानमंत्री मोदी की ओर से इस मामले में जवाब दाखिल किया गया है. तेज बहादुर यादव की चुनाव याचिका पर पीएम मोदी की तरफ से पोषणीयता पर आपत्ति की गई है. कोर्ट ने याची अधिवक्ता को आपत्ति पर जवाब देने के लिए दो हफ्ते का समय दिया है. इस मामले पर अब अगली सुनवाई 4 सितंबर को होगी.

पीएम मोदी की तरफ से वरिष्ठ अधिवक्ता सत्यपाल जैन और के आर सिंह ने बहस की और कहा कि तेज बहादुर वाराणसी लोकसभा क्षेत्र के वोटर नहीं हैं. नामांकन खारिज होने के चलते वह वैध उम्मीदवार नहीं हैं. याची की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता शैलेन्द्र ने अपना पक्ष रखा.

पीएम मोदी की तरफ से आपत्ति की गई है कि सी पी सी के आदेश 7 नियम 11 और जनप्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 86 (1) के तहत याचिका बिना कारण स्पष्ट किए दाखिल की गई है. इसी आधार पर पीएम मोदी की तरफ से याचिका खारिज करने की मांग की गई है. पीएम मोदी के वकील ने कहा चुनाव में किसी प्रकार की गड़बड़ी नहीं है. जस्टिस एम के गुप्ता की एकलपीठ में इस मामले की सुनवाई हुई है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सामने इस सीट पर कांग्रेस के अजय राय और गठबंधन से सपा प्रत्याशी शालिनी यादव ने चुनाव लड़ा था वहीं इस सीट पर पूर्व फौजी तेज बहादुर यादव भी इस सीट से चुनाव मैदान में उतरे थे, लेकिन उनका नामांकन रद्द हो गया था. इसमें चुनाव आयोग ने उन्हें नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट लाने के लिए कहा था. इसके बाद तेज बहादुर ने कहा था कि उन्होंने समय से सभी दस्तावेज चुनाव आयोग को दे दिए थे.

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