PM मोदी ने किया नए कश्‍मीर और नए लद्दाख का वादा, बोले- अलगाववाद-आतंकवाद से मिलेगी मुक्‍ति

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राष्ट्र के नाम संबोधन दे रहे हैं. उनके संबोधन के लाइव अपडेट्स को यहां देख सकते हैं. जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने के बाद पीएम मोदी पहली बार देश को संबोधित कर रहे हैं.

0 921,240

My address to the people of India.

My address to the people of India.

Narendra Modi यांनी वर पोस्ट केले गुरुवार, ८ ऑगस्ट, २०१९

 

नई दिल्ली:  जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने जाए और जम्मू कश्मीर को बांटकर दो नए राज्य के गठन और उसे केंद्र शासित राज्य करने के अपनी सरकार के फैसले पर पीएम मोदी ने कश्मीर की जनता को बड़ा भरोसा दिलाया है. पीएम मोदी ने अपने दूसरे कार्यकाल के पहले राष्ट्र के नाम संबोधन में कश्मीर में अनुच्छेद 370 के जाने से पैदा सूरतेहाल पर चर्चा की. उन्होंने जम्मू-कश्मीर के लोगों को हालात से नहीं घबराने और इसे एक अवसर के तौर पर लेने को कहा. साथ ही पीएम मोदी ने ये भी वादा किया कि जैसे ही सूबे में हालात सामन्य होंगे, सूबे को पूर्ण राज्य का दर्जा वापस दे दिया जाएगा.

 

  • जम्‍मू-कश्‍मीर से अनुच्‍छेद 370 समाप्‍त होने के बाद पीएम मोदी ने देश को संबोधित किया. उन्होंने कहा कि देश ने एक ऐतिहासिक फैसला लिया है. पटेल-अंबेडकर और अटलजी का सपना पूरा हुआ है. अपने स्पीच के दौरान पीएम मोदी ने नए कश्‍मीर और नए लद्दाख का भी वादा किया. राष्ट्र के नाम संबोधन में पीएम मोदी ने भरोसा दिलाया कि वहां के लोगों को अलगाववाद और आतंकवाद से मुक्‍ति मिलेगी. पीएम मोदी ने कहा कि अनुच्छेद 370 के बारे में मान लिया गया था कि ये बदलेगा ही नहीं. इससे जो हानि हो रही थी, उसकी चर्चा ही नहीं हो रही थी.

 

  • पीएम मोदी ने कहा कि जम्मू कश्मीर को केंद्र शासित राज्य बनाने का मामला हमेशा नहीं है, बल्कि इस तात्कालिक है और जैसे ही स्थिति सामान्य होगी, जम्मू कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा लौटा दिया जाएगा. पीएम मोदी ने इस अवसर पर साफ किया कि पूरे पारदर्शी माहौल में विधानसभा के चुनाव होंगे और लोगों को अपने प्रतिनिधि चुनने का मौका मिलेगा.
  • पीएम मोदी ने कहा कि देश के अन्य राज्यों में सफाई कर्मचारियों के लिए सफाई कर्मचारी एक्ट लागू है, लेकिन जम्मू-कश्मीर के सफाई कर्मचारी इससे वंचित थे. देश के अन्य राज्यों में दलितों पर अत्याचार रोकने के लिए सख्त कानून लागू है,  लेकिन जम्मू-कश्मीर में ऐसा नहीं था. उन्होंने कहा कि अनुच्छेद 370 और 35ए ने जम्मू कश्मीर को अलगाववाद, आतंकवाद, परिवारवाद और व्यवस्था में बड़े पैमाने पर फैले भ्रष्टाचार के अलावा कुछ नहीं दिया. इसके कारण तीन दशक में राज्य में 42 हजार निर्दोष लोग मारे गए.

पीएम मोदी ने कहा कि आप ये जानकर चौंक जाएंगे कि जम्मू-कश्मीर में दशकों से, हजारों की संख्या में ऐसे भाई-बहन रहते हैं, जिन्हें लोकसभा के चुनाव में तो वोट डालने का अधिकार था, लेकिन वो विधानसभा और स्थानीय निकाय के चुनाव में मतदान नहीं कर सकते थे. पीएम मोदी ने कहा कि हम सभी चाहते हैं कि आने वाले समय में जम्मू-कश्मीर विधानसभा के चुनाव हों, नई सरकार बने, मुख्यमंत्री बनें. मैं जम्मू-कश्मीर के लोगों को भरोसा देता हूं कि आपको बहुत ईमानदारी के साथ, पूरे पारदर्शी वातावरण में अपने प्रतिनिधि चुनने का अवसर मिलेगा. उन्होंने कहा कि जैसे पंचायत के चुनाव पारदर्शिता के साथ संपन्न कराए गए, वैसे ही विधानसभा के भी चुनाव होंगे. मैं राज्य के गवर्नर से ये भी आग्रह करूंगा कि ब्लॉक डवलपमेंट काउंसिल का गठन, जो पिछले दो-तीन दशकों से लंबित है, उसे पूरा करने का काम भी जल्द से जल्द किया जाए.

 

प्रधानमंत्री के संबोधन की खास बाते-

 

  • आइए, हम सब मिलकर नए भारत के साथ अब नए जम्मू-कश्मीर और नए लद्दाख का भी निर्माण करें.
  • मैं जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के अपने भाइयों और बहनों से आह्वान करता हूं…आइए, हम सब मिलकर दुनिया को दिखा दें कि इस क्षेत्र के लोगों का सामर्थ्य कितना ज्यादा है, यहां के लोगों का हौसला, उनका जज्बा कितना ज्यादा है.
  • ये फैसला जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के साथ ही पूरे भारत की आर्थिक प्रगति में सहयोग करेगा.
  • ईद का मुबारक त्योहार भी नजदीक है. ईद के लिए मेरी ओर से सभी को बहुत-बहुत शुभकामनाएं. सरकार इस बात का ध्यान रख रही है कि जम्मू-कश्मीर में ईद मनाने में लोगों को कोई परेशानी न हो. हमारे जो साथी जम्मू-कश्मीर से बाहर रहते हैं और ईद पर अपने घर वापस जाना चाहते हैं, उनको भी सरकार हर संभव मदद कर रही है.
  • जम्मू-कश्मीर के साथियों को भरोसा देता हूं कि धीरे-धीरे हालात सामान्य हो जाएंगे और उनकी परेशानी भी कम होती चली जाएगी.
  • अनुच्छेद 370 से मुक्ति एक सच्चाई है, लेकिन सच्चाई ये भी है कि इस समय ऐहतियात के तौर पर उठाए गए कदमों की वजह से जो परेशानी हो रही है, उसका मुकाबला भी वही लोग कर रहे हैं.
  • लोकतंत्र में ये बहुत स्वाभाविक है कि कुछ लोग इस फैसले के पक्ष में हैं और कुछ को इस पर मतभेद है. लेकिन मेरा उनसे आग्रह है कि वो देशहित को सर्वोपरि रखते हुए व्यवहार करें और जम्मू-कश्मीर-लद्दाख को नई दिशा देने में सरकार की मदद करें.
  • लद्दाख के नौजवानों को अच्छी शिक्षा के लिए बेहतर संस्थान मिलेंगे. वहां के लोगों को अच्छे अस्पताल मिलेंगे. इंफ्रास्ट्रक्चर का और तेजी से आधुनिकीकरण होगा.
  • सोलर पावर जनरेशन का भी लद्दाख बहुत बड़ा केंद्र बन सकता है.
  • लद्दाख में स्पिरिचुअल टूरिज्म, एडवेंचर टूरिज्म और इको टूरिज्म का सबसे बड़ा केंद्र बनने की क्षमता है.
  • केंद्र शासित प्रदेश बन जाने के बाद अब लद्दाख के लोगों का विकास भारत सरकार की विशेष जिम्मेदारी है. स्थानीय प्रतिनिधियों, लद्दाख और करगिल की डवलपमेंट काउंसिल्स के सहयोग से केंद्र सरकार विकास की तमाम योजनाओं का लाभ अब और तेजी से पहुंचाएगी.
  • जम्मू-कश्मीर के केसर का रंग हो या कहवा का स्वाद, सेब का मीठापन हो या खुबानी का रसीलापन,  कश्मीरी शॉल हो या फिर कलाकृतियां, लद्दाख के ऑर्गैनिक प्रॉडक्ट्स हों या हर्बल मेडिसिन… इसका प्रसार दुनियाभर में किए जाने का जरूरत है.

-दशकों के परिवारवाद ने जम्मू-कश्मीर के युवाओं को नेतृत्व का अवसर ही नहीं दिया. मैं नौजवानों, वहां की बहनों-बेटियों से आग्रह करूंगा कि अपने क्षेत्र के विकास की कमान खुद संभालिए. मुझे पूरा विश्वास है कि जम्मू-कश्मीर की जनता, गुड गवर्नेंस और पारदर्शिता के वातावरण में नए उत्साह के साथ अपने लक्ष्यों को हासिल करेगी. मुझे पूरा विश्वास है कि जम्मू-कश्मीर की जनता अलगाववाद को परास्त करके नई आशाओं के साथ आगे बढ़ेगी. मैं राज्य के गवर्नर से ये भी आग्रह करूंगा कि ब्लॉक डवलपमेंट काउंसिल का गठन, जो पिछले दो-तीन दशकों से लंबित है, उसे पूरा करने का काम भी जल्द से जल्द किया जाए.

-जम्मू कश्मीर में जैसे पंचायत के चुनाव पारदर्शिता के साथ हुए, वैसे ही विधानसभा के भी चुनाव होंगे. जम्मू कश्मीर में राजस्व घाटा बहुत ज्यादा है. केंद्र सरकार सुनिश्चित करेगी की इसके प्रभाव को कम किया जाए. लद्दाख केंद्र शासित प्रदेश बना रहेगा. हालात सुधरने के बाद जम्मू कश्मीर को पूर्ण राज्य बनाया जाएगा. जम्मू-कश्मीर प्रशासन में एक नई कार्य संस्कृति लाने, पारदर्शिता लाने की कोशिश की है. इसी का नतीजा है कि IIT, IIM, एम्स, पावर प्रोजेक्ट्स या फिर एंटी करप्शन ब्यूरो इन सबके काम में तेजी आई है.

-केंद्र की पब्लिक सेक्टर यूनिट्स और प्राइवेट सेक्टर की कंपनियों को भी रोजगार उपलब्ध कराने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा. जल्द ही जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में केंद्रीय और राज्य के रिक्त पदों को भरने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी. इससे स्थानीय नौजवानों को रोजगार के अवसर उपलब्ध होंगे. नई व्यवस्था में केंद्र सरकार की ये प्राथमिकता रहेगी कि राज्य के कर्मचारियों को, जम्मू-कश्मीर पुलिस को, दूसरे केंद्र शासित प्रदेश के कर्मचारियों और वहां की पुलिस के बराबर सुविधाएं मिलें.

-देश के अन्य राज्यों में दलितों पर अत्याचार रोकने के लिए सख्त कानून लागू है, लेकिन जम्मू-कश्मीर में ऐसे कानून लागू नहीं होते थे. देश के अन्य राज्यों में सफाई कर्मचारियों के लिए सफाई कर्मचारी एक्ट लागू है, लेकिन जम्मू-कश्मीर के सफाई कर्मचारी इससे वंचित थे. हमारे देश में कोई भी सरकार हो, वो संसद में कानून बनाकर देश की भलाई के लिए काम करती है. आर्टिकल 370 और 35ए इन दोनों अनुच्छेद का देश के खिलाफ कुछ लोगों की भावनाएं भड़काने के लिए पाकिस्तान की ओर से एक शस्त्र की तरह उपयोग किया जा रहा था.

-आर्टिकल 370 और 35ए ने जम्मू कश्मीर को अलगाववाद, आतंकवाद, परिवारवाद और व्यवस्थाओं में बड़े पैमाने में फैले भ्रष्टाचार के अलावा कुछ नहीं दिया. समाज जीवन में कुछ बातें, समय के साथ इतनी घुल-मिल जाती हैं कि कई बार उन चीजों को स्थायी मान लिया जाता है. अनुच्छेद 370 के साथ भी ऐसा ही भाव था. उससे जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के हमारे भाई-बहनों की जो हानि हो रही थी, उसकी चर्चा ही नहीं होती थी. जो सपना सरदार पटेल का था, बाबा साहेब अंबेडकर का था, डॉक्टर श्यामा प्रसाद मुखर्जी का था, अटल जी और करोड़ों देशभक्तों का था, वो अब पूरा हुआ है. अब देश के सभी नागरिकों के हक और दायित्व समान हैं.

-एक राष्ट्र के तौर पर, एक परिवार के तौर पर, आपने, हमने, पूरे देश ने एक ऐतिहासिक फैसला लिया है. एक ऐसी व्यवस्था, जिसकी वजह से जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के हमारे भाई-बहन अनेक अधिकारों से वंचित थे, जो उनके विकास में बड़ी बाधा थी, वो हम सबके प्रयासों से अब दूर हो गई है. जम्मू कश्मीर के लोग तमाम अधिकारों से वंचित थे. जम्मू कश्मीर और लद्दाख के लोगों को बहुत-बहुत बधाई.

Leave A Reply

Your email address will not be published.