भड़काऊ भाषण मामला: ओवैसी-पठान समेत गांधी परिवार के खिलाफ FIR की मांग पर केंद्र को HC का नोटिस

दिल्ली हाई कोर्ट में आज तीन अलग-अलग याचिकाओं पर सुनवाई हुई. फिलहाल अब इन सभी याचिकाओं की सुनवाई एक साथ यानी 13 अप्रैल को होगी.

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नई दिल्ली। दिल्ली हाई कोर्ट ने केंद्र और दिल्‍ली सरकार को नागरिकता संशोधन कानून (CAA) को लेकर हो रहे विरोध प्रदर्शन के पीछे राष्ट्र विरोधी ताकतों का हाथ होने की जांच की याचिका को लेकर नोटिस जारी किया है। ऐसी आशंका जताई जा रही है कि हिंसा के पीछे किसी विशेष संगठन का हाथ है। इसके साथ ही कोर्ट ने केंद्र सरकार को हिंदू सेना की अपील पर एआइएमआइएम नेता अबरुद्दीन औवेसी, असदुद्दीन ओवैसी और वारिस पठान को भड़काऊ भाषण देने के आरोप में एफआइआर दर्ज करने की मांग पर नोटिस जारी किया है।

विपक्षी पार्टी की बड़े चेहरों पर लगा भड़काऊ बयान देने का आरोप

 

दिल्ली हाई कोर्ट में आज तीन अलग-अलग याचिकाओं पर सुनवाई हुई. इन याचिकाओं में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, राहुल गांधी, प्रियंका गांधी, असदुद्दीन ओवैसी, अकबरुद्दीन ओवैसी, वारिस पठान, दिल्ली को उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया, आम आदमी पार्टी विधायक अमानतुल्लाह खान और अभिनेत्री स्वरा भास्कर समेत अन्य लोगों पर भड़काऊ बयान देने का आरोप लगाया गया था.
हाई कोर्ट में सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता ने सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी के उस बयान को पढ़कर सुनाया जिसमें उन्होंने सीएएए का विरोध करने के लिए सड़क पर उतरने की बात कही थी. साथ ही कहा था कि कांग्रेस विरोध करने वाले लोगों के साथ खड़ी हैं.
इसके साथ ही सुनवाई के दौरान मनीष सिसोदिया के उस बयान का जिक्र किया जिसमें उन्होंने दिल्ली पुलिस पर बस में आग लगाने का आरोप लगाया था. इतना ही नहीं असदुद्दीन ओवैसी, वारिस पठान द्वारा दिये गए उस भाषण को भी कोर्ट के सामने रखा जिसमें उन्होंने कहा था कि 15 करोड़ लोग 100 करोड़ लोगों पर भारी पड़ेंगे बस 15 मिनट के लिए पुलिस हटा दो. इसके साथ ही जिन अन्य लोगों के खिलाफ आरोप लगाए गए हैं उनके बयानों की कॉपी हाईकोर्ट के सामने पेश की गई.
हाईकोर्ट ने नोटिस जारी कर पुलिस समेत सभी पक्षों से मांगा जवाब
अदालत ने तीनों ही याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए केंद्रीय गृह मंत्रालय, दिल्ली पुलिस और दिल्ली सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है कि इन तीनों पक्षों का इन याचिकाओं पर क्या कहना है. क्योंकि याचिका में मांग की गई है कि भड़काऊ बयान देने वाले सभी लोगों के खिलाफ आपराधिक मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई करनी चाहिए.
अब सभी याचिकाओं की सुनवाई होगी एक साथ
यह सभी याचिकाएं उस याचिका के बाद दाखिल हुई हैं जिसमें वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर, बीजेपी सांसद प्रवेश वर्मा, बीजेपी नेता कपिल मिश्रा और लक्ष्मी नगर से बीजेपी के विधायक अभय वर्मा के ऊपर भड़काऊ भाषण देकर दिल्ली का माहौल खराब करने का आरोप लगाया गया था. उस याचिका पर सुनवाई करते हुए दिल्ली हाईकोर्ट की दूसरी बेंच ने दिल्ली पुलिस से इन वीडियोज को देखकर कानून के हिसाब से उचित कार्रवाई करने की बात कही थी. फिलहाल अब इन सभी याचिकाओं की सुनवाई एक साथ यानी 13 अप्रैल को होगी.

इधर, हिंसा भड़काने के आरोप में अमानतुल्लाह खान, स्वरा भास्कर के खिलाफ कार्रवाई और दिल्ली हिंसा की एनआइए से जांच करने की मांग वाली याचिका पर भी दिल्ली हाई कोर्ट ने केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया है।

बता दें कि हिंदू सेना की ओर से हाईकोर्ट से दायर याचिका में एआईएमआईएम नेता अकबरुद्दीन ओवैसी, वारिस पठान, कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया, गांधी, राहुल गांधी, प्रियंका गांधी, आप नेता मनीष सिसोदिया और अमानतुल्लाह खान के खिलाफ कार्रवाई की मांग की गई है।

याचिका में कहा गया है कि अकबरुद्दीन ओवैसी, वारिस पठान, सोनिया, गांधी, राहुल गांधी, प्रियंका गांधी, आप नेता मनीष सिसोदिया और अमानतुल्लाह खान पर भड़काऊ भाषण देने के मामले में एफआईआर दर्ज की जाए। हिंदू सेना के अलावा लॉयर्स वॉयस ने भी याचिका दाखिल की है. उन्होंने कहा कि इन बयानों की जांच के लिए एसआईटी गठित कर उचित कार्रवाई की जाए।

वारिस पठान को मिला नोटिस, कल जांच अधिकारी के समक्ष होंगे पेश

ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लमीन (एआइएमआइएम) के नेता और पूर्व विधायक वारिस पठान को 29 फरवरी को अपने बयान दर्ज कराने का आदेश दिया है। यह जानकारी कलबुर्गी के पुलिस उपायुक्त एमएन नागराज ने दी। उन्होंने बताया कि पठान को नोटिस जारी किया गया है। उन्हें जांच अधिकारी के सामने पेश होकर अपने बयान दर्ज कराने होंगे। पठान ने कुछ दिनों पहले एक रैली में विवादित बयान दिया था।उन्होंने कहा था कि हम 15 करोड़ हैं मगर 100 करोड़ के ऊपर भारी पड़ेंगे। जिसपर उनके खिलाफ मामला दर्ज किया गया है।

बता दें कि कर्नाटक के कलबुर्गी में 16 फरवरी को नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के विरोध में आयोजित एक रैली में कहा था कि हमें (मुसलमानों को) साथ मिलकर आगे बढ़ना होगा। हमें आजादी चाहिए, इस तरह की चीजें हमें केवल मांगने से नहीं मिलती है, हमें इसे छीनना पड़ता है। यहां रखना हम 15 करोड़ हैं लेकिन 100 करोड़ पर भारी है। पठान का यह बयान सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हुआ था।

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