बठिंडा. नगर निगम चुनावों से पहले सियासी सरगर्मियां तेज हो गई है। इसमें कांग्रेस ने रविवार को अकाली दल बादल को झटका देते पूर्व पाषर्द और वर्तमान में सर्कल के महासचिव की जिम्मेवारी निभा रहे वार्ड नंबर 19 से राजिन्दर सिंह (राजू मान) को सिरोपा देकर कांग्रेस में शामिल कर लिया। इस दौरान वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल ने राजू मान को सिरोपा देकर पार्टी में शामिल किया व कहा कि उन्हें कांग्रेस में उनका बनता सम्मान दिया जाएगा। मनप्रीत सिंह बादल ने कहा कि अकाली दल अपनी दोगली नीतियों के कारण एक डूबता जाहज बन गया है जिसके चलते पार्टी में लंबे समय तक काम करने वाले वर्करों व पदाधिकारियों में घुटन महसूस हो रही है व सभी कांग्रेस में शामिल हो रहे हैं। मनप्रीत सिंह बादल ने कहा कि अकाली दल ने खेती बिल पर भी दोगली नीति अपनाई इसमें पहले बिल का समर्थन किया व बाद में उसका विरोध करने लगे।
रहती कसर पिछले दिनों सुखबीर बादल ने देश के प्रधानमंत्री के बारे में गलत शब्दावली का इस्तेमाल कर निकाल दी। सुखबीर एक पार्टी के प्रधान है व उन्होंने एक गैरजिम्मेवारा बयान दिया कि उन्होंने मोदी पर बम फैंक दिया है व हरसिमरत कौर ने बजारत से इस्तिफा दे दिया। यह बात आम लोगों को भी अच्छी नहीं लगी तो भाजपा कैसे सहन करती। इसी के चलते भाजपा ने फैसला ले लिया था कि रविवार को अकाली दल के साथ गठजोड़ तोड़ देंगे। इसकी बनक लगते ही अकाली दल के प्रधान सुखबीर बादल ने रातों रात कोर कमेटी की बैठक कर गठजोड़ छोड़ने की घोषणा की। उन्होंने सवाल किया कि अगर अकाली दल को गठजोड़ छोड़ना ही था कि उसे रात 10 बजे कोर कमेटी की बैठक बुलाने की क्या मजबूरी थी।
गठजोड़ से बाहर आने के बाद अकाली दल को नुकसान के संबंध में मनप्रीत बादल ने कहा कि राजनीति वैसे अपनी खूबी पर होती है किसी की कमजोरी पर नहीं लेकिन अकाली दल जो सिखी और किसानी के दम पर राजनीति करने का दावा करता रहा वह दोनों ही वर्गों की नजरों में गिर चुका है। बहिबल कांड के बाद अकाली दल ने सिखों का विश्वास खो दिया और अब कृर्षि बिल पर किसानों की नजरों से उतर गए है। इस स्थिति में अकाली दल का राजनितिक भविष्य पूरी तरह से अस्त होने जा रहा है। कृर्षि बिल पर बोलते मनप्रीत बादल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एमएसपी पर अपने मंत्रीमंडल के साथ बयान दे चुके हैं कि वह समाप्त नहीं होगा जो काफी अहम है लेकिन वह किसानों को यह आश्वासन देने में नाकाम रहे कि जो प्राइवेट कंपनी खरीद करेगी वह एमएसपी से नीचे नहीं होगी व जो कोई कंपनी ऐसा करेगी उसके खिलाफ कानूनी कारर्वाई होगी।
सरकार की तरफ से इस बाबत ठोस आश्वासन नहीं देना ही बिल के विरोध का सबसे बड़ा कारण है। सरकार इससे पहले भी जीएसटी जैसे मुद्दे पर अपने वायदे से भागती रही है। पंजाब का 9 हजार करोड़ का जीएसी व मुआवजा राशि आज तक जारी नहीं की गई है। इससे पंजाब में शिक्षा, सेहत जैसी सुविधा पर असर पड़ा है वही जेलों में बंद कैदियों के लिए व्यवस्था करने में दिक्कत आ रही है। इस तरह की स्थिति में किसानों के अंदर बिल को लेकर सरकार की मंशा पर सवाल खड़ा करना जायज है।
वही कांग्रेस में शामिल हुए राजिन्दर सिंह मान ने कहा कि अकाली नेताओं के खेती कानूनों और दोगले स्टैंड से दुखी हो कर वह अकाली दल को छोड़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि जब कोई पार्टी अपनी जड़ से ही टूट जाए और लोगों को ही दगा दे उसका पतन होना अटल है। इसके बिना मनप्रीत सिंह बादल ने बठिंडा शहर के अलग-अलग इलाकों का दौरा कर जहां लोगों के दुख- सुख में शरीक हुए वहीं शहर के विकास कार्य सम्बन्धित भी लोगों के साथ विस्तार में चर्चा की। उन्होंने प्रताप नगर, बसंत बिहार, खद्दर भंडार वाली गली, अजीत रोड गली नंबर 3, 4, 6 और 20, पटेल नगर मंदिर, अमरीक सिंह रोड, ग्रीन सीटी, बिरला मिल, बस स्टैंड नज़दीक, शक्ति हाऊस रोड, माडल टाउन फेस 2, गणपति एन्क्लेव आदि इलाकों का दौरा किया। इस मौके उनके साथ अरुण वधावन, जगरूप सिंह गिल, के.के अग्रवाल,महोन लाल झुम्बा, मास्टर हरमन्दर सिंह, पवन मानी, राजन गर्ग, बलजिन्दर ठेकेदार भी उपस्थित थे।