Pok का इमरान खान के मुंह पर करारा तमाचा, लगे ‘वापस जाओ’ के नारे

पाकिस्‍तान के स्‍वतंत्रता दिवस पर प्रधानमंत्री इमरान खान ने पाक अधिकृत कश्‍मीर की विधानसभा को संबोधित किया. बलूचिस्‍तान के लोग इसके बाद सड़क पर उतर आए और पाकिस्‍तान के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया.

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मुजफ्फराबाद . पाकिस्‍तान की आजादी के दिन यानी 14 अगस्‍त को प्रधानमंत्री इमरान खान मुजफ्फराबाद पहुंचे. उन्‍होंने पाक अधिकृत कश्‍मीर (POK) की विधानसभा में कहा कि अगर भारत और पाकिस्तान में जंग छिड़ती है तो इसके लिए अंतरराष्‍ट्रीय समुदाय जिम्मेदार होगा. साथ ही कहा, पाकिस्तान को डर है कि भारत PoK में बालाकोट से भी बड़ी कार्रवाई कर सकता है. उन्‍होंने कहा कि पाकिस्‍तान भारत की नरेंद्र मोदी सरकार के अनुच्‍छेद-370 हटाने के खिलाफ और कश्‍मीर के लोगों के साथ खड़े हैं.

 

पाक अधिकृत कश्‍मीर के लोगों ने किया विरोध प्रदर्शन
पाक अधिकृत कश्‍मीर के लोग इसके बाद सड़क पर उतर आए. PoK की आजादी की लड़ाई लड़ रहे लोगों ने जमकर विरोध प्रदर्शन किया. इस दौरान लोगों ने पाकिस्‍तानी फासिस्‍ट गो बैक और इमरान वापस जाओ के नारे लगाए. इससे पहले भी जम्‍मू-कश्‍मीर से अनुच्‍छेद-370 हटाने के फैसले के बाद गिलगिट-बल्टिस्‍तान के लोगों ने मोदी सरकार से उनके बारे में भी विचार करने और उन्‍हें भारत की संसद में विधायी अधिकार देने की मांग की थी.

सोशल मीडिया पर छाया बलूचिस्‍तान का विरोध
पाकिस्‍तान के स्‍वतंत्रता दिवस पर #BalochistanSolidarityDay और #14AugustBlackDay ट्रेंड कर रहा है. पाकिस्‍तान के दक्षिण-पश्‍चिमी भाग में स्थित बलूचिस्‍तान के लोगों ने स्‍वतंत्रता दिवस पर अपनी आजादी की मांग की. #BalochistanSolidarityDay 1,00,000 से ज्‍यादा और #14AugustBlackDay 54,000 से ज्‍यादा ट्वीट के साथ सोशल मीडिया पर छा गया. बता दें कि बलूचिस्‍तान के लोग 1948 से पाकिस्‍तान के अवैध कब्‍जे से आजाद होने की लड़ाई लड़ रहे हैं.

बलूचिस्‍तान ने चीन पर भी लगाए गंभीर आरोप
बलूचिस्‍तान में भरपूर प्राकृतिक गैस भंडार मौजूद हैं. बलूचिस्‍तान ने आरोप लगाया है कि चीन-पाकिस्‍तान आर्थिक गलियारा (CPEC) बनने के बाद चीन उसके प्राकृतिक संसाधनों का दोहर कर अपने देश ले जा रहा है. जहां पाकिस्‍तान बार-बार कश्‍मीर में लोगों पर अत्‍याचार की झूठी कहानी सुनाकर थक चुका है और उसे इस मुद्दे पर किसी देश का साथ नहीं मिल रहा है. वहीं, अंतरराष्‍ट्रीय समुदाय बलूचिस्‍तान में आम लोगों के मानवाधिकारों के हनन पर पहले ही चिंता जता चुका है.

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