महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने अश्लील कार्टून और अश्लील एनीमेटेड तस्वीरों को भी बच्चों के खिलाफ बाल यौन अपराध संरक्षण कानून (POCSO) के अंतर्गत दंडनीय अपराधों की श्रेणी में लाए जाने की बात कही है.
बच्चों की नकल करने वाली पॉर्न पर भी होगी कार्रवाई
नए POCSOएक्ट के अनुसार अगर कोई शख्स किसी अश्लील वीडियो या तस्वीर में बच्चों की नकल करते हुए कोई अश्लील कृत्य कर रहा होगा तो यह भी बच्चों के प्रति यौन अपराध संरक्षण कानून (POCSO) के तहत दंडनीय अपराध की श्रेणी में आएगा.
सरकार के पास रहेगा बच्चों के प्रति यौन अपराध करने वाले सभी अपराधियों का पूरा डेटा मंत्रालय ने नेशनल क्राइम रिकॉर्ड्स ब्यूरो को यह भी सुझाया है कि वह अबसे बच्चों के प्रति यौन अपराध मामलों के डेटा को नए सुधारों के हिसाब से तय करे.
महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने कहा है कि राष्ट्रीय अपराध रिकॉड्स ब्यूरो इस तरह से बच्चों के प्रति यौन अपराध करने वालों के बारे में जानकारियां रखे कि ऐसे मामलों में कुल कितने अपराधी हैं और उनके अपराध कितने जघन्य हैं.
जो भी व्यक्ति बच्चों को जल्दी बालिग बनाने के लिए कोई दवा या हार्मोन आदि के इंजेक्शन देने का अपराध करेगा उसे कम से कम 5 साल की सजा होगी. जिसे बढ़ाकर 7 साल तक भी बढ़ाया जा सकता है. इसके साथ ही उस व्यक्ति को जुर्माना भी देना होगी. यही सजा किसी ऐसे अपराध को करने के लिए किसी को प्रेरित करने, किसी को इसका लालच देने या किसी को ऐसा करने के लिए मजबूर करने पर भी लागू होगी.
सरकार के पास रहेगा बच्चों के प्रति यौन अपराध करने वाले सभी अपराधियों का पूरा डेटा
मंत्रालय ने नेशनल क्राइम रिकॉर्ड्स ब्यूरो को यह भी सुझाया है कि वह अबसे बच्चों के प्रति यौन अपराध मामलों के डेटा को नए सुधारों के हिसाब से तय करे.
महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने कहा है कि राष्ट्रीय अपराध रिकॉड्स ब्यूरो इस तरह से बच्चों के प्रति यौन अपराध करने वालों के बारे में जानकारियां रखे कि ऐसे मामलों में कुल कितने अपराधी हैं और उनके अपराध कितने जघन्य हैं.