PMC बैंक के रिकॉर्ड से 10.5 करोड़ गायब, 6500 करोड़ का है घोटाला

बैंक की आंतरिक जांच टीम के अनुसार उन्हें जो चेक मिले हैं, वे 10 करोड़ रुपये से ज्यादा के हैं। बाकी के 50-55 लाख रुपये का कोई हिसाब नहीं है। पिछले दो साल में बैंक के पूर्व मैनेजिंग डायरेक्टर जॉय थॉमस को एचडीआईएल और ग्रुप की कंपनियों ने चेक भेजे थे, जो जमा नहीं किए गए लेकिन कंपनी को पैसे दे दिए गए थे। संभावना है कि थॉमस ने 50-55 लाख रुपये अपने पास रख लिए हों।

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नई दिल्ली।  23 सितंबर को भारतीय रिजर्व बैंक ( RBI ) ने छह महीनों तक पंजाब एंड महाराष्ट्र को-ऑपरेटिव बैंक ( PMC ) पर रोक लगा दी थी। अब इस मामले में एक चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। बैंक की आंतरिक जांच टीम ने कहा है कि पीएमसी बैंक के रिकॉर्ड से कुल 10.5 करोड़ रुपये नकद गायब है।

चेक जमा किए बिना दिए गए पैसे

टीम को घोटाले में आरोपी रियल एस्टेट कंपनी हाउसिंग डेवलपमेंट एंड इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड ( HDIL ) और इसकी संबंधित कंपनियों द्वारा जारी किए गए कई चेक मिले हैं। हैरानी की बात ये है कि कंपनी द्वारा जारी किए गए ये चेक बैंक में जमा ही नहीं किए गए। तब भी उन्हें नकद दे दिया गया है।

4,355 नहीं बल्कि 6500 करोड़ का है घोटाला

इतना ही नहीं, जांच टीम ने एक और खुलासा किया है। टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के अनुसार, यह घोटाला 6500 करोड़ रुपये से ज्यादा का है। पहले बात सामने आई थी कि यह घोटाला 4,355 करोड़ रुपये का है। इसलिए एफआईआर में घोटाले की राशि की हेराफेरी की धारा भी जोड़ी जा सकती है।

50-55 लाख रुपये का कोई हिसाब नहीं

बैंक की आंतरिक जांच टीम के अनुसार उन्हें जो चेक मिले हैं, वे 10 करोड़ रुपये से ज्यादा के हैं। बाकी के 50-55 लाख रुपये का कोई हिसाब नहीं है। पिछले दो साल में बैंक के पूर्व मैनेजिंग डायरेक्टर जॉय थॉमस को एचडीआईएल और ग्रुप की कंपनियों ने चेक भेजे थे, जो जमा नहीं किए गए लेकिन कंपनी को पैसे दे दिए गए थे। संभावना है कि थॉमस ने 50-55 लाख रुपये अपने पास रख लिए हों।

कुल कर्ज का दो-तिहाई हिस्सा एचडीआईएल को

मामले में एक सूत्र ने बताया कि, ‘यह आश्चर्य की बात है कि बैंक की तरफ से बांटे गए कुल कर्ज का दो-तिहाई हिस्सा सिर्फ एक ही कंपनी को दिया गया। उसने कहा कि हो सकता है कि बैंक साल 2008 से ही फर्जीवाड़ा कर रहा है। पिछले 10 सालों से हाउसिंग कंपनी एचडीआईएल को पैसे दिलाने के लिए बैंक ने कईं डमी खाते खोले थे।
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बैंक के चेयरमैन वरयाम सिंह एचडीआईएल के बोर्ड में शामिल थे। बैंक द्वारा एचडीआईएल को रिलेटेड पार्टी ट्रांजेक्शन के तौर पर कितना कर्ज दिया गया, इसका खुलासा नहीं किया गया था, जो नियमों के विरुद्ध है।

संपत्तियां बेचकर रकम चुकाने के लिए तैयार

HDIL के प्रमोटर अपनी अटैच संपत्ति बेचकर रकम चुकाने के लिए तैयार हैं। एडीआईएल के प्रमोटर राकेश और सारंग वधावन ने वित्त मंत्रालय, भारतीय रिजर्व बैंक ( RBI ) और जांच एजेंसियों को पत्र लिखा था। पत्र में उन्होंने अपना एयरक्राफ्ट, अल्ट्रा लग्जरी कारें और याट-बोट समेत 18 अटैच संपत्तियों को नीलाम करने की बात कही है। राकेश वाधवन और उनके बेटे सारंग 23 अक्तूबर तक न्यायिक हिरासत में हैं। अदालती कार्यवाही के दौरान पीएमसी बैंक के कई खाताधारकों ने कोर्ट के बाहर प्रदर्शन किया और अपना पैसा जल्द से जल्द वापस दिलाने की मांग की।

पीएमसी के पूर्व निदेशक अरोड़ा गिरफ्तार 

मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) ने पीएमसी बैंक के पूर्व निदेशक सुरजीत सिंह अरोड़ा को गिरफ्तार कर लिया। इस मामले में यह पांचवीं गिरफ्तारी है। इससे पहले अरोड़ा को ईओडब्ल्यू की विशेष जांच टीम ने पूछताछ के लिए बुलाया था। वह पीएमसी बैंक के निदेशक रहते हुए लोन कमेटी के सदस्य भी थे। ईओडब्ल्यू बैंक घोटाले के आरोप में एचडीआईएल ग्रुप के राकेश और सारंग वाधवान, पीएमसी के पूर्व चेयरमैन वरयाम सिंह तथा बैंक के पूर्व प्रबंध निदेशक जॉय थॉमस को पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है।

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