नई दिल्ली: पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली के निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज उनके घर जाकर श्रद्धांजलि दी. पीएम मोदी ने अरुण जेटली के परिवार से मुलाकात कर उन्हें सांत्वना दी. जेटली के निधन के दौरान प्रधानमंत्री तीन देशों के दौरे पर थे, पीएम मोदी ने अरुण जेटली की पत्नी संगीता जेटली और बेटे रोहन जेटली से फोन पर बात की थी. इस बातचीत के दौरान ही संगीता जेटली से पीएम मोदी से अपना दौरा जारी रखने के लिए कहा था. पीएम मोदी से पहले गृहमंत्री अमित शाह भी जेटली के घर पहुंचे थे. पीएम मोदी और अमित शाह के दौरे से पहले सुरक्षा व्यवस्था बेहद कड़ी कर दी गई थी.
Delhi: Prime Minister Narendra Modi met the family of late former Union Finance Minister #ArunJaitley at his residence, today. pic.twitter.com/zIhsWPogyl
— ANI (@ANI) August 27, 2019
इससे पहले बहरीन में भारतीय को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा था कि आज मेरा दोस्त अरुण चला गया. प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ”एक तरफ बहरीन उत्साह और उमंग से भरा हुआ है. देश कृष्ण जन्माष्टमी का उत्सव मना रहा है. उसी वक्त मैं अपने भीतर गहरा शोक, गहरा दर्द दबाकर आपके बीच खड़ा हूं. विद्यार्थी काल से जिस दोस्त के साथ मिलकर चले, राजनीतिक यात्रा साथ-साथ चली. हर पल एक दूसरे के साथ जुड़े रहना, साथ मिलकर सपनों को सजाना, सपनों को निभाना, ऐसा लंबा सफर जिस दोस्त के साथ तय किया, वह भारत का पूर्व रक्षामंत्री, पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली आज ही अपना देह छोड़ दिया.” मोदी ने भाजपा में उनके योगदान को भी याद किया.
पीएम ने आगे कहा, ”मैं कल्पना नहीं कर सकता हूं कि मैं इतना दूर यहां बैठा हूं और मेरा दोस्त चला गया. एक भारी व्यथा दुख के साथ. ये अगस्त महीना…कुछ दिन पहले हमारी पूर्व विदेश मंत्री बहन सुषमा जी चलीं गईं. आज मेरा दोस्त अरुण चला गया. मेरे सामने दुविधा का पल है. एक तरफ कर्तव्य भाव से बंधा हूं, दूसरी तरफ दोस्ती का सिलसिला भावनाओं से भरा हुआ है. मैं आज बहरीन की धरती से भाई अरुण को नमन करता हूं. इस दुख की घड़ी में भगवान उनके परिवारवालों को शक्ति दें, मैं इसकी कामना करता हूं.”
बता दें कि पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली का शनिवार को दिल्ली के एम्स अस्पताल में निधर हो गया था. जेटली लंबे समय से बीमार चल रहे थे, नौ अगस्त को उन्हें अस्पताल में भर्ती करवाया गया था. अरुण जेटली ने खराब स्वास्थ्य के चलते 2019 का लोकसभा चुनाव भी नहीं लड़ा था. उन्होंने वित्त मंत्री रहते हुए अनेक ऐसे फैसले लिए जिसे देश के इतिहास में सालों तक याद किया जाएगा.