नई दिल्ली: पीएम मोदी ने सोमवार को कहा कि संसद के लिये नए भवन और वर्तमान संसद भवन को नया स्वरूप प्रदान करने की राज्यसभा के सभापति, लोकसभा स्पीकर और सांसदों सहित विभिन्न वर्गो की मांगों सहित विभिन्न विकल्पों पर सरकार गंभीरता से विचार कर रही है. प्रधानमंत्री ने कहा कि लोकसभा अध्यक्ष और राज्यसभा के सभापति ने कहा कि जब देश 2022 में आजादी की 75वीं वर्षगांठ मनाएगा, तब संसद भवन का स्वरूप भी बदलना चाहिए. पिछले पांच साल से अनेक सांसदों से भी यहीं बात सुनता आ रहा हूं. मीडिया जगत से भी सुनता आ रहा हूं कि संसद भवन बहुत पुराना हो गया है.
संसद भवन का अच्छी तरह से उपयोग किया जाए, या कोई और भवन बनाने की जरूरत
आवास समिति, लोकसभा के तत्वावधान में नार्थ ऐवन्यू डूप्लेक्स फ्लैट्स के उद्घाटन कार्यक्रम में पीएम मोदी ने कहा, ‘सरकार ने इसे गंभीरता से लिया है. संसद भवन का अच्छी तरह से उपयोग किया जाए, या कोई और भवन बनाने की जरूरत है. अधिकारी इस पर दिमाग लगा रहे हैं.’ उन्होंने कहा कि आजादी के 75 साल पूरा होने पर इस काम को करना चाहिए. समय कम बचा है लेकिन फिर भी प्रयास किया जाना चाहिए.
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला और राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू भी कर चुके हैं मांग
गौरतलब है कि संसद के बजट सत्र के दौरान अगस्त के शुरूआत में लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला और राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू ने कहा था कि सभी की आकांक्षा है कि सबसे विशाल लोकतंत्र का संसद भवन सबसे भव्य और सबसे आकर्षक बने. ऐसे में प्रधानमंत्री से आग्रह है कि भारत की आजादी के 2022 में 75 वर्ष पूरे होने पर नये भारत के उनके संकल्प में संसद भवन के विस्तार और आधुनिकीकरण को भी सम्मिलित किया जाए.
- राज्यसभा में सभापति एम वेंकैया नायडू ने संसद भवन के 92वें वर्ष पूरे होने का जिक्र करते हुए कहा था कि साल 2022 में देश की आजादी के 75 साल पूरे हो जाएंगे और इस अवसर पर संसद भवन का विस्तार और इसका आधुनिकीकरण भी किया जाना चाहिए. बहरहाल, प्रधानमंत्री ने कहा कि आमतौर पर यह अनुभव रहा है कि जब नया सत्र शुरू होता है तब सांसदों को रहने की व्यवस्था को लेकर असुविधा का सामना करना पड़ता है.लम्बे अर्से तक होटल बुक करना पड़ता है.
व्यवस्था को स्थायी रूप से बदलते समय के अनुरूप कैसे विकसित करें, यह महत्वपूर्ण
मोदी ने कहा कि जैसे जैसे आवास खाली होते हैं, तो उसे ठीक-ठाक करना पड़ता है. ऐसे में व्यवस्था को स्थायी रूप से कैसे विकसित किया जाए और बदलते समय के अनुरूप कैसे विकसित करें, यह महत्वपूर्ण है. उन्होंने कहा कि सांसदों को स्वयं के लिये एक कमरे से ज्यादा की जरूरत नहीं होती है. लेकिन उनके क्षेत्र के लोग काफी संख्या में आते हैं और दूर दूर से आते हैं. आने वाले हर एक के मन में होता है कि रात में रूकने की व्यवस्था हो जाए. मोदी ने कहा कि जगह हो या नहीं हो, सांसद उन्हें नकार नहीं सकता है. सांसदों को पता होता है कि कितनी बड़ी कठिनाई होती है.ऐसे में गत सत्र से इस दिशा में काफी विचार विमर्श किया गया.
- उन्होंने कहा कि कुछ भवन बहुत पुराने हैं, उसमें समय समय पर मरम्मत की जरूरत होती है. नार्थ ऐवन्यू डूप्लेक्स फ्लैट्स के संदर्भ में प्रधानमंत्री ने कहा कि इसे समय से पहले और धन की बचत के साथ पूरा किया गया है और गुणवत्ता को बनाये रखा गया है. मोदी ने कहा कि इस बार संसद सत्र में बहुत उत्तम काम हुआ, इसका श्रेय हर राजनीतिक दल, सांसद और सदन संचालन करने वाले सभापति को जाता है.