शोक सभा में बोले पीएम मोदी, सुषमा स्वराज ने प्रोटोकॉल को पीपुल्स कॉल में बदला
जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम में आयोजित श्रद्धांजलि सभा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह समेत भारतीय जनता पार्टी के कई वरिष्ठ नेता मौजूद रहे.
नई दिल्ली। दिल्ली में मंगलवार को दिवंगत पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज की याद में श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया. जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम में आयोजित इस सभा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह समेत भारतीय जनता पार्टी के कई वरिष्ठ नेता मौजूद रहे. इस सभा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सुषमा स्वराज को याद करते हुए कहा कि वे ऐसी विदेश मंत्री थीं जिन्होंने प्रोटोकॉल को पीपुल्स कॉल में बदल दिया.
Delhi: Prime Minister Narendra Modi, Home Minister Amit Shah, Defence Minister Rajnath Singh and BJP Working President JP Nadda observe 2-minute silence during the condolence meet for late former Union Minister & BJP leader Sushma Swaraj at Jawaharlal Nehru Stadium. pic.twitter.com/r31jyJuPYi
— ANI (@ANI) August 13, 2019
गौरतलब है कि सुषमा स्वराज ने अपने कार्यकाल में हर उन लोगों की मदद की, जिन्होंने उनसे गुहार लगाई. यहां तक कि सोशल नेटवर्किंग साइट टि्वटर पर भी उन्होंने लोगों की शिकायतें सुनीं और तेजी से उसका निपटारा किया.
श्रद्धांजलि सभा में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, वे (सुषमा स्वराज) अपने विचारों को लेकर काफी दृढ़ थीं और उन विचारों को संजोए रखने के लिए हमेशा कोशिश भी करती रहीं. उनके भाषण केवल प्रभावी ही नहीं बल्कि काफी प्रेरणादायक भी होते थे. प्रधानमंत्री ने कहा कि जिस मंत्रालय का जिम्मा उन्हें मिला, सुषमा जी ने वहां की कार्य संस्कृति में मूलभूत बदलाव किए. विदेश मंत्रालय को अक्सर प्रोटोकॉल से जोड़ कर देखा जाता है लेकिन सुषमा जी ने एक कदम आगे बढ़ते हुए इसे पीपुल्स कॉल में बदल दिया. विदेश मंत्रालय को उन्होंने लोक हितैषी बनाया.
प्रधानमंत्री मोदी ने सुषमा स्वराज को याद करते हुए कहा, ‘सुषमा जी का भाषण प्रभावी होने के साथ-साथ, प्रेरक भी होता था. सुषमा जी के वक्तव्य में विचारों की गहराई हर कोई अनुभव करता था, तो अनुभव की ऊंचाई भी हर पल नए मानक पार करती थी. ये दोनों होना एक साधना के बाद ही हो सकता है. वसुधैव कुटुंबकम को विदेश मंत्रालय कैसे सिद्ध कर सकता है, उन्होंने विश्वभर में फैले भारतीय समुदाय के लोगों के माध्यम से ये कर के दिखाया.’