राम मंदिर ट्रस्ट पर लोकसभा में बोल रहे हैं पीएम मोदी, कहा- ट्रस्ट का नाम ‘श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र’ होगा

पीएम मोदी ने कहा कि इस मुद्दे को लेकर सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मुताबिक एक योजना तैयार की है. मोदी ने बताया कि ट्रस्ट का नाम श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र होगा.

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नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लोकसभा में राम मंदिर ट्रस्ट पर बोल रहे हैं. पीएम मोदी ने कहा कि राम मंदिर पर सुप्रीम कोर्ट के आदेश को ध्यान में रखते हुए राम मंदिर ट्रस्ट को लेकर कई महत्वपूर्ण फैसले किए हैं. पीएम मोदी ने कहा कि इस मुद्दे को लेकर सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मुताबिक एक योजना तैयार की है. मोदी ने बताया कि ट्रस्ट का नाम श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र होगा.

मोदी कैबिनेट से आज राम मंदिर ट्रस्ट को मंजूरी मिल गई है. संसद में पीएम नरेंद्र मोदी ने बताया कि ‘श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र’ के गठन का प्रस्ताव रखा. उन्होंने बताया कि कैबिनेट की बैठक में सरकार ने यह फैसला किया है.

सुप्रीम कोर्ट ने 9 नवंबर को अयोध्या मामले में फैसला सुनाया था। -फाइल फोटो

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद में कहा कि 67.03 एकड़ जमीन ट्रस्ट को दी जाएगी. सूत्रों के मुताबिक, पीएम मोदी ट्रस्ट के सदस्यों के नाम का भी ऐलान कर सकते हैं. सुप्रीम कोर्ट के फैसले के 87 दिन बाद इसकी रूपरेखा तैयार हो चुकी है. सूत्रों के मुताबिक, इस ट्रस्ट में महंत नृत्य गोपाल दास को बड़ी जिम्मेदारी मिल सकती है.

राम मंदिर ट्रस्ट में दिगंबर अखाड़ा, निर्मोही अखाड़ा और रामलला विराजमान तीनों से एक-एक सदस्य को शामिल किया जाएगा. सूत्रों के मुताबिक, मोदी सरकार इस ट्रस्ट से अपने आपको लगभग अलग रखना चाहती है, इसलिए किसी पदेन अधिकारी को इसमें जगह मिलने की गुंजाइश कम लग रही है, हालांकि कुछ पूर्व नौकरशाह नामित हो सकते हैं.

केंद्र सरकार ने बुधवार को राम मंदिर निर्माण ट्रस्ट का गठन कर दिया। इसमें 12 सदस्य होंगे। सुप्रीम कोर्ट ने 9 नवंबर को अयोध्या मामले में फैसला सुनाया था। इसमें 3 महीने के अंदर ट्रस्ट के गठन की बात कही थी। यही ट्रस्ट राम मंदिर का निर्माण करेगा। सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में मंदिर को लेकर एक योजना बनाने के भी निर्देश दिए थे। केंद्र आज ही यह योजना ट्रस्ट को सौंपेगा। ट्रस्ट का पंजीकरण दिल्ली में होगा।

67 एकड़ जमीन सौंपी जाएगी

अयोध्या एक्ट के तहत अधिग्रहीत 67 एकड़ भूमि भी ट्रस्ट को सौंपनी है। इसके साथ ही याेगी कैबिनेट अयोध्या में मस्जिद निर्माण के लिए 5 एकड़ जमीन सुन्नी वक्फ बोर्ड को सौंपने की मंजूरी देगी। भूमि आवंटन का पत्र भी बोर्ड को सौंपा जाएगा। संभावना है कि अयोध्या के पास लखनऊ हाईवे पर रौनाही के धन्नीपुर में चिह्नित 5 एकड़ भूमि वक्फ बोर्ड को दी जाए।

चारों मठों के शंकराचार्य हाेंगे ट्रस्ट में शामिल

ट्रस्ट के सदस्यों को लेकर शुरू से अटकलें जारी हैं। शुरू में प्रधानमंत्री, गृह मंत्री, यूपी के मुख्यमंत्री और राज्यपाल काे संरक्षक बनाने की अटकलें थीं। लेकिन अब ट्रस्ट को संपूर्ण समाज के प्रतिनिधि की संस्था के रूप में तैयार करने के संकेत हैं। सूत्रों के अनुसार, आदि शंकराचार्य द्वारा स्थापित चारों मठों के शंकराचार्य ट्रस्ट में शामिल हाेंगे। अयोध्या से महंत नृत्य गोपाल दास, दिगंबर अनी अखाड़े के महंत सुरेश दास, निर्मोही अखाड़े के महंत दीनेंद्र दास, गोरक्षपीठ गोरखपुर के प्रतिनिधि, कर्नाटक के उडुपी पेजावर मठ के प्रतिनिधि, विहिप से ओम प्रकाश सिंघल, उपाध्यक्ष चंपतराय, राम मंदिर आंदोलन को आमजन तक पहुंचाने वाले दिवंगत अशोक सिंघल के भतीजे सलिल, दिवंगत विष्णुहरि डालमिया के परिवार से पुनीत डालमिया, एक दलित प्रतिनिधि और एक महिला प्रतिनिधि ट्रस्ट में शामिल हाेंगी। केंद्र सरकार के प्रतिनिधि के रूप में संयुक्त सचिव स्तर के अधिकारी, प्रदेश सरकार के प्रतिनिधि के रूप में अयोध्या के डीएम काे भी ट्रस्ट में शामिल किया जा सकता है।

अयोध्या में सुरक्षा के कड़े इंतजाम होंगे
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के क्रियान्वयन के साथ ही अयोध्या में सुरक्षा कड़ी करने की तैयारी है। राज्य में पिछले दिनाें सीएए के विराेध में हुई हिंसा के तार पीएफआई सहित कुछ अन्य संगठनाें से जुड़े हैं। उसे ध्यान में रखकर राज्य सरकार अतिरिक्त सतर्कता बरत रही है। अयोध्या के श्रीरामलला मंदिर पर 2005 में आतंकवादी हमला भी हाे चुका है।

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