बठिंडा के परसराम नगर में नकली मशीन से हो रही थी लिंग की जांच, दो नर्स , एक अस्पताल का पीआरओ सहित चार गिरफ्तार

एक मकान में मशीन लगाकर गर्भवती महिलाओं की 20 हजार रुपए में जांच की जाती है। इसी सूचना के बाद जिला भलाई अफसर तरनताारन डा. सुमीत सिंह, जिला भलाई अफसर फतेहगढ़ साहिब डा. करण सागर को जांच के लिए बठिंडा भेजा गया। जहां टीम ने सिविल सर्जन डा. अमरिक सिंह संद्धू से संपर्क किया। सिविल सर्जन ने डा. गुरदीप सिंह व डा. सुमन वर्मा की अगुवाई में दो सदस्यों को पहले से बनी टीम के साथ भेज दिया।

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बठिंडा . डायरेक्टर हेल्थ डिपार्टमेंट चंडीगढ़ के निर्देश पर सिविल सर्जन बठिंडा ने टीम का गठन कर बठिंडा में भ्रूण जांच करवाने के नाम पर चल रहे गिरोह का पर्दाफाश किया गया है। इस गिरोह में शामिल चार लोगों को मौके पर गिरफ्तार किया गया है। इसमें दो महिलाएं व दो पुरुष है जबकि एक व्यक्ति निजि अस्पताल में पीआरओ का काम करता था। वहीं से वह गर्भवती महिलाओं को अपने चुंगल में फंसा कर उन्हें भ्रूण जांच करवाने के लिए उत्साहित करता था। गिरोह की तरफ से भ्रूण जांच के लिए जो मशीन लगाई गई थी वह असली नहीं डमी थी जिसमें लोगों को बेवकूफ बनाकर उनकी जांच की जाती थी व इस एवज में मोटी राशि वसूल की जा रही थी। बठिंडा में लगातार दूसरे दिन भ्रूण जांच करवाने के नाम पर चल रहे गौरखधंधे का खुलासा हुआ है। इससे पहले शुक्रवार को बठिंडा में एक नीजि अस्पताल में भ्रूण जांच करवाने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया गया था।

जानकारी अनुसार डायरेक्टर सेहत व परिवार भलाई विभाग के पीएनडीटी सेल के पास शिकायत मिली थी कि बठिंडा के शहरी इलाके में स्थित परसराम नगर गली नंबर 29 में लिंग जांच का काम चल रहा है। यहां एक मकान में मशीन लगाकर गर्भवती महिलाओं की 20 हजार रुपए में जांच की जाती है। इसी सूचना के बाद जिला भलाई अफसर तरनताारन डा. सुमीत सिंह, जिला भलाई अफसर फतेहगढ़ साहिब डा. करण सागर को जांच के लिए बठिंडा भेजा गया। जहां टीम ने सिविल सर्जन डा. अमरिक सिंह संद्धू से संपर्क किया। सिविल सर्जन ने डा. गुरदीप सिंह व डा. सुमन वर्मा की अगुवाई में दो सदस्यों को पहले से बनी टीम के साथ भेज दिया। इसके बाद एक गर्भवती महिला को नकली ग्राहक बनाकर तैयार किया गया। जिसे पहले से तय दलाल से संपर्क करवाकर 20 हजार की नगदी देकर भेजा गया। महिला जब परसराम नगर स्थित गली नंबर 29 में लिंग जांच वाली जगह पहुंची व जांच करवा ली तो सेहत विभाग की टीम ने मौके पर छापामारी कर मौके पर चार लोगों को पकड़ा। इसमें गुरमीत सिंह, कुलविंदर कौर, किरण बाला और इकबाल सिंह शामिल थे।

गुरमीत सिंह एक निजि अस्पताल में पीआरओ का काम करता है जबकि अन्य लोग विभिन्न स्थानों में दलाली व महिला नर्स का काम करती थी। इस गिरोह के पास मौके पर 20 हजार रुपए की नगदी बरामद की गई जबकि मौके पर सिविल सर्जन बठिंडा को बुलाकर मशीन की जांच करवाई गई तो काफी हैरानीजनक बाते सामने आई। गिरोह पिछलैे लंबे समय से इलाके में भ्रूण जांच करने का काम करता था जबकि इसकी भनक स्थानीय प्रशासन व इलाके के लोगों को नहीं लग सकी। वही जिस मशीन से महिलाओं की जांच की जा रही थी वह अल्ट्रासाउड नुमा मशीन की डमी मशीन थी। इसमें रिपोर्ट के नाम पर एक प्रिटर व क्लर स्कैन शीट रखी हुई थी जिसमें वह लोगों को बेवकूफ बनाने के लिए नकली रिपोर्ट व फेक जानकारी देते थे। इस काम के बदले 20 हजार से 40 हजार रुपए प्रति ग्राहक से वसूल किया जाता था। मामला यही समाप्त नहीं होता था बल्कि इस राशि को आगे गिरोह के सभी सदस्य आपस में बाट लेते थे। यह सेंटर कम पढ़ेलिखे लोगों के लिए बनाया गया था जबकि पढ़े लिखे व जानकारी रखने वाले लोगों की जांच के लिए शहर में बने अस्पताल से संपर्क करते थे व एक मुस्त राशि प्रबंधन को देकर लोगों के भ्रूण की जांच करवाई जाती थी। इसी तरह का सेंटर गत दिवस बठिंडा में सिरसा से आई टीम ने पकड़ा था। सिविल सर्जन डा.अमरिक सिंह संधू ने बताया कि मामले की जानकारी पुलिस को दे दी गई है वआरोपी लोगों के खिलाफ बनती कानूनी कारर्वाई के लिए कहा गया है। इस बाबत एसएसपी बठिंडा को भी मामले से अवगत करवा दिया गया है।

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