पंजाब में राहत-बिजली 25 से 50 पैसे प्रति यूनिट तक हुई सस्ती, रात में इंडस्ट्री को फिक्स चार्ज में 50% छूट भी

सूबे के 69 लाख बिजली उपभोक्ताओं को 355 करोड़ रुपए की होगी बचत 300 से 500 यूनिट उपभोग पर राहत नहीं, एससी-बीसी को 200 यूनिट फ्री बिजली सुविधा जारी रहेगी

चंडीगढ़. पंजाब स्टेट इलेक्ट्रीसिटी रेग्युलेटरी आयोग ने घरेलू बिजली उपोक्ताओं को 25 पैसे से लेकर 50 पैसे तक प्रति यूनिट छूट देने की सिफारिश को मंजूरी दी है। 300 से 500 यूनिट के उपभोक्ताओं के लिए मौजूदा बिजली दर 7.20 पैसे प्रति यूनिट दर ही लागू होगी, जबकि 500 से ज्यादा यूनिट के बिजली उपभोक्ताओं को 7.41 रुपए प्रति यूनिट की बजाय 7.20 पैसे प्रति यूनिट की दर से ही भुगतान करना होगा। जिससे सूबे के 69 लाख घरेलू उपभोक्ताओं के बिजली बिल कम आएंगे।

उपभोक्ताओं को इस फैसले से 354. 82 करोड़ रुपए की बचत होगी। सबसे बड़ी बात यह है कि इस बार नया टैरिफ नहीं लाया गया, नए संशोधन 1 जून से मार्च 2021 तक प्रभावी होंगे। आयोग ने छोटे दुकानदारों और मध्यम और दूसरे उद्योगों के स्थाई टेरिफ में भी कोई बढ़ोतरी नहीं की है। पहली बार राज्य के पावर टेरिफ में यह प्रावधान किया गया है कि 100 केवीए से ज्यादा खपत वाली कोऑपरेटिव, कर्मचारी कालोनियों में अगर बिजली की खपत 100 केवीए से ज्यादा है तो वहां पर 12% छूट बिजली टैरिफ में मिलेगी। सीएम ने ट्वीट में राहत दिए जाने का स्वागत करते हुए कहा, सरकार एससी,बीसी और बीपीएल उपभोक्ताओं के लिए 200 यूनिट प्रति माह मुफ्त देने के फैसले को जारी रखेगी।

 

पूरे साल इंडस्ट्री को 15% तक सस्ती बिजली

रात के समय सस्ती बिजली का टैरिफ साल में 365 दिन रहेगा और पूरी रात इसका लाभ मिलेगा। फिक्स चार्जेस में 50 फ़ीसदी की छूट रहेगी। जिससे रात को बिजली खपत करने वाली इंडस्ट्री को बहुत बड़ी राहत मिलेगी। सबसे ज्यादा लाभ पावर इंटेंसिव इंडस्ट्री को होगा। जिसकी लागत का 10 से 15% बिजली का बिल ही होता है।

एक सच्चाई ये भी… अभी भी बिल में लगेगा 55 फीसदी तक हिडन चार्ज…
पावर कॉम के सीएमडी बलदेव सिंह सरा ने बताया, नए साल के पावर टेरिफ में भी 55% हिडन चार्ज लगाए गए हैं। इनमें इलेक्ट्रिसिटी ड्यूटी 8%, इन्फ्रास्ट्रक्चर डिवेलपमेंट सेस 5%, सोशल सिक्योरिटी सेस 5%, बिजली चुंगी 2% शामिल है। घरेलू व दुकानदार उपभोक्ता ही किसानों को फिक्स चार्जेस की 12% छूट व क्रॉस सब्सिडी का 23% बोझ उठा रहे हैं। अगर हिडेन चार्ज खत्म हों तो 2 रुपए यूनिट तक बिजली सस्ती हो सकती है।

कोविड-19 सेस से शराब 50 रुपए तक महंगी हुई

सूबा सरकार ने सोमवार से शराब पर विशेष कोविड सेस लागू कर दिया है। सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह ने ट्वीट कर जानकारी दी है कि नए फैसले के तहत शराब की कीमत 2 रुपए से लेकर 50 रुपए तक बढ़ा दी गई है। कीमत में यह बढ़ोतरी छोटी-बड़ी बोतल और ब्रांड के हिसाब से होगी। सरकार को इस फैसले से 145 करोड़ रुपए अतिरिक्त राजस्व मिलने की उम्मीद है। जबकि करोना वायरस के चलते सूबा सरकार को चालू वित्त वर्ष में 26 हजार करोड़ रुपए का कम राजस्व मिला है। सीएम ने 12 मई को मंत्रियों के समूह की एक कमेटी गठित की थी। जोकि सरकार को अतिरक्त राजस्व जुटाने के लिए सलाह देगी। सोमवार को कमेटी ने अपनी सिफारिशें सौंपी जिसे सीएम ने मान लिया।
ऑर्डिनरी बसों का टैक्स 2.80 से घटा 2.69 रुपए किमी किया, टैक्स भरने की तारीख 30 जून

लॉकडाउन में सूबे की आर्डिनरी बसों को हुए नुकसान से बाहर निकालने के लिए सरकार ने आर्डिनरी बसों के मालिकों को राहत देते हुए 2.80 रुपए प्रति किलोमीटर, प्रति सवारी एवं प्रति दिन के टैक्स को घटा कर 2.69 रुपए प्रति किलोमीटर कर दिया है। परिवहन विभाग को वाहन मालिकों से 30 जून तक टैक्स जमा करवाने के दौरान किसी प्रकार का जुर्माना एवं ब्याज नहीं वसूलने के आदेश दिए गए हैं।

प्रीलिमरी डिसकशन / पेक में अगले हफ्ते से खुलेंगी लैब, काम कर सकेंगे रिसर्च स्कॉलर्स

चंडीगढ़. पेक के रिसर्च स्कॉलर्स को अगले सप्ताह से काम करने का मौका मिल सकता है। ये फैसला करने के लिए पेक प्रशासन ने प्रीलिमरी डिसकशन कर लिया है। जल्द में नोटिफिकेशन जारी कर दी जाएगी। डायरेक्टर प्रो. धीरज सांघी का कहना है कि बहुत से स्टूडेंट्स लोकल हैं। यदि स्टूडेंट और गाइड चाहें तो काम कर सकते हैं। दबाव किसी पर भी नहीं बनाया जाएगा। इसी के साथ एमटेक के स्टूडेंट्स को अपना थीसिज सब्मिट करने का समय भी दिया गया है। इसके लिए स्टूडेंट्स से फीस नहीं ली जाएगी। पेक में 14 मार्च से क्लासेज को बंद कर दिया गया था। इसके कुछ समय बाद ही उन्होंने एमटेक स्टूडेंट्स को और रिसर्च स्कॉलर्स को भी घर भेज दिया था।

उस समय से सिर्फ कोरोना वायरस से जुड़े कुछ प्रोजेक्ट्स के लिए ही लैब खोली गई थीं। अब इंस्टीट्यूट्स में 100 फीसदी स्टाफ जरूरत अनुसार बुलाने की इजाजत दी गई है। स्टूडेंट्स को उनकी रिसर्च पूरा करने का मौका दिया जाएगा। पहले स्तर पर सिर्फ लोकल स्टूडेंट्स को ही ये इजाजत दी जाएगी। वे अपने गाइड की परमिशन से अपनी लैब में काम कर सकेंगे। इसके बाद एमटेक स्टूडेंट्स भी अपने गाइड की परमिशन से काम कर सकेंगे। एमटेक स्टूडेंट्स को आमतौर पर जुलाई से पहले अपना थीसिज सब्मिट करना होता है। लेकिन पेक के पास इस तरह की कई शिकायतें आ रही हैं कि लैब में उनकी रिसर्च या कुछ काम बकाया है।

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