संविधान में देश का नाम भारत करने की याचिका पर सुनवाई से सुप्रीम कोर्ट का इनकार
दिल्ली निवासी नमह (Namah) नाम के शख्स ने वकील राज किशोर चौधरी के माध्यम से कोर्ट में इस संबंध में जनहित याचिका दायर की थी. नमह की ओर से दायर याचिका में कहा गया है कि देश को मूल और प्रामाणिक नाम भारत द्वारा मान्यता दी जानी चाहिए.
नई दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट ने भारतीय संविधान (Indian Constitution) के अनुच्छेद 1 में इंडिया (India) शब्द हटाकर भारत करने की मांग वाली याचिका पर सुनवाई करने से इनकार कर दिया है. सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने इस मामले में दखल देने से इनकार करते हुए कहा कि याचिका को सरकार के पास रिप्रेजेंटेशन के तौर पर माना जाए. अदालत ने कहा कि याचिकाकर्ता की ओर से इस मामले में केंद्र को ज्ञापन भेजा जा सकता है.
दिल्ली निवासी नमह (Namah) नाम के शख्स ने वकील राज किशोर चौधरी के माध्यम से कोर्ट में इस संबंध में जनहित याचिका दायर की थी. नमह की ओर से दायर याचिका में कहा गया है कि देश को मूल और प्रामाणिक नाम भारत द्वारा मान्यता दी जानी चाहिए. इस पर चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (CJI) एसए बोबडे ने कहा कि हम ये नहीं कर सकते, क्योंकि पहले ही संविधान में भारत नाम ही कहा गया है.
Supreme Court disposes off petition seeking its directions to the Centre to amend Constitution & replace the word 'India' with 'Bharat', directs petitioner to send copy of his writ petition as representation to concerned ministry(s) which will decide representation appropriately. pic.twitter.com/ZZK4NXV4QF
— ANI (@ANI) June 3, 2020
सुप्रीम कोर्ट की वेबसाइट लाइव लॉ. इन से बातचीत में याचिकाकर्ता नमह ने कहा, ‘इंडिया का नाम एक होना चाहिए. कई नाम हैं जैसे रिपब्लिक ऑफ इंडिया, भारत, इंडिया, भारत गणराज्य वगैरह. इतने नाम नहीं होने चाहिए. हमें नहीं पता कि क्या कहना है. अलग कागज पर अलग नाम है. आधार कार्ड पर ‘भारत सरकार’ लिखा है, ड्राइविंग लाइसेंस पर ‘यूनियन ऑफ इंडिया, पासपोर्ट्स पर ‘रिपब्लिक ऑफ इंडिया’, इससे कन्फ्यूजन होता है. यह एकता का समय है.’
याचिकाकर्ता ने कहा, ‘हर एक को देश का नाम पता होना चाहिए. नाम एक ही होना चाहिए. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद भी कहते हैं ‘एक आवाज, एक देश.’ वह आगे कहते हैं, ‘अनुच्छेद 1 में संशोधन यह सुनिश्चित करेगा कि इस देश के नागरिक अपने औपनिवेशिक अतीत को अंग्रेजी नाम को हटाने” के रूप में प्राप्त करेंगे, जो एक राष्ट्रीय भावना पैदा करेगा.
याचिकाकर्ता का कहना है कि ‘इंडिया’ नाम को हटाने में भारत संघ की ओर से विफलता हुई है जो गुलामी का प्रतीक है. वह कहते हैं कि इससे जनता को चोट लगी है, जिसके परिणामस्वरूप विदेशी शासन से कठिनाई से स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद स्वतंत्रता के उत्तराधिकारियों के रूप में पहचान और लोकाचार की हानि हुई है.
क्या कहता है संविधान का अनुच्छेद 1?
संविधान के पहले अनुच्छेद में लिखा है,
1. संघ का नाम और उसका क्षेत्र
i. India जो कि भारत है, वह राज्यों का एक संघ होगा
ii. पहले शेड्यूल में राज्य और क्षेत्र निर्धारित किए जाएंगे
iii. India के क्षेत्र में शामिल होंगे
इसके बाद भारत के राज्यों का विवरण है.