8 जून से Unlock होंगे देश के सभी धार्मिक संस्थान, मंदिर-मस्जिद जाना है तो करना होगा इन नियमों का पालन
केंद्र सरकार (Central Government) ने कोरोना वैश्विक महामारी के बीच 1 जून से पांचवें चरण के लॉकडाउन (Lockdown) में धार्मिक स्थलों (Religious Places) को खोलने की कुछ शर्तों के साथ इजाजत दी है. धार्मिक स्थलों को खोले जाने के फैसले का साधु संतों और मुस्लिम धर्मगुरुओं ने स्वागत किया है.
नई दिल्ली. केंद्र सरकार (Central Government) ने पिछले ही दिनों 8 जून से सभी धार्मिक स्थलों को खोलने का निर्णय लिया था. पिछले लगभग 70 दिनों से देश की धार्मिक स्थलों को कोरोना महामारी को देखते हुए आम लोगों के लिए बंद कर दिया गया था. अब केंद्र सरकार के इस फैसले का कई धार्मिक संगठनों ने स्वागत किया है. मठ, मस्जिद, मंदिर और गिरिजाघरों के खुलने के बाद लोग अब पहले की तरह ही इन जगहों पर जा कर पूजा-अर्चना कर सकेंगे, लेकिन इसके लिए सरकार की गाइडलाइंस का पालन भी करना होगा. ऐसे में सवाल यह है आगामी 8 जून से इन धार्मिक स्थलों में सोशल डिस्टेंसिंग को लेकर किस तरह के बंदोबस्त किए गए हैं? मंदिर-मस्जिद से जुड़े लोग कोरोना से बचने के लिए क्या-क्या उपाए किए हैं? धार्मिक स्थलों पर आने वाले लोगों के लिए कौन-कौन नियम बनाए गए हैं और इसको लागू कैसे किया जाएगा?
8 जून से देश के सभी धार्मिक संस्थान खुल जाएंगे
केंद्र सरकार ने वैश्विक महामारी के बीच 1 जून से पांचवें चरण के लॉकडाउन में धार्मिक स्थलों को खोलने की कुछ शर्तों के साथ इजाजत दी है. धार्मिक स्थलों को खोले जाने के फैसले का साधु संतों और मुस्लिम धर्मगुरुओं ने स्वागत किया है. अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के महंत नरेंद्र गिरी ने कहा है कि कोरोना के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए जनता कर्फ्यू के दिन 22 मार्च से ही सभी धार्मिक स्थल श्रद्धालुओं के लिए बंद कर दिए गए थे. अब केंद्र सरकार गाइडलाइन के साथ 8 जून से सभी धार्मिक स्थलों को खोलने की अनुमति दी है इसका सभी संत महात्मा स्वागत करते हैं.
धार्मिक स्थलों को खोले जाने के फैसले का साधु संतों और मुस्लिम धर्मगुरुओं ने स्वागत किया है.
गृह मंत्रालय के आदेश का पालन होगा
राजधानी दिल्ली में भी 8 जून से मंदिरों और मस्जिदों के खोलने को लेकर तैयारियां जोरों पर है. केंद्रीय गृह मंत्रालय के निर्देश के मुताबिक दिल्ली पुलिस इन गाइडलाइंस को पालन करने के लिए सभी धार्मिक संगठनों से जुड़े लोगों के साथ बैठकें की है. दिल्ली के हर जिले के डीसीपी धार्मिक संस्थानों के प्रमुखों से मिल कर सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कराने के लिए लिखित तौर पर आश्वासन लिया है. दिल्ली पुलिस इसके साथ ही इन जगहों पर अपने जवानों को तैनाती भी करेगी. श्रद्धालुओं के हैंडवाश और उन्हें सेनेटाइज करने की व्यवस्था करने के लिए कहा गया है. दूरी बनाकर ही लोग मंदिर या मस्जिद में प्रवेश करें. साथ ही मंदिर में भगवान को न छूएं. दूर से ही लोग प्रणाम करें. पूजा करते हुए 6 गज की दूरी का पालन करें. मंदिर में पूजा करते समय लोगों से हाथ नहीं मिलाएं.
सामूहिक अनुष्ठान अभी कुछ दिनों तक नहीं होंगे
दिल्ली के खुरेजी इलाके के विवेकानंद प्रतिष्ठान परिषद के सचिव आचार्य विक्रमादित्य न्यूज 18 हिंदी के साथ बातचीत में कहते हैं, ‘हम सभी सरकार के गाइडलाइंस के मुताबिक ही काम कर रहे हैं. हर रोज पूजा करते हुए कोरोना मुक्ति के लिए प्रार्थना कर रहे हैं. मठ मंदिरों में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन सुनिश्चित करने के लिए मंदिर के पुजारी से लेकर सभी लोग अपना योगदान दे रहे हैं. 8 जून से भक्तों को बारी-बारी से दर्शन करने का बंदोबस्त किया जा रहा है. घंटों मंदिरों में पूजा करने वालों को 15 मिनट से ज्यादा मंदिर में नहीं रहने दिया जाएगा. भक्त जो मिठाइयां या भोग का सामान लाएंगे उसको न लेकर भक्तों को ही वापस कर दिया जाएगा. सामूहिक अनुष्ठान अभी कुछ दिनों तक नहीं होंगे. सामूहिक प्रार्थना, यज्ञ, भजन, आरती को फिलहाल विशाल रूप में नहीं किया जाएगा.’
इस्लामिक सेंटर ऑफ इंडिया ने मस्जिदों में नमाज अदा करने को लेकर एक एडवायजरी जारी की है. (फाइल फोटो)
मस्जिदों के लिए भी एडवायजरी जारी की गई
वहीं इस्लामिक सेंटर ऑफ इंडिया ने मस्जिदों में नमाज अदा करने को लेकर एक एडवायजरी जारी की है. इस्लामिक सेंटर के चेयरमैन मौलाना खालीद रशीद फिरंगी महल न्यूज 18 हिंदी के साथ बातचीत में कहते हैं, ‘हमने लोगों से अपील की है कि 65 साल से ज्यादा उम्र और 10 साल से छोटे बच्चे मस्जिदों में न आएं. हमलोग 15 दिनों तक स्थिति पर नजर रखेंगे और फिर से एक एडवायजरी जारी करेंगे. हमने हर मस्जिद में जमातों के लिए अलग-अलग नमाज अदा करने का टाइम तय किया है. मस्जिदों में सिर्फ फर्ज नमाज जमात के साथ अदा की जाए. लोग वुजू घर से ही करके आएं. मस्जिद में कालीन और चटाइयों का हटा दिया जाए. हर नमाज के बाद फर्श को सेनेटाइज किया जाए. मस्जिद में रखी टोपियों का इस्तेमाल न की जाए. कोई भी आदमी न गले मिलें और न किसी से हाथ मिलाएं. इस तरह से कई एडवायजरी जारी की गई है.’
मास्क नहीं तो प्रवेश नहीं
वहीं गुरुद्वारों में भी उन्हीं को प्रवेश मिलेगा जो मास्क पहन कर आएंगे. हर दिन अरदास में लोगों की एक निश्चित संख्या निर्धारित की जाएगी. सोशल डिस्टेंसिंग का विशेष ख्याल रखा जाएगा. लंगर लगाने पर रोक होंगे. किसी को भी गुरुद्वारे में बिठाकर खाना नहीं खिलाया जाएगा. सभी को पार्सल दिया जाएगा. गिरजाघरों में भी फिजिकल डिस्टेंसिंग का पालन किया जाएगा. राजधानी के कुछ चर्चों ने इसके लिए कुछ नियम बनाए हैं. चर्च में 4 लोगों की बेंच में अब सिर्फ 2 लोग ही बैठेंगे. संडे प्रेयर में लोग अपने परिवार के साथ बारी-बारी से आएंगे. पहले संडे अगर पिता-पुत्र आते हैं तो दूसरे संडे मां-बेटी आएं. प्रेयर खत्म होने के बाद लोग सीधे घर जाएंगे. चर्चे के बाहर किसी से भी मिलने-जुलने पर रोक रहेगा.