प्रधानमंत्री Narendra Modi ने सभी राज्यों से कहा कि Corona Virus संक्रमण के खिलाफ पंजाब जिस तरह से लड़ रहा है, वह मॉडल सबको अपनाना चाहिए. मंगलवार को राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के ज़रिये हुई बैठक में पंजाब के सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह ने Covid-19 के खिलाफ राज्य की कोशिशों और तैयारियों के बारे में बताया था. पीएम की तारीफ पा चुका पंजाब का यह मॉडल (Punjab Model) आखिर है क्या?
पीएम मोदी बाकी राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ बुधवार को भी बैठक करने वाले हैं और संभव है कि इसमें फिर पंजाब मॉडल का ज़िक्र निकले. फिलहाल पंजाब के कोविड 19 आंकड़ों पर नज़र डालें तो 17 जून सुबह तक की स्थिति के मुताबिक राज्य में कुल 3,371 केस हैं, जिनमें से 2,461 रिकवर हो चुके हैं यानी 1000 से कम एक्टिव केस हैं. वहीं राज्य में करीब 75 मौतें हो चुकी हैं. इन आंकड़ों के पीछे कैप्टन अमरिंदर ने जिस पंजाब मॉडल का ज़िक्र किया, उसके बारे में जानिए.
पंजाब में हेल्थकेयर का ढांचा मज़बूत
जिस मॉडल के बारे में कैप्टन ने विस्तार से बताया, उसमें उल्लेखनीय बात कोविड स्पेशल स्वास्थ्य सुविधाओं का ढांचा है. राज्य में सरकारी लेवल 2 और 3 की सेवाओं में 5000 आइसोलेशन बिस्तरों का इंतज़ाम किया जा चुका है. वहीं हल्के लक्षणों वाले मरीज़ों के लिए राज्य में 15 हज़ार तक बिस्तर लेवल 1 कोविड केयर सेंटरों में उपलब्ध हैं, जिन्हें ज़रूरत पड़ने पर 30 हज़ार तक बढ़ाया जा सकता है. साथ ही, सरकार ने तीसरे लेवल पर स्वास्थ्य सुरक्षा के लिए प्राइवेट अस्पतालों का साथ भी सुनिश्चित कर लिया है.
पीएम के साथ हुई बैठक को लेकर कैप्टन अमरिंदर ने ट्वीट किए.
माइक्रो-कंटेनमेंट रणनीति है खास
पंजाब ने महामारी से जूझने के लिए कई स्तरों पर रणनीति बनाई है. मसलन, वीकेंड और छुट्टियों के दिन कुछ प्रतिबंध लगाए गए हैं. साथ ही, सावधानी के सभी प्रोटोकॉल का पालन करने के लिए जुर्माने के प्रावधान कर दिए गए हैं. लेकिन सबसे खास रणनीति माइक्रो-कंटेनमेंट की है. इसके तहत राज्य में प्रभावित छोटे मोहल्लों और गांवों को आइसोलेट करने पर फोकस है, बजाय बड़े पैमाने पर लॉकडाउन किए जाने के.
यह कदम इसलिए उल्लेखनीय है क्योंकि आईसीएमआर के ताज़ा सर्वे के बाद महामारी विशेषज्ञों ने कहा था कि देशव्यापी या बड़े पैमाने का लॉकडाउन कारगर नहीं होगा बल्कि क्लस्टरों को नियंत्रित करने के लिए छोटे इलाकों में लॉकडाउन की नीति होनी चाहिए. पंजाब, इसी मशवरे के अनुरूप पहले ही यह तैयारी कर चुका है.
निगरानी के लिए विशेष ऐप और मिशन फतेह
कैप्टन के मुताबिक पंजाब सरकार ने घर-घर तक निगरानी रखने के लिए एक विशेष ऐप लॉंच किया है, जिसके ज़रिये पहले से गंभीर रोगों से पीड़ितों के हाई रिस्क हालात और आशंकित केसों को डिटेक्ट किया जा सकता है. साथ ही पंजाब सरकार ने मिशन फतेह भी लॉंच किया है, जिसके ज़रिये सेलिब्रिटियों की मदद से वीडियो और अन्य तरह के प्रचार से लोगों को बेहतर स्वास्थ्य आदतों और जागरूकता के संदेश दिए जा रहे हैं.
क्या पंजाब में बढ़ रहा है कर्व?
अन्य राज्यों के मुताबिक भले ही पंजाब के आंकड़े कमतर दिख रहे हों लेकिन सीएम ने आशंका जताई है कि राज्य में कर्व उठता हुआ दिख रहा है. फिलहाल भारत में कुल कन्फर्म केसों के 1% से भी कम केस पंजाब में हैं और रिकवरी रेट 75% है, जबकि मृत्यु दर 2.1% है. लेकिन दूसरी तरफ, लॉकडाउन के बाद प्रतिबंध खुलने और पंजाब के प्रवासी कामगारों को राज्य में वापस लाए जाने के कारण लोगों का आपसी संपर्क बढ़ने की वजह से सीएम ने यह आशंका ज़ाहिर की.
कैप्टन अमरिंदर लगातार मिशन फतेह से जुड़े ट्वीट जारी कर रहे हैं.
देश के औसत से बेहतर लेकिन टेस्टिंग और बढ़ाना ज़रूरी
पंजाब में आंकड़े कह रहे हैं कि प्रति दस लाख की आबादी पर 5527 टेस्ट अभी किए जा रहे हैं. जबकि देश में इतनी आबादी पर 4088 टेस्ट का औसत है. पंजाब में अन्य कई राज्यों से बेहतर टेस्टिंग के बावजूद कैप्टन अमरिंदर ने पीएम से कहा कि केंद्र सरकार चंडीगढ़ और पंजाब केंद्रीय स्वास्थ्य संस्थानों को निर्देशित करे कि टेस्टिंग क्षमता और बढ़ाई जाए. यहां भी गौरतलब है कि हाल में महामारी विशेषज्ञ डॉ. शाहिद जमील ने टेस्टिंग क्षमता बढ़ाने को सबसे ज़रूरी बताया था.
इस तरह के पंजाब मॉडल का ज़िक्र करते हुए मंगलवार की डिजिटल बैठक में पंजाब सीएम ने केंद्र के सामने केंद्र और राज्यों के साथ मिलकर कोरोना के प्रकोप व प्रभाव से लड़ने, पंजाब को वित्तीय व गैर वित्तीय सहायता दिए जाने, गरीबों के लिए मुफ्त अनाज व खाद्यान्न स्कीम की समय सीमा बढ़ाने, राजस्व ग्रांट देने और FRBM Act के तहत कर्ज लिमिट के बारे में पुनर्विचार करने संबंधी मांगें भी रखीं.