गलवान में इस जगह हुई भारत-चीन के सैनिकों के बीच हिंसक झड़प, देखें Exclusive तस्वीर
भारत और चीन के सैनिकों के बीच गलवान घाटी के पास हिंसक झड़प हुई. इस घटना में भारतीय सेना के 20 जवान शहीद हो गए.
- भारत और चीन के बीच सीमा पर तनाव बढ़ा
- गलवान घाटी के पास सैनिकों में हिंसक झड़प
- सेना के मुताबिक, भारत के 20 जवान शहीद
भारत और चीन सीमा पर मई के महीने से जारी तनाव अब बढ़ गया है. सोमवार की रात को भारत और चीनी सैनिकों के बीच गलवान घाटी के पास हिंसक झड़प हुई. इस घटना में भारत के कुल 20 जवान शहीद हो गए, जिसके बाद दोनों देशों के रिश्तों में एक बार फिर खटास आ गई है. अभी भी सैन्य स्तर पर बातचीत का सिलसिला जारी है, लेकिन कोई ठोस हल निकलता हुआ नहीं दिख रहा है.
इस बीच लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (LAC) में जिस जगह पर ये झड़प हुई है, वो जगह काफी दुर्लभ है. जहां पर झड़प हुई वो गलवान नदी के पास का इलाका है. नीचे दिए गए नक्शे में जहां पर पहाड़ियों की चोटी है, उस जगह दोनों देशों के सैनिक आमने-सामने आए थे. चीनी सैनिकों ने चोटी के 200 मीटर के पास अपना कैंप लगाया हुआ था और वापस जाने को तैयार नहीं थे.
गलवान नदी के पास भिड़े थे भारतीय-चीनी सैनिक
जिस वक्त भारतीय सेना के जवान वहां पर पहुंचे, तो दोनों देशों के सैनिक भिड़ गए. इस दौरान हाथापाई हुई, कंटीले तारों वाले डंडों से एक-दूसरे पर वार हुआ. इसी दौरान कई सैनिक गंभीर रूप से घायल हुए और दोनों तरफ के कई सैनिक गलवान नदी में गिर गए.
कैसे हुई दोनों देशों के सैनिकों में झड़प?
– लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (एलएसी) पर तनाव के बीच ये तय हुआ था कि 15 जून को सरहद पर चीन सेना का जमावड़ा कम होगा. चीन की सेना गलवान क्षेत्र में अपने इलाके में वापस लौटेगी.
– कर्नल संतोष बाबू के नेतृत्व में भारतीय सेना का दल चीनी पक्ष के साथ बातचीत के लिए गया. चर्चा के दौरान चीनी सेना पीछे हटने के मूड में नहीं दिखी.
इस जगह है गलवान घाटी
– लगभग 3 घंटे तक दोनों पक्षों में झड़प होती रही. इस हाथापाई में कमांडिंग ऑफिसर संतोष बाबू को गंभीर चोटें आईं. झड़प शुरू होने के बाद भारतीय सैनिकों की दूसरी टीम मौके पर पहुंची और फिर सेना ने चीन के इस धोखे पर करारा जबाव दिया.
– भारतीय सेना के आधिकारिक बयान के मुताबिक, इस झड़प में भारत के कुल 20 जवान शहीद हुए हैं. जबकि समाचार एजेंसी ANI का कहना है कि इस घटना में चीन के 43 जवान हताहत हुए हैं. हालांकि, चीन की ओर से इस तरह की कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है.
आपको बता दें कि भारत और चीन के बीच लद्दाख सीमा पर मई की शुरुआत से ही विवाद चल रहा है. चीनी सेना ने तय LAC को पार कर हजारों सैनिकों की तैनाती कर ली, इसके अलावा कई हथियार और कैंप भी लगाए. जिसके बाद भारत ने भी जवानों की तैनाती बढ़ा दी. भारत की ओर से बॉर्डर के पास बोफोर्स की तैनाती की गई.
6 जून के बाद से दोनों देशों के बीच कई राउंड की बैठक हुईं, जो कि सेना के बड़े स्तर के लेवल पर हुई. इसी बैठक में तय हुआ था कि दोनों देशों के सेनाएं कुछ हदतक पीछे हटेंगी. भारत की मांग थी कि अप्रैल से पहले जैसी स्थिति को लागू किया जाए.