Bathinda-दिल्ली हार्ट अस्पताल के अकाउटेंट ने की खुदकुशी, अस्पताल की नर्स कर रही थी ब्लेकमेल केस दर्ज

दिल्ली हार्ट अस्पताल में काम करने वाली नर्स जसवंत कौर का नाम लिखा हुआ है। सुसाइड नोट के मुताबिक नर्स जसवंत कौर उसे पिछले कुछ समय से ब्लैकमेल कर रही थी और उसे पैसे लेने के बावजूद भी उसे तंग परेशान कर रही थी।

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बठिंडा। गोनियाना रोड पर स्थित ट्रांसपोर्ट नगर के पास एक घर में रविवार को एक युवक ने फंदा लगाकर खुदकुशी कर ली। सूचना मिलने पर सहारा जन सेवा की लाइफ सेविंग ब्रिगेड हेल्पलाइन टीम के सदस्य संदीप गोयल और संदीप कुमार घटनास्थल पर पहुंचे व थाना थर्मल पुलिस की अगुआई में शव को नीचे उतरकर पोस्टमार्टम के लिए सिविल अस्प्ताल पहुंचाया।

मृतक युवक की शिनाख्त नवा पिंड नजदीक बीड़ बहमन के 29 वर्षीय हरजीत सिंह पुत्र सुखनैब सिंह के तौर पर हुई, जोकि दिल्ली हार्ट अस्पताल में बताैर अकाउंटेंट का काम करता था और ट्रांसपोर्ट नगर में किराए के घर में रहता था। थर्मल पुलिस ने मृतक युवक के पास से एक सुसाइड नोट भी बरामद किया, जिसमें दिल्ली हार्ट अस्पताल में काम करने वाली नर्स जसवंत कौर का नाम लिखा हुआ है। सुसाइड नोट के मुताबिक नर्स जसवंत कौर उसे पिछले कुछ समय से ब्लैकमेल कर रही थी और उसे पैसे लेने के बावजूद भी उसे तंग परेशान कर रही थी।

थाना थर्मल पुलिस ने मृतक युवक के जीजा गुरदीप सिंह के बयानों पर आरोपित नर्स जसवंत कौर के खिलाफ आत्महत्या करने के लिए मजबूर करने का मामला दर्ज कर अगली कार्रवाई शुरू कर दी है। फिलहाल आरोपित नर्स की गिरफ्तारी होनी बाकी है। पुलिस ने अपने कब्जे में लेकर जांच शुरू कर दी है। वही दूसरी तरफ मृतक के परिजनों ने आरोप लगाया कि पुलिस मृतक व्यक्ति की तरफ से लिखे गए सुसाइड नोड व उसमें बताए गए जिम्मेवार लोगों के संबंध में जानकारी जानबूझ कर छिपा रही है इसमें सुसाइड नोट की कापी की फोटो तक उन्हें नहीं करने दी जा रही है। उन्होंने कहा कि कि इस पूरे मामले में चार लोग शामिल है जिसमें दिल्ली हार्ट अस्पताल में तैनात तीन लड़के भी उसकी मौत के लिए जिम्मेवार है उन्होंने गत रात हरजीत सिंह के साथ बेरहमी से मारपीट की जिसकी रिकार्डिंग अस्पताल के सीसीटीवी कैमरों में मौजूद है  लेकिन पुलिस दबाव में इस रिकार्डिंग को सार्वजनिक नहीं कर रही है व उन्हे शक है कि पुलिस सबूतों को मिटाने की कोशिश कर रही है। परिजनों ने कहा कि सिविल अस्पताल में वह मृतक का तब तक अंतिम संस्कार नहीं होंने देंगे जब तक पुलिस उन्हें सही जानकारी नहीं देती व नर्स के साथ अन्य तीन आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज नहीं करती।

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