चंडीगढ़/पटियाला। मैट्रिक स्कॉलरशिप के 63.91 करोड़ रुपये के घोटाले में फंसे हलका नाभा से कांग्रेस विधायक व कैबिनेट मंत्री साधु सिंह धर्मसोत की कोठी के बाहर धरने पर बैठे आम आदमी पार्टी के नेताओं को पुलिस ने हिरासत में ले लिया है। आप नेता धर्मसोत को कैबिनेट से बर्खास्त करने की मांग कर रहे हैं। पार्टी नेता वीरवार से यहां धरना दे रहे थे।
आप के वरिष्ठ नेता चेतन सिंह जोड़ेमाजरा ने कहा कि उनकी पार्टी ने निर्णय किया कि वह धर्मसोत का विरोध जारी रखेंगे। उन्होंने कहा कि जरूरतमंद विद्यार्थियों के वजीफे डकारने वाले मंत्री समेत अन्य आरोपितों पर भी सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। उनका कहना था कि जब तक मंत्री धर्मसोत को बर्खास्त नहीं किया जाता तब तक वह लोग संघर्ष करते रहेंगे।
वरिष्ठ नेता जस्सी सोहियांवाला ने कहा कि धर्मसोत ने तो अपने हलके को भी नहीं छोड़ा। नगर कौंसिल में बड़े स्तर पर हेराफेरी हुई है जिसकी जांच होनी चाहिए। बरिंदर सिंह बिट्टूू का कहना था कि उनका धरना तब तक जारी रहेगा जब तक धर्मसोत को मुख्यमंत्री घर में नहींं बैठाते। हालांकि पुलिस ने आज धरने पर बैठे नेताओं को हिरासत में ले लिया है।
पूर्व केंद्रीय मंत्री सांपला बोले- घोटाले की हो सीबीआइ जांच, मंत्री धर्मसोत को करो बर्खास्त
पंजाब में एससी स्टूडेंट्स की पोस्ट मैट्रिक स्कॉलरशिप (Post Matric Scholarship Scam) में घोटाले से गरमाई राजनीति में भाजपा भी कूद गई है। पूर्व सांसद व पूर्व केंद्रीय राज्य मंत्री विजय सांपला ने मामले की सीबीआइ जांच करने की मांग करने के साथ-साथ मंत्री धर्मसोत को कैबिनेट से बर्खास्त करने की मांग की है।
वीरवार को जालंधर में पत्रकारों से बातचीत में सांपला ने कहा इसके लिए जिम्मेदार मंत्री को तुरंत बर्खास्त किया जाए और घोटाले में शामिल अधिकारी को निलंबित कर उनके खिलाफ कार्रवाई की जाए। दैनिक जागरण द्वारा घोटाले का खुलासा करने के बाद सांपला ने कहा कि पंजाब के सामाजिक न्याय मंत्री साधु सिंह धर्मसोत को तुरंत मंत्री पद से बर्खास्त किया जाना चाहिए। अगर मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह साधू सिंह धर्मसोत को मंत्री पद से नहीं हटाते तो माना जाएगा कि वह भी इस घोटाले में कहीं ना कहीं शामिल हैं।
पूर्व पंजाब भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि अनुसूचित जाति वर्ग के गरीब बच्चों को दिए जाने वाली स्कॉलरशिप का पैसा उन संस्थाओं को दे दिया गया है जो अस्तित्व में ही नहीं है। अभी तो केवल 63 करोड़ रुपये का घोटाला सामने आया है, लेकिन अगर इसकी गहराई से जांच की जाए यह रकम काफी बड़ी निकलेगी।
पूर्व मंत्री ने कहा कि जिन संस्थाओं से रिकवरी की जानी थी, उन्हें और पैसा दिया गया है। उन्होंने कहा कि स्कॉलरशिप में केंद्र सरकार की ग्रांट शामिल है, इसलिए इसकी जांच किसी भी तरह से पंजाब की किसी भी जांच एजेंसी से नहीं करवाई जानी चाहिए।
केंद्रीय पोस्ट मैट्रिक स्कॉलरशिप योजना में पंजाब में 63.91 करोड़ रुपये का घोटाला सामने आया है। सीधे आरोप सामाजिक न्याय सशक्तिकरण व अल्पसंख्यक विभाग के मंत्री साधू सिंह धर्मसोत और उक्त विभाग के अधिकारियों पर लगे हैैं। विभाग के एडिशनल चीफ सेक्रेटरी कृपा शंकर सरोज ने अपनी जांच रिपोर्ट मुख्य सचिव विनी महाजन को भेजी है। उसमें मंत्री धर्मसोत और विभाग के डिप्टी डायरेक्टर की तरफ से की गई अनियमितताओं का जिक्र करते हुए इस मामले में जल्द कार्रवाई करने की मांग की गई है। हरियाणा और हिमाचल प्रदेश में सामने आने पर वहां आपराधिक मामले भी दर्ज हो चुके हैैं।
मुख्यमंत्री का फैसला दरकिनार, Re-audit के नाम पर हुई ‘लूट’
दलित विद्यार्थियों की पोस्ट मैट्रिक स्कालरशिप स्कीम के तहत आए फंड की लूट के लिए मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के निर्देशों की जमकर धज्जियां उड़ाई गईं। सामाजिक न्याय सशक्तिकरण व अल्पसंख्यक विभाग के तत्कालीन डिप्टी डायरेक्टर सरबजिंदर सिंह रंधावा ने दिसंबर 2019 में आठ कालेजों की जांच की थी। जिसकी रिपोर्ट में सामने आया कि पोस्ट मैट्रिक स्कालरशिप स्कीम के लिए इन कालेजों का आडिट करवाने के लिए मुख्यमंत्री और वित्त विभाग के निर्देशों का उल्लंघन किया गया। जांच में एक ऐसे कालेज का नाम भी सामने आया जो एससी के अलावा सामान्य वर्ग के छात्रों के लिए एससी स्कालरशिप फंड लेता रहा।
सामाजिक न्याय सशक्तिकरण व अल्पसंख्यक विभाग के एडीशनल चीफ सेक्रेटरी कृपा शंकर सरोज द्वारा चीफ सेक्रेटरी विनी महाजन को सौंपी गई रिपोर्ट में सरबजिंदर सिंह रंधावा की रिपोर्ट का पूरा विवरण दिया है। रिपोर्ट के अनुसार मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने आदेश दिया था कि आडिट रिपोर्ट योजना को लागू करने वाले विभाग को भेजी जाएगी। जिसकी रिव्यू रिपोर्ट संबंधित विभाग सामाजिक न्याय सशक्तिकरण व अल्पसंख्यक विभाग को भेजेगा। जिसके बाद फंड अदायगी की कार्रवाई होगी। वहीं, वित्त विभाग के निर्देश थे कि जो संस्थान आडिट से बचे हुए हैैं उनका आडिट सामाजिक न्याय विभाग या योजना लागू करने वाले विभाग के अधिकारियों के करवाया जाए।
इस आडिट के हो जाने के बाद र-आडिट का खेल खेला गया और जिन आठ कालेजों की तरफ आडिट में आठ करोड़ रुपये की रिकवरी निकली उनसे रिकवरी करने की बजाए री आडिट के बाद 16.91 करोड़ रुपये और जारी कर दिए गए। वहीं, विभाग के पास इस बात का रिकार्ड तक नहीं है कि रिव्यू आडिट के लिए संबंधित कालेजों ने आवेदन भी किया था या नहीं। इसके अलावा यह बात भी रिकार्ड में नहीं है कि आडिटरों के नाम किसने प्रस्तावित किए।
इन कालेजों में हुआ बड़ा घालमेल
सरस्वती पालीटेक्निक कालेज, बठिंडा
वित्त विभाग ने आडिट में 1.85 करोड़ रुपये की रिकवरी निकाली। जिसे डायरेक्टोरेट द्वारा 23 जुलाई 2019 को किए गए री-आडिट में 12 लाख रुपये कर दिया गया। दो अगस्त 2019 को 90 लाख रुपये के और फंड जारी कर दिए गए।
रीजनल पालीटेक्निक कालेज, बठिंडा
वित्त विभाग ने 87.45 लाख रुपये की रिकवरी निकाली। कालेज ने साल 2011-12, 2012-13 और 2014-15 का रिकार्ड नहीं दिया तो कालेज पर 1.19 करोड़ की अतिरिक्त रिकवरी डाले जाने के बाद कुल रिकवरी 2.07 करोड़ रुपये हो गई। री-आडिट में 87.45 लाख की रिकवरी को 6.11 लाख रुपये कर दिया और 1.19 करोड़ रुपये की रिकवरी का कोई जिक्र नहीं किया गया। बाद में कालेज को 1.09 करोड़ रुपये और देेने को मंजूरी दे दी।
लार्ड कृष्णा पालीटेक्निक कालेज, कपूरथला
वित्त विभाग के आडिट में करीब 1.11 करोड़ रुपये की रिकवरी दिखाई गई। रिपोर्ट तकनीकि शिक्षा विभाग को भेजी गई और विभाग ने रिकवरी को 85.12 लाख रुपये बताया। परंतु री-आडिट के बाद कालेज को 1.17 करोड़ के अनुदान के लिए योग्य बताया गया। सरकार को 2.03 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ।
मार्डन कालेज और एजुकेशन, संगरूर
2014 से 2017 के बीच कालेज ने कुल 90 लाख रुपये मांगे और वित्त विभाग ने 58.66 लाख की रिकवरी दिखाई। हायर एजुकेशन विभाग ने रिकवरी कम करके केवल 6 लाख रुपये कर दी। रिकवरी तो नहीं हुई लेकिन एक ही साल में दो बार 41.48 लाख और 41.48 लाख रुपये कालेज को जारी कर दिए गए।
सीजीसी टेक्निकल कैंपस, झंझेरी (मोहाली)
वित्त विभाग ने 55 लाख रुपये की रिकवरी निकाली थी। जिसे री-आडिट में 10 लाख रुपये कर दिया गया और 1.32 करोड़ रुपये जारी कर दिए गए। यूनिवर्सल एजुकेशनल सोसाइटी ग्रुप आफ इंस्टीट्यूशन इस ग्रुप के यूनिवर्सल पालीटेक्निक कालेज से 41.34 लाख रुपये की रिकवरी होनी थी। जिसे री-आडिट में 21 लाख रुपये करने के बाद बिना किसी अधिकारी की मंजूरी लिए 31.36 लाख रुपये जारी किए गए।
एनएनएस इंस्टीट्यूट आफ मैनेजमेंट एंड टेक्नोलाजी, पठानकोट
वित्त विभाग ने 14.26 लाख रुपये की रिकवरी निकाली गई। परंतु री-आडिट में के बाद इस संस्थान को आठ लाख रुपये और जारी कर दिए गए। पठानकोट के ही अमन भल्ला कालेज आफ इंजीनियरिंग एंड पालीटेक्निक ने सभी छात्रों के लिए एससी स्कालरशिप की मांग की। जिसमें जनरल और बीसी छात्र भी शामिल थे। बाद में बीसी के लिए भी फंड ले लिया। छात्रों के रिकार्ड में दो क्लर्कों के नंबर दे दिए गए।
राज्य के लुटे खजाने की वसूली करवाएं कैप्टन: मजीठिया
शिरोमणि अकाली दल (बादल) ने भी सरकार के खिलाफ आक्रामक रुख अपना लिया है। घोटाले को लेकर पार्टी नेताओं ने अनुसूचित जाति और पिछड़ा वर्ग कल्याण मंत्री साधू सिंह धर्मसोत के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज करने और उन्हें बर्खास्त करने की मांग की। इसके साथ ही घोटाले की स्वतंत्र जांच की मांग भी की है। अकाली दल के वरिष्ठ नेता बिक्रम सिंह मजीठिया तथा पवन कुमार टीनू ने कहा कि मंत्री धर्मसोत ने दलित बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया है। यदि मुख्यमंत्री उन्हें तत्काल बर्खास्त नहीं करते, राज्य के खजाने से लूटे गए धन की वसूली नहीं करते, तो शिरोमणी अकाली दल आंदोलन करेगा।
उन्होंने कहा कि यह हैरान करने वाली बात है कि धर्मसोत को अपात्र निजी संस्थानों को छात्रवृृत्ति देने के कारण केंद्र से प्राप्त 39 करोड़ रुपये वितरित करने का दोषी पाया गया है। विभाग के एडिशनल चीफ सेक्रेटरी की रिपोर्ट में साफ तौर पर लिखा गया है कि कैसे अनुसूचित जाति के छात्रों के लिए आए केंद्रीय फंड से 24.91 करोड़ रुपये अवैध री आडिट करने के बाद निजी संस्थानों को दिए गए थे। इतना ही नहीं, मंत्री ने विभागीय प्रक्रियाओं को दरकिनार करते हुए फाइलों पर हस्ताक्षर किए और यहां तक कि प्रमुख सचिव द्वारा की आपत्तियों को भी फाइल से हटा दिया।
डिप्टी डायरेक्टर परमिंदर सिंह गिल को पिछले साल भी अनुसूचित जाति छात्रवृत्ति के वितरण में अनियमितताओं के मामले में निलंबित कर दिया गया था लेकिन धर्मसोत के कहने पर गिल का निलंबन रद्द किया गया। रिपोर्ट में कहा गया है कि मंत्री और डिप्टी डॉयरेक्टर ने विभागीय प्रक्रियाओं को दरकिनार करके सीधे फाइलों पर हस्ताक्षर किए। यह इस बात का सबूत है कि धर्मसोत बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार में लिप्त हैं। इसलिए उन्हें बर्खास्त करके आपराधिक केस दर्ज किया जाना चाहिए।
कैप्टन सरकार धर्मसोत और उसके गिरोह को बचाने में जुटी: चीमा
पंजाब विधानसभा के मानसून सत्र से एक दिन पहले सामने आए पोस्ट मैट्रिक स्कॉलरशिप स्कीम के घोटाले पर आम आदमी पार्टी ने कांग्रेस सरकार पर बड़ा हमला किया है। विपक्ष के नेता हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि विभाग के एडिशनल चीफ सचिव द्वारा दी गई रिपोर्ट के बाद मंत्री साधु सिंह धर्मसोत को अब तक गिरफ्तार किया जाना चाहिए था। परंतु ऐसा लग रहा है कि कैप्टन सरकार दलित परिवारों के होनहार और योग्य विद्यार्थियों की वजीफा राशि को सरेआम हड़पने वाले मंत्री धर्मसोत और उसके पूरे गिरोह को बचाकर मामला दबाने की कोशिश में जुटी हुई है।
चीमा ने कहा कि अगर कैप्टन सरकार सचमुच भ्रष्टाचार के खिलाफ और दलितों के होनहार और जरूरतमंद बच्चों के उज्जवल भविष्य के प्रति गंभीर होती तो धर्मसोत मंत्री की कुर्सी की जगह सलाखों के पीछे बैठे होते। चीमा ने कहा कि अगर इतने सबूत और दस्तावेज ऑन रिकार्ड मिलने के बावजूद मंत्री धर्मसोत को बर्खास्त करके उस पर केस नहीं दर्ज किया जाता तो यह स्पष्ट हो जाएगा कि दलितों के बच्चों के खाए जा रहे फंड का हिस्सा सिसवां फार्म हाऊस तक भी जाता है। क्योंकि जांच रिपोर्ट में जो तथ्य, दस्तावेज, अनियमितताएं और मनमानियां सामने लाई गईं हैं, वह धर्मसोत और उसके गैंग पर कार्रवाई के लिए काफी हैं। उन्होंने अब तक हुए गड़बड़ घोटालों की समयबद्ध और व्यापक जांच माननीय हाईकोर्ट की निगरानी में करवाने की मांग भी की।