कश्मीर मुद्दे पर मुस्लिम देशों ने नहीं दिया साथ तो चिढ़े पाक ने लगा दिया स्वार्थी होने का आरोप
पाकिस्तानी अधिकारियों ने संयुक्त राष्ट्र (United States) और दूसरी अंतरराष्ट्रीय नागरिक अधिकार संस्थाओं (International Human Rights Organisations) से कश्मीर (Kashmir) की परिस्थितियों पर ध्यान देने की गुहार लगाई है.
इस्लामाबाद। काफी प्रयासों के बावजूद भी कश्मीर को अंतरराष्ट्रीय मुद्दा (International Issue) बना पाने से चूके पाकिस्तान (Pakistan) की खिसियाहट किसी से छिपी नहीं है. यही वजह है कि उसने अपने सबसे अच्छे सहयोगी माने जाने वाले इस्लामिक देशों (Islamic Countries) पर भी अपनी खिसियाहट निकालनी शुरू कर दी है.
पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान (Pakistan’s Prime Minister Imran Khan) के सूचना एवं प्रसारण (Information and Broadcasting) की मुख्य सहायक डॉ फिरदौस आशिक अवान ने इस्लामिक देशों पर आरोप लगाते हुए कहा है कि पाकिस्तान कश्मीर के मुद्दे को प्रभावी तरीके से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उठा रहा है, लेकिन यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि कुछ इस्लामिक देश (Islamic Countries) अपने क्षुद्र स्वार्थों (Selfish Interests) के चलते उनके प्रयासों की अनदेखी कर रहे हैं.
कश्मीर में अत्याचार की झूठी कहानी का रोना रोया
पाकिस्तानी पीएम की मुख्य सहायक ने पाकिस्तान की बासी कश्मीर में अत्याचार की झूठी कहानी को दोहराया और उसी का हवाला देते हुए फिर से अंतरराष्ट्रीय मदद के लिए गिड़गिड़ाईं. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार ‘दुनिया कश्मीरियों पर पड़ रहे दबाव की अनदेखी कर रही है’ इस बात पर जोर देते हुए डॉ फिरदौस आशिक अवान ने कहा, “उनकी (कश्मीरियों की) परेशानियों को आवाज देने के लिए मानवाधिकार कार्यकर्ताओं को आगे आना चाहिए. उन्होंने यह भी कहा कि संयुक्त राष्ट्र और दूसरे अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार संगठनों को कश्मीर की परिस्थितियों पर ध्यान देना चाहिए.”
इतना ही नहीं पाकिस्तानी पीएम की मुख्य सहायक और पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) की इस नेता ने कहा, “भारत के लिए कश्मीरी आसान निशाना हैं और उन्होंने चेतावनी दी कि अगर भारत, पाकिस्तान पर हमला करता है तो 22 करोड़ पाकिस्तानी, पाकिस्तानी सेना के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े होंगे.”
भारत की अंतरराष्ट्रीय मजबूती के चलते दरकिनार हुआ पाक
दरअसल भारत के बड़े स्तर पर अंतरराष्ट्रीय दोस्ताने ने (खासकर खाड़ी और मुस्लिम देशों के साथ) पाकिस्तान के कश्मीर पर किए जा रहे प्रयासों को निष्क्रिय कर दिया है. साथ ही पाकिस्तान की ओर से पीएम मोदी की छवि को इस्लामोफोबिक बताने के झूठ की पोल भी खोल दी है. बल्कि यूएई (UAE) में पीएम मोदी को ऑर्डर ऑफ जाएद से भी सम्मानित किया गया है, जो वहां का सबसे बड़ा सम्मान है. पीएम मोदी की बहरीन यात्रा भी बेहद सफल रही है. इन यात्राओं ने भी पाकिस्तानी प्रयासों के प्रभाव को खत्म किया है.