विदेश में बेच रहे थे न्यूकलियर सीक्रेट, पाकिस्तान की सेना ने दो को फांसी और 1 को दी उम्र कैद की सजा

ISPR ने इस बात का ब्योरा नहीं दिया कि तीनों किन विदेशी एजेंसियों की जासूसी कर रहे थे या उन्होंने कौन सी जानकारी लीक की थी.

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पाकिस्तान में सेना के ब्रिगेडियरऔर एक वैज्ञानिक को मौत की सजा सुनाई गई है जबकि एक अन्य लेफ्टिनेंट जनरल को 14 साल के कैद की सुनाई गई है. पाकिस्तानी सेना के प्रमुख कमर जावेजद बाजवा ने इसकी पुष्टि की है. मिली जानकारी के अनुसार इन तीनों पर आरोप था कि इन्होंने पाकिस्तान के न्यूकलियर सिक्रेट दूसरे देशों को बेचे.

अंग्रेजी अखबार The Indian Express के अनुसार पाकिस्तानी सेना के वरिष्ठ अधिकारी रिटायर्ड लेफ्टिनेंट जनरल जावेद इकबाल को 14 साल की कैदा, रिटायर्ड ब्रिगेडियर रजा रिजवान और वैज्ञानिक डॉक्टर वसीम अकरम को फांसी की सजा सुनाई गई है. रजा और वसीम के बारे पाकिस्तानी सेना की मीडिया विंग ने बताया कि ये ‘संवेदनशील संस्थान’ के कर्माचारी हैं.

बाजवा ने इस पूरे घटनाक्रम पर बाजवा ने उस वक्त पुष्टि की है जब पाकिस्तान सेना को देश में एकमात्र ऐसी संस्था होने के लिए आलोचना का सामना करना पड़ रहा है,  जिसकी कोई जवाबदेही नहीं है. घटनाक्रम के खुलासे के बाद से, मीडिया जवाबदेही पर एक उदाहरण देने के लिए पाकिस्तान सेना की प्रशंसा की है.

ISPR ने नहीं दी जानकारी

ISPR ने इस बात का ब्योरा नहीं दिया कि तीनों किन विदेशी एजेंसियों की जासूसी कर रहे थे या उन्होंने कौन सी जानकारी लीक की थी.

एक सूत्र ने कहा कि सजा की गंभीरता से संकेत मिलता है कि वे भारत को सीक्रेट बता रहे थे लेकिन दूसरे ने कहा कि यह सीआईए और अमेरिकी रक्षा खुफिया एजेंसी की मदद कर रहे थे. उन्होंने आगे कहा कि वसीम एक परमाणु वैज्ञानिक हैं और कहुटा रिसर्च लैब्स में काम कर रहे थे.

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