PoK पर राजनाथ के बयान से पाकिस्तान में हड़कंप, UNSC में लगाई मदद की गुहार
पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय ने अपने बयान में भारत पर जम्मू कश्मीर में मानव अधिकारों के उल्लंघन का आरोप लगाया था. साथ ही संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNCS) से कश्मीर के हालात पर नजर रखने की गुहार लगाई है.
- PoK पर राजनाथ सिंह के बयान से पाकिस्तान में हड़कंप
- पाकिस्तानी विदेश मंत्री ने UNSC से की मदद की गुहार
- भारत पर लगाया मानव अधिकारों के उल्लंघन का आरोप
इस्लामाबाद। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की ओर से रविवार को पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) पर दिए बयान के बाद पाकिस्तान में हड़कंप मच गया है. पाकिस्तानी विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने एक बयान जारी कर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद से मदद की गुहार लगाई है. साथ ही जम्मू कश्मीर में सुरक्षाबलों की तैनाती पर भी अपनी बौखलाहट जाहिर की है. कुरैशी की ओर से जारी बयान में राजनाथ सिंह के बयान की आलोचना की गई है. साथ ही संयुक्त राष्ट्र के प्रस्तावों का हवाला दिया गया है.
पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय के बयान में भारत पर जम्मू कश्मीर में मानव अधिकारों के उल्लंघन का आरोप लगाया गया था. साथ ही संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNCS) से कश्मीर के हालात पर नजर रखने की गुहार लगाई गई है. पाकिस्तान ने फिर एक बार जहर उगलते हुए धारा 370 हटाने के फैसले पर मोदी सरकार को जम्मू कश्मीर में जनमत संग्रह कराने की चुनौती दी है. साथ ही कश्मीर के नेताओं और हुर्रियत के लोगों से बातचीत करने को कहा है.
शाह महमूद कुरैशी ने अपने बयान में कहा कि पाकिस्तान बातचीत का विरोधी नहीं है लेकिन इस वार्ता में भारत-पाकिस्तान के अलावा कश्मीरी भी तीसरा पक्ष होने चाहिए. सुरक्षा परिषद से गुहार लगाते हुए पाकिस्तान ने भारत सरकार पर कश्मीर के प्रति निर्दयी होने का आरोप लगाते हुए कहा है कि वह ऐसी सरकार और मौजूदा वातावरण में भारत से बातचीत नहीं कर सकता.
क्या था राजनाथ सिंह का बयान
पाकिस्तान कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने से सदमे में है. भारत ने UN में साफ-साफ कह दिया कि ये भारत का आंतरिक मामला है और इससे किसी दूसरे देश का लेना-देना नहीं होना चाहिए. लेकिन पाकिस्तान UN से फटकार खाने के बावजूद इसे अपनी कूटनीतिक सफलता बताता रहा है.
पाक विदेश मंत्री का यह बयान रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के उस बयान के बाद आया है, जिसमें उन्होंने कहा था, ‘जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 में परिवर्तन राज्य में विकास करने के लिए किया गया है. पाकिस्तान दुनिया का दरवाजा खटखटा रहा है कि भारत ने गलत किया है. पाकिस्तान के साथ बातचीत तभी संभव है, जब पाकिस्तान आतंकवाद का समर्थन बंद करे. अगर भारत और पाकिस्तान के बीच बातचीत होती है तो वह सिर्फ PoK पर होगी.’
डरे हुए हैं इमरान खान
जम्मू कश्मीर से धारा 370 हटाए जाने के बाद से पाकिस्तानी नेताओं की बौखलाहट साफ दिखाई दे रही है. इससे पहले भी पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान अपना डर दिखाते हुए कह चुके हैं कि भारत सिर्फ कश्मीर पर रुकने वाला नहीं है और उसकी नजर PoK पर भी है. इमरान खान ने कहा था कि अगर भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध के हालात बनते हैं, तो इसके लिए दुनिया जिम्मेदार होगी और संयुक्त राष्ट्र जिम्मेदार होगा.
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह पाकिस्तान के नेताओं को इससे पहले भी चेतावनी दे चुके हैं जब उन्होंने भारत की परमाणु नीति पर बयान देते हुए कहा कि था कि देश की परमाणु नीति हालात पर निर्भर करती है. हमारी नीति पहले हमला न करने की है लेकिन हम इसमें बदलाव कर सकते हैं.