इस्लामाबाद: पाकिस्तान में जुलाई से लेकर अबतक भारी बारिश से संबंधित घटनाओं में कुल 161 लोगों की मौत हो चुकी है और 137 अन्य घायल हो गए हैं. इसकी पुष्टि पाकिस्तान के राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के एक अधिकारी ने की है. आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के मीडिया प्रमुख साकिब मुमताज ने रविवार को समाचार एजेंसी सिन्हुआ को बताया कि बारिश का मौजूदा दौर सोमवार को कराची से थमने की संभावना है.
स्थानीय मीडिया ने रविवार को बताया कि पाकिस्तान के दक्षिण सिंध प्रांत के कराची में बारिश से संबंधित हादसों में कम से कम 11 लोगों की मौत हो गई, और दर्जनों अन्य घायल हो गए. स्थानीय समा टीवी के अनुसार, 192 मिलीमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से हुई भारी बारिश के कारण शहर के निचले इलाकों और मुख्य मार्गो में पानी भर गया, जिससे लोग अपने घरों में फंस गए और सड़क और रेल परिवहन बाधित हो गया.
रिपोर्ट में कहा गया है कि छत गिरने और करंट लगने की घटनाओं की वजह से ज्यादातर जानलेवा हादसे हुए हैं, जिसमें दर्जनों पशुओं की भी मौत हुई हैं, जिन्हें लोगों ने बकरीद पर कुर्बानी के लिए खरीदा था. सिंध के मुख्यमंत्री मुराद अली शाह ने एक प्रेस ब्रीफिंग में कहा कि बारिश से दर्जनों लोग विस्थापित हो गए हैं, और उन्होंने उनके लिए अस्थायी टेंट की व्यवस्था की है, जहां उन्हें भोजन, बिस्तर और दवाई उपलब्ध कराई जा रही है.
बारिश का दूसरा दौर जारी
शहर के 35 प्रतिशत हिस्से में बिजली की आपूर्ति बाधित हो गई, क्योंकि खराब मौसम के कारण लगभग 500 बिजली फीडर बंद कर दिए गए थे. शहर के बिजली प्रदाता, कराची इलेक्ट्रिक ने रविवार को ट्वीट् कर कहा कि उन्होंने करंट लगने की घटनाओं को रोकने के लिए बारिश के पानी में जलमग्न कुछ क्षेत्रों में बिजली की आपूर्ति बंद कर दी.
शहर के अधिकारियों ने नागरिकों को बिजली के खंभे से दूर रहने और बारिश के दौरान घर के अंदर रहने के लिए कहा है, ताकि कोई दुर्घटना न हो. कुछ क्षेत्रों में फंसे हुए लोगों को निकालने के लिए बचाव अभियान चला रहे सिंध के प्रांतीय अधिकारियों की सहायता के लिए सेना और अर्धसैनिक बलों को बुलाया गया.
इससे पहले शनिवार को, सिंध के प्रांतीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने मुख्य बैराज में जलस्तर बढ़ने के बाद बाढ़ की चेतावनी जारी की. यह तीन सप्ताह से भी कम समय में शहर में मॉनसून की बारिश का दूसरा दौर है. इससे पहले जुलाई के अंतिम सप्ताह में कराची में बारिश के पहले दौर के दौरान लगभग 25 लोग मारे गए थे.