चंडीगढ़/नई दिल्ली. पाकिस्तान द्वारा करतारपुर साहिब गुरुद्वारा जाने के लिए प्रत्येक श्रद्धालु से 20 डॉलर (यानी करीब 1420 रुपए) फीस वसूलने का पेंच फंस गया है। इस वजह से ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया रविवार से शुरू नहीं हो पाई। एक अफसर ने बताया कि सोमवार को इस मुद्दे पर विदेश मंत्रालय एक बैठक करेगा। इसके बाद जल्द ही पाक अधिकारियों से भी मीटिंग करेंगे, जिसमें पाकिस्तान से कहा जाएगा कि वह पूरी फीस माफ करे, फिर भी वह नहीं माना तो फीस कम करने को कहा जाएगा।
बैठक के बाद ही केंद्र सरकार ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया को शुरू करेगा। वहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 8 नवंबर को कॉरिडोर के उद्घाटन के लिए डेरा बाबा नानक पहुंचेंगे, जबकि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान 9 नवंबर को पाकिस्तान कॉरिडोर शुरू करेंगे। मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह और पूर्व पीएम मनमोहन सिंह का गुरुद्वारा करतारपुर साहिब के दर्शन को जाने का प्रोग्राम है।
भारत ने कहा- रजिस्ट्रेशन वेबसाइट पूरी तरह से तैयार
श्रद्धालुओं का रजिस्ट्रेशन करने के लिए केंद्र की वेबसाइट तैयार है। हालांकि इसे अभी खोला नहीं गया है। रविवार को पंजाब समेत देश और विदेश में सिख श्रद्धालुओं में असंभजस की स्थिति देखने को मिली। अमृतसर, जालंधर, चंडीगढ़ और समेत राज्य के कई इलाकों लोग पूछताछ करते देखे गए।
पाकिस्तान हर साल फीस से मिलेंगे 259 करोड़ रुपए
पाकिस्तान करतारपुर कॉरिडोर के लिए हर भारतीय सिख श्रद्धालु से 20 डॉलर यानी करीब 1420 रुपए लेने पर अड़ा है। भारत के कई बार कहने के बावजूद पाकिस्तान ने फीस हटाने से इनकार कर दिया है। पाकिस्तान ने रोजाना 5 हजार श्रद्धालुओं को करतारपुर साहिब में माथा टेकने की इजाजत दी है। हर साल 18 लाख सिख श्रद्धालु जाएंगे तो पाकिस्तान को 259 करोड़ रुपए मिलेंगे।
हुड्डा ने कहा- हरियाणा में सरकार बनी तो फीस नहीं देनी होगी
हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपिंदर सिंह हुड्डा ने कहा है कि करतारपुर कॉरिडोर पर पाकिस्तान और केंद्र के बीच जो भी समझौता हो, लेकिन हरियाणा में कांग्रेस सरकार बनती है तो यह 20 डॉलर का यह शुल्क श्रद्धालुओं को नहीं देना पड़ेगा। यह जानकारी उन्होंने रविवार को ट्वीट के जरिए दी। शनिवार को केजरीवाल सरकार ने भी दिल्ली के सिख श्रद्धालुओं की फीस सरकार की ओर से दिए जाने का ऐलान किया था।