पणजी: गोवा के निवर्तमान उप मुख्यमंत्री विजय सरदेसाई ने शनिवार को कहा कि कांग्रेस के 10 विधायकों को भाजपा में शामिल करना दिवंगत मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर द्वारा स्थापित परंपरा को खत्म करना है. दरअसल, इस तटीय राज्य के सबसे कद्दावर भगवा नेता रहे पर्रिकर को क्षेत्रीय दलों को एकजुट कर 2017 में सरकार बनाने का श्रेय जाता है. गोवा में कांग्रेस को बुधवार को उस वक्त जोरदार झटका लगा, जब उसके 15 में से 10 विधायकों ने अपना पाला बदल लिया और भाजपा में शामिल हो गए. इस घटनाक्रम से 40 सदस्यीय राज्य विधानसभा में भाजपा विधायकों की संख्या 27 हो गई है. इसके बाद, मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने चार मंत्रियों को अपनी कैबिनेट से हटा दिया, जिनमें सरदेसाई सहित गोवा फॉरवर्ड पार्टी (जीएफपी) के तीन मंत्री और एक निर्दलीय शामिल हैं.
सरदेसाई ने मिरामार में पर्रिकर के स्मारक के पास लोगों से कहा, ‘पर्रिकर की दो बार मौत हुई… उनका देहावसान 17 मार्च को हुआ, जबकि आज उनकी राजनीतिक परंपरा खत्म हो गई.’ उन्होंने यह घोषणा भी कि गोवा फॉरवर्ड पार्टी (जीएफपी) भाजपा नीत सरकार से अपना समर्थन वापस ले रही है. सरदेसाई ने कहा, ‘हमने प्रमोद सांवत सरकार का समर्थन किया था क्योंकि मैंने पर्रिकर से वादा किया था कि किसी भी परिस्थिति में सरकार को समर्थन जारी रहेगा. हम अब राजग द्वारा ठगे गए महसूस कर रहे हैं.’
Newly-inducted ministers in Goa cabinet, Filipe Nery Rodrigues, Jennifer Monserratte, Chandrakant Kavleka, and Michael Lobo, welcomed at BJP state Headquarters in Panaji. Goa CM Pramod Sawant also present. pic.twitter.com/aPH7NRRWLI
— ANI (@ANI) July 13, 2019
अपनी साख खो दी है. राजग ने अपने सहयोगियों को छोड़ दिया.’
बता दें, शनिवार को गोवा विधानसभा के उपाध्यक्ष पद से इस्तीफा देने वाले माइकल लोबो और इस सप्ताह भाजपा में शामिल होने वाले 10 में से तीन विधायक चंद्रकांत कावलेकर, जेनिफर मोन्सेराते, फिलिप रोड्रिगेज ने नए मंत्रियों के तौर पर शपथ ली. गोवा की राज्यपाल मृदुला सिन्हा ने दोपहर में राज भवन में आयोजित एक समारोह में नए मंत्रियों को पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई.
कांग्रेस के 10 विधायक बुधवार को भाजपा में शामिल हुए थे. इसके साथ ही 40 सदस्यीय सदन में भाजपा के विधायकों की संख्या बढ़कर 27 हो गयी है. उनके समर्थन के बाद सावंत ने जीएफपी के मंत्रियों को हटाने का फैसला किया. क्षेत्रीय पार्टी जीएफपी ने साल 2017 में मनोहर पर्रिकर के नेतृत्व वाली सरकार के गठन में अहम भूमिका निभाई थी. तीन महीने पहले मुख्यमंत्री बनने के बाद से यह सावंत मंत्रिमंडल में दूसरा फेरबदल है.
(इनपुट- भाषा)