PAK में स्कूल बंद, मस्ज‍िदें खुलीं, सबसे अलग हैं लॉकडाउन नियम

अल्वी ने मस्जिदों में तरावीह (शाम) और शुक्रवार की नमाज के लिए सशर्त अनुमति देने की घोषणा करते हुए कहा कि मौलवियों के साथ 20 दिशानिर्देशों पर सहमति‍ बनी है.

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कोरोना वायरस के कारण दुनिया भर के लोग घरों में कैद हैं. लोगों को सोशल डिस्टेंसिंग का पाठ पढ़ाया जा रहा है. जहां भारत सहित ज्यादातर देशों में मंदिर-मस्जिद, चर्च और गुरुद्वारे आद‍ि सभी तीर्थस्थल बंद कर दिए हैं, वहीं पाकिस्तान इस मामले में अलग ही प्रोटोकॉल पर चल रहा है. यहां स्कूल-कॉलेज, मॉल वगैरह बंद हैं, लेकिन मस्जिदें अभी भी खुली हैं. आइए जानें- पाकिस्तान में लॉकडाउन किन नियमों पर आधारित है, यहां कैसे हो रहा है इनका पालन.

 

पाकिस्तान में कोरोना के मामले

वर्तमान के आंकड़ों के अनुसार पाकिस्तान में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या 10,000 से ऊपर है, 200 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी हैं और 2300 से ज्यादा ठीक हो चुके हैं.

खुली रहेंगी मस्जिदें

पाकिस्तान के राष्ट्रपति आरिफ अल्वी ने 18 अप्रैल 2020 को घोषणा करते हुए कहा था कि रमजान में तरावीह (शाम) की नमाज के लिए मस्जिदें खुली रहेंगी, नागरिकों और धर्मगुरुओं से आग्रह किया कि वे मस्जिदों में आते ही अनुशासन का पालन करें और कोरोनो वायरस महामारी के खिलाफ सावधानी बरतें. इसी के साथ कहा गया था कि 50 वर्ष से अधिक उम्र के नागरिक और बच्चों को मस्जिद में आने की अनुमति नहीं है.

अल्वी ने मस्जिदों में तरावीह (शाम) और शुक्रवार की नमाज के लिए सशर्त अनुमति देने की घोषणा करते हुए कहा कि मौलवियों के साथ 20 दिशानिर्देशों पर सहमति‍ बनी है.

पाकिस्तान के प्रधानमंत्राी का बयान

  • पाकिस्तान में रमजान में मस्जिदों में सामूहिक नमाज की इजाजत दिए जाने के फैसले पर कई देशों ने चिंता जताई, वहीं 21 अप्रैल 2020 को पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान का बयान आया. अपनी सरकार के इस फैसले का बचाव करते हुए उन्होंने कहा, वह लोगों को मस्जिदों में जाने से नहीं रोक सकते हैं.
  • इमरान खान ने कहा कि “पाकिस्तान एक आजाद मुल्क है, हम यहां के लोगों को धर्मस्थलों में जाने से नहीं रोक सकते हैं” . इसी के साथ उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस के चलते यदि लोगों ने मस्जिद में सोशल डिस्टेंसिंग आदि नियमों का पालन नहीं किया तो उन्हें दोबारा बंद कर दिया जाएगा.”
  • इमरान ने कहा, मुझे ये देखकर बुरा लगा कि रमजान के पाक महीने के दौरान एक शख्स मस्जिद जाना चाह रहा था, लेकिन पुलिस वालों ने उसकी पिटाई कर दी थी.
  • पाक पीएम ने कहा क‍ि क्या हम दबाव डालकर किसी भी शख्स को मस्जिद जाने से रोक सकते हैं? यदि वह जाते हैं तो क्या पुलिस उन्हें जेल में डाल देगी? पाकिस्तान एक आजाद मुल्क है, ऐसा तौर तरीका यहां बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है. समाज में हम सब एक हैं.
  • एक स्वतंत्र समाज में लोगों को अपने दिमाग का इस्तेमाल करने  की आजादी है, वह ये तय करने के लिए आजाद हैं कि देश के लिए क्या बेहतर है और क्या नहीं है. आपको बता दें, पाकिस्तान के नागरिकों को लिए कोरोना वायरस के मद्देनजर 20 दिशानिर्देश जारी किए गए हैं.
  • इन दिशानिर्देशों को लेकर इमरान खान ने कहा, मैं लोगों से घर पर नमाज पढ़ने का आग्रह करता हूं,  लेकिन अगर आप मस्जिदों में जाना चाहते हैं, तो ध्यान रखें कि आपको इन 20 दिशानिर्देशों का पालन करना अनिवार्य है.

नमाज अदा करते समय सोशल डिस्टेंसिंग (शारीरिक दूरी) से लेकर तमाम  नियमों  का पालन नहीं किया जाता है और यदि यह वायरस रमजान में किसी भी मस्जिद के माध्यम से फैलता है, तो हमारे पास मस्जिद बंद करवाने के अलावा कोई विकल्प नहीं होगा.

पाकिस्तान के 20 दिशा-निर्देश के कुछ मुख्य प्वाइंट्स

  • पाकिस्तान के नागरिकों को मस्जिद में घर से प्रार्थना मैट लाने की अनुमति है.
  • नमाज/तरावीह के बाद किसी भी सभा की अनुमति नहीं दी जाएगी.
  • 50 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों और बच्चों को मस्जिद में प्रवेश की अनुमति नहीं दी जाएगी.
  • हर किसी को डब्ल्यूएचओ और अन्य स्वास्थ्य विशेषज्ञों द्वारा बताए गए निर्देशों का पालन करना होगा.
  • तरावीह का आयोजन मस्जिद परिसर,सड़कों, फुटपाथों पर नहीं किया जाना चाहिए.
  • लोगों को घर पर नियमित रूप से नमाज पढ़ते रहना चाहिए.
  • नमाज पढ़ने के दौरान छह फुट की दूरी होनी चाहिए.
  • मस्जिद को समितियों का गठन करना चाहिए ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि लोग नियमों का पालन कर रहे हैं  या नहीं.
  • नागरिक किसी से भी हाथ न मिलाएं, न ही गले लगे.
  • किसी को भी मस्जिदों में सहरी और इफ्तार नहीं करना चाहिए.
  • अगर रमजान के दौरान, सरकारी अधिकारियों को लगता है कि स्थिति नियंत्रण से बाहर हो गई है और कोरोना वायरस मामलों की संख्या में वृद्धि हुई है, तो  वह निर्णयों की समीक्षा कर सकते हैं.

क्या हैं पाकिस्तान में स्कूलों का हाल

पाकिस्तान ने 13 मार्च से अपने स्कूलों को बंद करने का ऐलान किया था. प्रधानमंत्री इमरान खान ने कहा है कि कोरोना वायरस लॉकडाउन के बीच  स्कूल 31 मई तक बंद हैं. छात्रों को ऑनलाइन शिक्षा दी जा रही है.

 

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