कर्नाटक संकटः अशोक गहलोत का बयान, आने वाले दिनों में बीजेपी को भारी पड़ेगा यह खेल

कर्नाटक में कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन की सरकार गिरने के बाद राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बीजेपी और पीएम मोदी पर करारा हमला बोला है.

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जयपुर: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कर्नाटक के राजनीतिक घटनाक्रम पर टिप्पणी करते हुए मंगलवार को कहा कि जनता सबकुछ देख रही है और आने वाले समय में यह भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) को भारी पड़ेगा. गहलोत से इस घटनाक्रम के बारे में पूछे जाने पर मंगलवार रात यहां उन्होंने कहा, ‘‘ये घटनाक्रम लंबे समय से चल रहा है, पूरा देश देख रहा है किस प्रकार मोदीजी को भारी बहुमत मिला. आम जनता को उम्मीद नहीं थी कि जीतने के बावजूद एनडीए सरकार इस प्रकार की हरकत करेगा .’’

 

उन्होंने कहा, ‘‘कर्नाटक में आप तमाशा देख ही रहे हैं . जो कुछ हो रहा है यह जनता के जहन में बैठ रहा है और आने वाले वक्त में उन्हें ये भारी पड़ेगा . इनकी खुद की पार्टी में बगावत होगी, ये मैं कह सकता हूं . समय का इंतजार कीजिए . अंतिम विजय सत्य की होती है .’’

गहलोत ने कहा, ‘‘ये लोग लोकतंत्र को खत्म करने का खेल खेल रहे हैं . इनका बस चले तो हिंदुस्तान भर में यही काम करेंगे और कोई काम तो है नहीं इनके पास . देश की अर्थव्यवस्था चौपट हो रही है, युवाओं में आक्रोश पैदा हो रहा है . किसान आत्महत्या कर रहे हैं . इन्हें उसकी चिंता नहीं है.’’


जितने महीने रही लड़खड़ाती ही रही कर्नाटक की कुमारस्वामी सरकार

 

एचडी कुमारस्वामी ने मुख्यमंंत्री पद से दिया इस्तीफा (फोटो-IANS)

कर्नाटक में कांग्रेस-जेडीएस सरकार अपना विश्वासमत साबित नहीं कर पाई और गिर गई. एचडी कुमारस्‍वामी अपनी पार्टी और कांग्रेस विधायकों की बगावत के चलते सरकार गंवा बैठे. 2018 में सरकार बनाने के बावजूद यह गठबंधन सरकार डगमगाती रही.

असल में, 2018 में हुए कर्नाटक विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने 104 सीटें जीती और बहुमत से मात्र 9 सीटें दूर रह गई. कांग्रेस को 80 सीटें और जेडीएस को 37 सीटें मिलीं थी.

इसी क्रम में 17 मई 2018 को बीजेपी के नेता बीएस येदियुरप्‍पा ने सरकार बनाने का दावा पेश किया और मुख्‍यमंत्री पद की शपथ ली. लेकिन येदियुरप्‍पा बहुमत के लिए जरूरी आंकड़ा नहीं जुटा पाए और अपने पद से 19 मई 2018 को इस्‍तीफा दे दिया. चुनाव बाद कांग्रेस के साथ हुए समझौते के तहत 23 मई 2018 को एचडी कुमारस्‍वामी को फिर से राज्‍य का मुख्‍यमंत्री बनने का मौका मिला.

बताया जाता है कि जेडीएस और कांग्रेस के गठबंधन से कांग्रेस के वरिष्‍ठ नेता सिद्धारमैया नाखुश थे. उन्‍होंने उस दौरान तत्‍कालीन कांग्रेस अध्‍यक्ष राहुल गांधी को सलाह दी कि वह गठबंधन खत्म कर दें लेकिन राहुल गांधी ने ऐसा नहीं किया.

बहरहाल, नए साल की शुरुआत में 15 जनवरी 2019 को कांग्रेस के सात विधायकों ने पार्टी छोड़ने की धमकी दी. इन विधायकों को पवई के एक होटल ले जाया गया.

4 जून 2019 को एएच विश्‍वनाथ ने जेडीएस के अध्‍यक्ष पद से इस्‍तीफा दे दिया. उन्‍होंने जेडीएस-कांग्रेस गठबंधन सरकार और मुख्‍यमंत्री कुमारस्‍वामी पर कई तरह के आरोप लगाए. एक तरह से कहा जा सकता है कि कांग्रेस जेडीएस सरकार पर ग्रहण उसी दिन लग गया था.

बता दें कि कर्नाटक में ताजा राजनीतिक संकट की शुरुआत 6 जुलाई 2019 को हुई तब हुई जब जेडीएस और कांग्रेस के 12 विधायकों ने अपनी सदस्‍यता से इस्‍तीफा दे दिया. इससे पहले कांग्रेस के विधायक आनंद सिंह ने अपनी सदस्‍यता से इस्‍तीफा दिया था.

इन 13 विधायकों के बाद निर्दलीय विधायक नागेश ने भी इस्‍तीफा दे दिया. नागेश मुंबई के लिए रवाना हो गए जहां पहले से ही कांग्रेस-जेडीएस के बागी विधायक एक होटल में ठहरे हुए थे. निर्दलीय विधायक नागेश ने गवर्नर को पत्र लिखकर कांग्रेस-जेडीएस सरकार से समर्थन वापस लेने के साथ ही यह भी स्पष्ट किया कि यदि बीजेपी समर्थन मांगती है तो वह उसके साथ हैं.


कर्नाटक: इतिहास में केवल 3 मुख्यमंत्रियों ने ही पूरा किया अपना कार्यकाल, तीनों कांग्रेस के

कर्नाटक के इतिहास में केवल तीन मुख्यमंत्री ही पांच साल का अपना कार्यकाल पूरा कर पाये हैं. 14 महीनों तक सत्ता में रहने के बाद एच डी कुमारस्वामी की अगुवाई वाली गठबंधन सरकार मंगलवार को विधानसभा में विश्वास प्रस्ताव हार बैठी. एन निजलिंगप्पा (1962-68), डी देवराजा उर्स (1972-77) और सिद्धरमैया (2013-2018) ऐसे मुख्यमंत्री हैं जिन्होंने अपना कार्यकाल पूरा किया. तीनों कांग्रेस के नेता हैं.

 

बीजेपी से कोई भी मुख्यमंत्री पूरा नहीं कर पाया कार्यकाल

 

बीजेपी से कोई भी मुख्यमंत्री या जेडीएस के कुमारस्वामी अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर पाये. पहली बार बीजेपी नीत गठबंधन सरकार में कुमारस्वामी दो साल से भी कम समय तक फरवरी, 2006 से अक्टूबर 2007 तक मुख्यमंत्री रहे. उनका सत्ता साझेदारी को लेकर बीजेपी से मतभेद हो गया और उन्होंने राज्य में भगवा पार्टी नीत सरकार का समर्थन करने से इनकार कर दिया.

कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन सरकार में मुख्यमंत्री के रूप में उनका दूसरा कार्यकाल मई, 2018 में शुरू हुआ. चुनाव के बाद त्रिशंकु विधानसभा अस्तित्व में आयी थी, तब यह गठबंधन सरकार बनी.

 

बीजेपी के मामले में बी एस येदियुरप्पा 2007 में पहली बार मुख्यमंत्री बने लेकिन वह सात दिन तक ही पद पर रहे क्योंकि जेडीएस ने समर्थन वापस ले लिया था और राज्य में राष्ट्रपति शासन लगा दिया गया.

 

भ्रष्टाचार के चलते येदियुरप्पा को जुलाई 2011 में छोड़नी पड़ी कुर्सी

 

मई, 2008 में येदियुरप्पा की अगुवाई में बीजेपी ने राज्य में ऐतिहासिक जीत दर्ज की और वह दूसरी बार मुख्यमंत्री बने लेकिन कथित भ्रष्टाचार के चलते उन्हें जुलाई, 2011 में कुर्सी छोड़नी पड़ी. मुख्यमंत्री के रूप में उनका तीसरा कार्यकाल 2018 में महज छह दिन 17 मई, से लेकर 23 मई रहा और उन्होंने बहुमत के अभाव में इस्तीफा दे दिया.

 

कर्नाटक 1956 में बना था. तब से राज्य ने 25 मुख्यमंत्री देखे जिनमें ज्यादातर कांग्रेस से थे.

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