बठिंडा में एक व्यक्ति की मौत ,63 नए कोरोना मरीज मिले, सैनिक छावनी, एनसीसी यूनिट,सेंट्रल जेल व रामा मंडी में स्थिति गंभीर

-वित्तमंत्री की हिदायत के बाद आईएमए ने जिला प्रशासन को कहा 8 अस्पताल कर रहे हैं स्टेज दो से चार तक का उपचार -पहली स्टेज के कोविड मरीजों को 18 डाक्टरों का पैनल देगा निशुल्क आनलाइन गाइडेंस व करेगा देखरेख

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बठिंडा. सोमवार को बठिंडा में एक और व्यक्ति की कोरोना पोजटिव होने के बाद मौत हो गई। वही 63 नए कोरोना पोजटिव केस सामने आए है। इसमें सर्वाधिक 14 मामले सेंट्रल जेल बठिंडा में मिले हैं जबकि 10 मामले एनसीसी यूनिट में ,आर्मी कैंट अस्पताल में सात केस संक्रमित मिले हैं। इसके अलावा रामा मंडी के विभिन्न इलाकों में 8, शहरी इलाके में मतिदास नगर में तीन, हरबंस नगर में दो, नामदेव रोड में दो व होमलैड एक्लेव में दो केस कोरोना पोजटिव मिले हैं। इसके अलावा आदेश कैंप में एक. केईसी रामपुरा टाउन में दो, सलाबतपुर में एक व शेरियावाला में एक केस मिला। इसमें नामदेव रोड़ ऐसा इलाका है जहां पिछले कुछ दिनों से लगातार कोराना संक्रमित केस मिल रहे हैं जो जिला प्रशासन के लिए भी चिंता का कारण बन रहे हैं। इसके अलावा गुरुद्वारा सिंह सभा के नजदीक एक, अजीत रोड गली नंबर 13 में एक, मान पैट्रोल पैंप वीर कालोनी साइड में एक, माडल टाउन फेस तीन में एक, शक्ति बिहार गली नंबर एक में एक, धोबियाना रोड गली नंबर 6 में एक, पुडा कालोनी में एक, जनता कालोनी रामपुरा में एक, पतिसोन महिराज में एक, भाटिया स्कूल रामपुरा के नजदीक एक कोरोना संक्रमित केस मिला है।

  • जानकारी अनुसार मौड़ मंडी में जवाहर चक्की चौक वासी जवाहर लाल की कोरोना वायरस के कारण मौत हो गई। 57 साल के जवाहर लाल को सास में दिक्कत, बुखार के साथ तेज खासी के बाद बठिंडा सिविल अस्पताल में लाया गया था जहां हालत खराब होने के चलते उन्हें मेडिकल कालेज फरीदकोट में रैफर कर दिया गया जहां सोमवार दोपहर उनकी मौत हो गई। समाजसेवी संस्था नौजवान वेलफेयर सोसाइटी बठिंडा की टीम फरीदकोट मेडिकल कॉलेज के शव लेने के लिए पहुंची व मृतक का अंतिम संस्कार मौड़ मंडी में जिला प्रशासन के अधिकारियों व परिजजों के समक्ष किया गया। रविवार को बठिंडा में कोरोना के तीन मरीजों की मौत हो गई थी जबकि 25 नए पोजटिव मामलों की पुष्टी हुई थी। इस तरह के जिले में अब तक 50 लोगों की कोरोना से मौत हो चुकी है जबकि सोमवार को 63 नए केस सामने आने के बाद 3530 संक्रमित लोगों की पिछले पांच माह में पुष्टी हुई है।

इसी बीच गत दिवस वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल ने जिला प्रशासन व मेडिकल एसोसिएशन व डाक्टरों के साथ बैठक कर जिले में कोरोना वायरस के फैलाव को रोकने के लिए पुख्ता इंतजाम करने की हिदायते दी थी जिसमें प्राइवेट अस्पतालों में 150 बैड कोविड मरीजों खासकर स्टेज तीन व चार के लिए रिजर्व रखने के लिए कहा था। वही आज सोमवार को इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के प्रदेश उपप्रधान व जिला प्रधान डा. विकास छाबड़ा ने प्रेसनोट जारी कर बताया कि जिले में 8 प्राइवेट अस्पतालों में कोविड मरीजों का उपचार किया जा रहा है। इसमें आदेश अस्पताल भुच्चो, मैक्स अस्पताल, दिल्ली हार्ट इंस्टीच्यूट, इंद्राणी अस्पताल, निवारण अस्पताल, सत्यम अस्पताल, ग्लोबल अस्पताल, प्रैगमा अस्पताल में स्टेज दो से चार तक के मरीजों का उपचार किया जा रहा है। आईएमए जरुरत पड़ने पर अन्य अस्पतालों में बैड की व्यवस्था करने के लिए तैयार है। इसी तरह उन्होंने स्टेज वन में मरीजों को फोन व आनलाइन गाइडेंस देने व होम कोरोनटाइन हुए मरीजों की आनलाइन देखरेख के लिए 18 डाक्टरों का एक पैनल गठित किया गया है जिसमें विभिन्न बीमारियों के माहिरों के अलावा कोरोना के दौरान होने वाली आरंभिक उपचार व देखरेख के बारे में संपर्क करने पर जानकारी निशुल्क दी जाएगी। इस बाबत आईएमए ने पूरी जानकारी व लिस्ट डीसी बठिंडा को सौंप दी है।

दूसरी तरफ अब प्रदेश में लेवल वन से लेवल टू या थ्री के अस्पताल में रेफर होने वाले कोरोना संक्रमित मरीजों को रेफरल प्रोटोकाल के तहत रेफर किया जाएगा। गंभीर मरीज को रेफर किए जाने की सूरत में एंबुलेंस से लेकर अस्पताल पहुंचने तक उसकी केस हिस्ट्री के हिसाब से उपचार के सभी इंतजाम पहले से होंगे। सूबे में कोविड की वजह से हुई मौतों के बारे में करवाए ऑडिट में यह तथ्य सामने आया कि ज्यादातर मरीज ऐसे थे जोकि इतनी गंभीर स्थिति में अस्पताल पहुंचे कि उनकी हालात में सुधार नहीं हो पाया। वर्तमान में जिले में कुछ प्राइवेट अस्पतालों में मरीजों को दिखाल करवाया गया जहां अधिकतर लोगों की मौत हो गई हालांकि डाक्टरों का कहना है कि उक्त लोग तीसरे लेबल में उनके पास पहुंचे व इसमें अधिकतर की आयु 60 से ऊपर की थी।

कोविड 19 के लिए स्वास्थ्य विभाग के अनुसार जिन मरीजों का ऑक्सीजन लेवल 90 प्रतिशत से कम है या सांस लेने में परेशानी है। उन्हें हाई लेवल सुविधा दी जाएगी। जिनकी पल्स रेट 120 से कम नहीं हो, ब्लड प्रेशर ठीक नहीं हो, यूरिन में कमी, ज्यादा बुखार, व्हाइट सेल में कमी, थकावट महसूस कर रहे मरीजों को क्लीनिकल जजमेंट के आधार और डॉक्टर की राय के बाद लेवल थ्री के अस्पताल की सुविधा देने का प्रावधान है। मरीजों के उपचार से जुड़े स्पेशलिस्ट डॉक्टरों का एक व्हाट्सएप ग्रुप भी बनाया गया है जिसमें वह गंभीर स्थिति में पहुंचे मरीजों के उपचार को लेकर विचार विमर्श कर सकेंगे। इसमें इस बात को भी सुनिश्चत किया जा सकेगा कि मरीज को किस स्तर पर दूसरे अस्पतालों में रैफर किया जाना है।

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