Bathinda में कोरोना से एक की मौत, मिले 19 कोरोना से संक्रिमत मरीज वही आने वाले दिनों में पारली के धुएं से होगी स्थिति विकराल
-सेहत विभाग के साथ कृर्षि विभाग का अलर्ट-पराली जलनी नहीं रुकी तो हवा की गुणवत्ता 400 एएक्यूआई के पार होगी
बठिंडा. शनिवार की रात्रि 12 बजे बठिंडा के एक निजी अस्पताल में 1 अक्टूबर से दाखिल कोरोना पॉजिटिव व्यक्ति की मृत्यु हो गई। जिसका रविवार की प्रातः सहारा जन सेवा की लाइफ सेविंग ब्रिगेड हेल्पलाइन टीम जग्गा सहारा, मणिकरण शर्मा, तिलक राज, हरबंस सिंह, राजेंद्र कुमार, सहारा अध्यक्ष विजय गोयल ने स्थानीय श्मशान भूमि में परिजनों की उपस्थिति में पूर्ण सम्मान के साथ संस्कार कर दिया इस अवसर पर बठिंडा के तहसीलदार श्री सुखबीर सिंह बराड़ उपस्थित रहे और उन्होंने खुद संस्कार किया
जिले में रविवार को कोरोना से संक्रिमित 19 लोग मिले हैं। इसमें सैनिक छावनी परिसर व एयरफोर्स सेंटर में कोराना पोजटिव मरीजों के मिलने का सिलसिला जारी है। रविवार को एयरफोर्स में जहां पांच लोग वही सैनिक छावनी में तीन लोग पोजटिव मिले। वही रेलवे कालोनी स्थित नार्दन रेलवे अस्पताल में पिछले दो दिनों से कोरोना संक्रमित मरीजों के आने का सिलसिला थम नहीं रहा है। इसमें गत दिवस जहां दो लोग वही रविवार को चार लोगों की रिपोर्ट पोजटिव मिली है। इसके अलावा रामा मंडी में एक, सुरखपीर रोड गली नंबर 13 में एक, वेरका मिल्क प्लाट में दो, पटेल नगर में दो, आदेश अस्पताल में एक कोरोना पोजटिव केस मिला है। दूसरी तरफ जिला प्रशासन व सेहत विभाग के लिए आगामी एक माह चुनौती भरा रहने वाला है। किसानों की तरफ से खेतों में लगातार जलाई जा रही पराली के कारण हवा की गुणवत्ता लगातार खराब हो रही है शनिवार की सांय व रात जहां हवा की गुणवत्ता 230 एक्यूआई तक पहुंच गई वही रविवार की सुबह यह लेबर 180 तक पहुंच गया। इस प्रदूषण के कारण जहां लोगों को सास लेने में दिक्कत आ रही है वही फेंफड़ों व लीवर में संक्रमण बढ़ने से कोरोना वायरस का हमला तेज हो गया है। इसकी पुष्टी सेहत विभाग के माहिरों की तरफ से बी की गई है। किसान सरकारी छुट्टी वाले दिन खासकर शनिवार व रविवार को पराली जमकर जला रहे हैं वही जिला प्रशासन किसानों के खिलाफ किसी भी तरह की कारर्वाई करने में अभी जल्दबाजी नहीं दिखा रहा है जबकि माहिरों का कहना है कि अगर पराली जलाने का सिलसिला इसी तरह जारी रहा तो आने वाले दिनों में हवा की गुणवत्ता 400 के पार पहुंच सकती है व इसमें लोगों की इम्यूनिटी पावर जहां गिरेगी वही सास संबंधी समस्या के कारण कोरोना का हमला तेज होगा। इस स्थिति में जिले में कोरोना मरीजों के बढ़ने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है व इसमें मौत का आकड़ा बढ़ता है तो किसी को हैरानी नहीं होगी। सेहत विभाग इस बाबत जिला व पुलिस प्रशासन को भी आगाह कर चुका है। यहां बताते चले कि हर साल पराली जलाने के कारण सैकड़ों दमा व सास संबंधी शिकायत से ग्रस्त लोगों की मौत होती है जबकि हजारों लोग सास व आंखों में जलन संबंधी समस्या के कारण अस्पताल में उपचार के लिए दाखिल होते हैं।