Bathinda में भाजपा समागम पर हमले पर प्रदेश प्रधान ने पंजाब सरकार को घेरा, कहा-कैप्टन सरकार के ईशारे पर हो रहे हैं भाजपा वर्करों व समागमों में हमले

-हमला करने वाले लोगों पर मामले दर्ज नहीं हुए तो भाजपा लड़ेगी लोकतंत्रिय तरीके से हर लड़ाई, किसानों को प्रदर्शन करने का अधिकार पर भाजपा शांतिपूर्वक समागम भी नहीं कर सकती-शर्मा

बठिंडा. शुक्रवार को बठिंडा में आयोजित भाजपा के समागम में किसान संगठनों की तरफ से हमला करने व इसमें पुलिस की तरफ से किसी तरह की कानूनी कारर्वाई नहीं करने पर पंजाब भाजपा ने राज्य की कैप्टन अमरिंदर सिंह सरकार पर हमला बोला है। इस बाबत पंजाब के प्रदेश प्रधान अश्वनी शर्मा शनिवार को बठिंडा पहुंचे व वर्करों के साथ बैठक करने के साथ घटित घटना की पूरी जानकारी ली। प्रदेश प्रधान अश्वनी शर्मा ने आरोप लगाया कि पंजाब में किसान आंदोलन की आड़ में असामाजिक तत्व माहौल खराब कर रहे हैं व कैप्टन अमरिंदर सिंह सरकार राज्य का अमन व शांति का का माहौल बरकरार रखने में पूरी तरह से नाकाम हो रही है। सोशल मीडिया में सरेआम खालिस्तान के नारे लग रहे हैं, हिंदु-सिख का मुद्दा बनाया जा रहा है लेकिन राज्य का कैप्टन इस पूरे मामले में चुप्पी साधकर बैठा है। उन्होंने सवाल उठाया कि अगर अपनी मांगों को लेकर किसानों व दूसरे संगठनों को धरना प्रदर्शन का अधिकार है तो फिर भाजपा के समागमों को लेकर सरकार व प्रशासन पक्षपातपूर्व व्यवहार क्यों कर रहा है। हमे कहा जा रहा है कि वह बंद कमरों में बैठकर कार्यक्रम करे लेकिन लोकतंत्र में ऐसा किस किताब में लिखा है कि अमन शांति की बात करने वाले सार्वजनिक समागम नहीं कर सकते। उन्होंने बठिंडा प्रशासन व पुलिस की कारगुजारी पर भी सवाल उठाया व कहा कि प्रशासन शुक्रवार को आयोजित भाजपा के कार्यक्रम में किसानों के रुप में दाखिल हुए शरारती तत्वों को पहचानने व रोकने में पूरी तरह से नाकाम रहा है।

उन्होंने इस पूरे मामले की जांच करवाने व आरोपी अफसरों, उपद्रवी लोगों पर केस दर्ज करने की मांग रखी। उन्होंने सरकार पर हमला बोलते कहा कि पंजाब सरकार खासकर कैप्टन अमरिंदर सिंह फरवरी तक राज्य में निकाय चुनाव करवाने की तैयारी कर रहे हैं व इसी दौरान भाजपा को घरों से बाहर नहीं निकलने दिया जा रहा है। यह बात इस बात का संकेत है कि भाजपा की पैठ से कैप्टन सरकार व कांग्रेस बोखला गई है व अब किसानों के आंदोलन के नाम पर उन्हें डराने की कोशिश कर रही है। उन्होंने स्पष्ट किया है कि भाजपा अपने वर्करों पर होने वाले हमलों व गैरकानूनी बंदिशों को किसी भी हालत में सहन नहीं करेगी व इसमें लोकतंत्रिय तरीके से किसी भी स्तर पर जाकर लड़ाई लड़ेगी। उन्होंने पुलिस व जिला प्रशासन को कहा कि वह भाजपा की अमनशांति की कारगुजारी को कमजोरी नहीं समझे व इस बात को समझ ले कि वह अपने लोकतंत्रिय अधिकारों के लिए सड़कों में उतरने व लोकतंत्र की सभी प्रक्रियाओं को पालन करने से पीछे नहीं हटेगी।

पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की 96वीं जयंती पर भारतीय जनता पार्टी द्वारा आयोजित कार्यक्रमों में हिंसक प्रदर्शन करने को लेकर पार्टी के पंजाब प्रधान अश्वनी शर्मा खासे नाराज दिखे। भाजपा प्रधान ने कहा कि पुलिस मूकदर्शक बनी देखती रही। वह इस मामले में चुप नहीं रहेंगे आज जहां जहां भी इस तरह की हिंसक झड़पें हुईं हैं वहां पर केस दर्ज करवाए जाएंगे। इसके अलावा इस मामले को लेकर पंजाब के राज्यपाल वीपी सिंह बदनौर और डीजीपी दिनकर गुप्ता से भी मिलेंगे। अश्वनी शर्मा ने कहा कि क्या पंजाब में भाजपा के लिए कोई लोकतंत्र नहीं है। उन्होंने कहा कि तीन कृषि कानूनों को लेकर किसान अपने धरने, प्रदर्शन, रैलियां जो चाहें करें। वे हमारे कार्यक्रमों के विरोध में धरने , प्रदर्शन भी करें, हमें कोई ऐतराज नहीं है, लेकिन उन्हें हमारे कार्यक्रमों में तोड़ फोड़ करने का अधिकार किसने दिया। उन्होंने कहा कि जिस तरह से कल पुलिस मूकदर्शक बनी रही है, उससे साफ जाहिर होता कि इस तरह की गतिविधियों के पीछे सरकार को खुला समर्थन है। उन्होंने कहा कि किसी जगह पर जाकर हिंसक प्रदर्शन करने वाले किसान नहीं हो सकते हैं। इसमें प्रशासन की भूमिका की भी जांच की जानी चाहिए वही हमला करने वालों का जल्द पता लगाकर उन पर आपराधिक मामले दर्ज किए जाए। उन्होंने कहा कि खुफिया एजेंसियों द्वारा जारी की गई चेतावनी कि पंजाब में आतंकी हमले की योजना बना रहे हैं। भाजपा ने भी आशंका जताई थी कि किसान आंदोलन की आड़ में नक्सली संगठन व असमाजिक तत्व इसमें घुस चुके हैं। यह पंजाब के शांति व भाईचारे के माहौल को ख़राब करना चाहते हैं।

अश्वनी शर्मा ने कहा कि भाजपा कार्यकर्ताओं पर हुआ जानलेवा हमला इस बात का साफ़ संकेत है कि यह लोग हताश व निराश हो चुके हैं और यह हिंसा पर उतारू हैं। इन्हें कैप्टन सरकार की पूरी शह है। उन्होंने कहा कि कैप्टन सरकार पंजाब का माहौल ख़राब कर अपना राजनीतिक मकसद हल करना चाहती है। उन्होंने कैप्टन सरकार को चुनौती देते हुए कहा कि इस प्रकार की हिंसा से भाजपा को रोकना संभव नहीं है, पंजाब की जनता सब देख रही है तथा इसका हिसाब कैप्टन सरकार से लिया जाएगा। खेती बिलों पर अश्वनी शर्मा ने कहा कि भाजपा के खेती बिल किसानों के हितों के लिए लेकर आई है व इसमें पूरे देश के किसान खुश है लेकिन पंजाब में राजनीतिक दलों की तरफ से किसानों को गलत बाते बताकर गुमराह किया जा रहा है। किसानों ने कुछ आशंकाएं जताई जिसे हमले हल किया व लिखित में भी दिया। किसानों को बिलों पर जिद करने की बजाय सरकार से सकारात्मक बात करनी चाहिए। उन्होंने उम्मीद जताई कि जल्द ही किसानों व सरकार के बीच होने वाली बैठक में इस मुद्दे का हल निकाल लिया जाएगा।

इससे पहले प्रदेश प्रधान अश्वनी शर्मा के बठिंडा पहुंचने की सूचना के बाद पुलिस प्रशासन ने पूरे शहर को छावनी में तबदील कर दिया था वही प्रदेश प्रधान जिस रास्ते से निकलने वाले थे वहां सड़क के दोनों तरफ पुलिस बलों की तैनाती की गई थी। पुराने किले के बैक साइड में भाजपा नेताओं से मिलने के लिए आए शर्मा की सुरक्षा को लेकर उक्त एरिया को भी पुलिस छावनी में तबदील कर दिया गया। अश्वनी शर्मा के आने को लेकर जिला पुलिस की ओर से विभिन्न जगहों पर नाकाबंदी कर करीब 900 पुलिस कर्मी तैनात किए हैं। वहीं शर्मा का विरोध करने के लिए किसान भी मित्तल मॉल के बाहर धरने पर बैठे रहे। किसान नेता हरजिंदर सिंह ने बताया कि अलग-अलग जत्थेबंदियों के करीब 100 किसान वर्कर शर्मा का विरोध कर रहे हैं। इस मौके पर शहरी प्रधान विनोद कुमार बिंटा, प्रदेश सचिव आसुतोष तिवारी, युवा मोर्चा प्रधान संदीप अग्रवाल, प्रदेश भाजपा सचिव सुखपाल सिंह सरा, प्रदेश सह प्रवक्ता सुनील सिंगला भी हाजिर रहे।

 

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