कोरोना वैक्सीन की बची डोज यूज होगी:कोविन ऐप का फीचर बदला, ऑन स्पॉट रजिस्ट्रेशन होगा; दूसरे हेल्थ वर्कर को लग सकेगा टीका

अब किसी भी साइट पर बची हुई डोज को फेंकने की बजाय उसी साइट पर दूसरे हेल्थ वर्कर को लगाया जा सकेगा।

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नई दिल्ली। कोरोना वैक्सीनेशन को लेकर राज्यों से मिले फीडबैक के बाद केंद्र सरकार ने कोविन ऐप के फीचर्स में बदलाव किए हैं। अब किसी भी साइट पर बची हुई डोज को फेंकने की बजाय दूसरे हेल्थ वर्कर को टीका लगाया जा सकेगा। इसके लिए ऐप में ऑन द स्पॉट रजिस्ट्रेशन का फीचर जोड़ा गया है।

अब तक ऑन स्पॉट रजिस्ट्रेशन जैसी कोई व्यवस्था नहीं हाेने से वायल में बची हुई डाेज काे फेंकने के अलावा काेई दूसरा विकल्प नहीं था। भास्कर ने गुरुवार को जयपुर एडिशन में ही यह मुद्दा उठाया था। इसमें बताया कि राजस्थान में बीते 3 दिन में 622 डोज कोवीशील्ड खराब हो गई, क्योंकि साइट्स पर 10 के गुणांक में टीका लगवाने वाले नहीं आए। बची डोज 4 घंटे बाद यूज नहीं करने का प्रावधान होने से उसे फेंकना पड़ा।

वैक्सीन खराब ना हो इसके लिए हर सेंटर पर 10 के गुणांक में मरीज पहुंचना जरूरी है, क्योंकि एक वायल में वैक्सीन के 10 डोज हैं। एक बार शीशी को तय टेम्परेचर से निकालने के बाद उसमें वैक्सीन बच जाती है तो वह खराब हो जाती है।

ऐप में नया फीचर जोड़ा
नेशनल हेल्थ मिशन (NHM) के एमडी ने सभी जिलों को वैक्सीन के अधिकतम इस्तेमाल को लेकर दिशा-निर्देश जारी किए हैं। इसमें बताया गया है कि काेविन ऐप में नया फीचर ‘अलाॅट बेनिफिशियरी’ जोड़ा गया है। अगर वैक्सीन साइट पर उस दिन के लिए रजिस्टर्ड बेनिफिशियरी नहीं आते, तो इस फीचर से अन्य लाभार्थियों का ऑन स्पॉट रजिस्ट्रेशन करके उन्हें टीका लगाया जा सकता है।

10 लोगों के टीकाकरण के बाद भी एक वायल में अतिरिक्त डोज बचती है
भास्कर ने वैक्सीनेटर्स से बात की तो एक और बात यह सामने आई कि 5ml की वायल में 10 लोगों को टीका लगाने के बाद भी एक या डेढ़ डोज बच रही है। सरकारी नियम ऐसे हैं कि चाहकर भी बची डोज इस्तेमाल नहीं कर सकते। हालांकि, कुछ जगहों पर इस बची हुई डोज का इस्तेमाल हुआ। 16 जनवरी को आर्मी ने दो साइट पर टीकाकरण किया था, जहां 20 वायल दी गई थी। इससे 200 लोगों को टीका लगना था, लेकिन आर्मी के वैक्सीनेटर्स ने करीब 225 लोगों को टीका लगा दिया।

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