मुंबई हमले के मास्टरमाइंड को जेल:हाफिज सईद को 10 साल की जेल, अवैध फंडिंग मामले में पाकिस्तान की कोर्ट ने सजा सुनाई

सईद के साथ दो और आरोपियों प्रो. जफर इकबाल, और याह्या मुजाहिद को दो मामलों में पांच-पांच साल और दूसरे मामले में छह महीने की जेल की सजा सुनाई गई है। उन पर 1,10,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है। सभी की चल-अचल संपत्ति जब्त कर ली गई है।

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पाकिस्तान की एक एंटी टेररिज्म कोर्ट ने आतंकी संगठन जमात-उद-दावा के मुखिया हाफिज सईद को अवैध फंडिंग मामले में 10 साल कैद की सजा सुनाई है। पाकिस्तानी मीडिया ने गुरुवार को यह जानकारी दी। हाफिज सईद को पिछले साल 17 जुलाई को गिरफ्तार किया गया था। हाफिज मुंबई में हुए आतंकी हमले का मुख्य आरोपी है। इसमें 166 लोगों की मौत हुई थी।

सईद के साथ दो और आरोपियों प्रो. जफर इकबाल, और याह्या मुजाहिद को दो मामलों में पांच-पांच साल और दूसरे मामले में छह महीने की जेल की सजा सुनाई गई है। उन पर 1,10,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है। सभी की चल-अचल संपत्ति जब्त कर ली गई है।

हाफिज सईद के खिलाफ 41 केस दर्ज

इससे पहले फरवरी में भी हाफिज को लाहौर की एक अदालत ने टेरर फंडिंग के दो मामलों में दोषी करार दिया था। तब कोर्ट ने उसे 5 साल कैद की सजा सुनाई थी। सईद के खिलाफ आतंकी फंडिंग, मनी लॉन्ड्रिंग और अवैध कब्जे के 41 मामले दर्ज हैं।

हाफिज सईद लश्कर-ए-तैयबा का संस्थापक है। 11 सितंबर, 2001 में अमेरिका के वर्ल्ड ट्रेड सेंटर पर हुए हमले के बाद अमेरिका ने इस संगठन को विदेशी आतंकी संगठन की लिस्ट में शामिल किया था। 2002 में पाकिस्तान की सरकार ने भी लश्कर पर पाबंदी लगा दी थी। उसके बाद हाफिज सईद ने नया संगठन जमात-उद-दावा बनाया था।

पाकिस्तान करता रहा है पैंतरेबाजी
कुछ महीने पहले ही पाकिस्तान ने लश्कर-ए-तैयबा और जमात-उद-दावा के पांच बड़े आतंकियों के बैंक अकाउंट फिर से शुरू कर दिए गए हैं। इनमें हाफिज सईद भी शामिल था। पाकिस्तानी मीडिया ने तब दावा किया था कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) की सेक्शन कमेटी की मंजूरी के बाद अकाउंट शुरू किए गए हैं।

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