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पेंशन में 20 फीसदी की कटौती की खबर झूठी-केंद्र सरकार
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सोशल मीडिया यूजर के सवाल पर वित्त मंत्रालय का जवाब
वित्त मंत्रालय ने रविवार को कहा कि केंद्र सरकार की ओर से कोरोना वायरस लॉकडाउन के दौरान नकदी संरक्षण के लिए पेंशन में 20 फीसदी की कटौती की खबर झूठी है.
मंत्रालय ने ट्वीट कर बताया कि ऐसी रिपोर्ट आ रही है कि केंद्र सरकार ने पेंशन में 20 फीसदी की कटौती की योजना बनाई है. यह खबर झूठी है. पेंशन डिस्बर्समेंट्स में कोई कटौती नहीं होगी. यह स्पष्ट किया जाता है कि सरकारी कैश मैनेजमेंट निर्देशों से वेतन और पेंशन प्रभावित नहीं होंगे.
It is being reported that a 20% cut in Central Government Pensions is being planned.This news is FALSE. There will be no cut in pension disbursements. It is clarified that salaries and pensions will not be affected by Government Cash Management instructions.@PIBFactCheck https://t.co/hlZpnbxnJx
— Ministry of Finance 🇮🇳 #StayHome #StaySafe (@FinMinIndia) April 19, 2020
एक सोशल मीडिया यूजर के सवाल पर वित्त मंत्रालय ने जवाब दिया. सोशल मीडिया यूजर ने कहा, ‘पेंशन डिस्बर्समेंट में 20 फीसदी की कटौती वाला केंद्रीय सरकार का एक सर्कुलर सोशल मीडिया और टीवी चैनलों में वायरल हो रहा है, जिससे पेंशनरों के बीच घबराहट पैदा हो रहा है. क्या इसमें सच्चाई है? कृपया तत्काल स्पष्ट करें. मंत्रालय के इस ट्वीट को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भी रीट्वीट किया है.
बता दें कि केंद्र सरकार ने पहले घोषणा की थी कि वरिष्ठ नागरिकों, दिव्यांगों और विधवाओं को अप्रैल के पहले हफ्ते में तीन महीने की अग्रिम पेंशन मिलेगी. सरकार ने यह कदम कोरोना वायरस लॉकडाउन के मद्देनजर राष्ट्रीय सामाजिक सहायता कार्यक्रम के तहत इनको राहत देने के लिए उठाया है.
बहरहाल, आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने 17 अप्रैल को वीडियो कॉन्फ्रेंस में कहा था कि कोरोना वायरस के चलते पैदा हुई परिस्थितियों पर आरबीआई नजर रखे हुए है. आरबीआई ने वित्तीय संस्थानों के लिए 50,000 करोड़ रुपये का पैकेज दिया है. साथ ही रिवर्स रेपो रेट को 25 आधार अंक घटाया, ताकि बैंक निवेश बढ़ाएं. आरबीआई ने रिवर्स रेपो दर 4 फीसदी से घटाकर 3.75 फीसदी की. फिलहाल डिविडेंड पेआउट बैंक नहीं देंगे. रेपो रेट में बदलाव नहीं है.
शक्तिकांत दास ने कहा था कि महामारी के प्रकोप के दौरान सामान्य कामकाज सुनिश्चित करने के लिए बैंकों, वित्तीय संस्थानों ने विशेष तैयारी की हैं. भारत के लिए आईएमएफ का जीडीपी वृद्धि अनुमान 1.9 प्रतिशत है, जो जी-20 देशों में सबसे अधिक है.