सीएए / गडकरी ने कहा- मुस्लिमों के पास 150 देशों में जाने का विकल्प, सताए गए लोग भारत के अलावा कहां जाएं

नागपुर में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा- पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों को धार्मिक प्रताड़ना झेलनी पड़ रही, नए कानून में 31 दिसंबर, 2014 तक भारत आने वाले हिंदू, सिख, जैन, पारसी, सिख, बौद्ध और ईसाइयों को भारत की नागरिकता देने का प्रावधान

नागपुर. केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने रविवार को कहा कि पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश के मुस्लिमों के पास दुनिया के 150 इस्लामिक देशों मे जाने का विकल्प है। इसके उलट, इन तीनों देशों के सताए गए अल्पसंख्यकों के सामने भारत में शरण लेने के अलावा कोई विकल्प नहीं है। गडकरी ने नागरिकता संशोधन कानून के समर्थन में एक सभा में यह बात कही।

गडकरी ने कहा, “इन तीन देशों से आने वाले मुस्लिमों को शरणार्थी नहीं कहा जाता है, जबकि हिंदू, जैन, पारसी, सिख, ईसाई शरणार्थी कहलाते हैं। दुनिया में 100 से 150 इस्लामिक देश हैं। अगर पाकिस्तान, बांगलादेश और अफगानिस्तान के मुस्लिम अपना देश छोड़कर जाना चाहते हैं, तो इन देशों में जाएं। हिंदू, सिख, जैन, पारसी और ईसाइयों के पास भारत के अलावा कहीं जाने का विकल्प नहीं है।”

पड़ोसी देशों में अल्पसंख्यक धार्मिक प्रताड़ना के शिकार

उन्होंने कहा- हिंदू सहित दूसरे धार्मिक अल्पसंख्यकों को पड़ोसी देशों में प्रताड़ना का सामना करना पड़ रहा है। उनका जबरन धर्मांतरण किया जा रहा है। वहां उन पर अत्याचार हो रहे हैं, हत्या की जा रही है, संपत्ति लूटी जा रही है, महिलाओं के साथ बलात्कार किया जा रहा है। ऐसे में वे भारत के अलावा कहां जाएंगे?

31 दिसंबर, 2014 तक भारत आने वालों को नागरिकता

नागरिकता संशोधन कानून से पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश में धार्मिक प्रताड़ना का शिकार बन रहे अल्पसंख्यकों को भारत की नागरिकता का विकल्प देता है। कानून में इन तीन देशों से पलायन करके 31 दिसंबर, 2014 तक भारत आने वाले हिंदू, सिख, जैन, पारसी, सिख, ईसाई, बौद्ध समुदाय के लोगों को भारत की नागरिकता देने का प्रावधान है।

Leave A Reply

Your email address will not be published.