राष्ट्रपति ने खारिज की दया याचिका तो SC पहुंचा निर्भया का दोषी विनय शर्मा
निर्भया गैंगरेप का दोषी विनय शर्मा ने राष्ट्रपति से दया याचिका खारिज होने के बाद अब सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दाखिल की है. दोषी विनय शर्मा की मांग है कि राष्ट्रपति के फैसले की समीक्षा की जाए. दोषी विनय ने कहा है कि उसके मामले में राजनीति की गई है.
- राष्ट्रपति के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंचा दोषी विनय
- राष्ट्रपति ने ठुकराई थी निर्भया के दोषी विनय की दया याचिका
नई दिल्ली। निर्भया के दोषी विनय शर्मा की दया याचिका राष्ट्रपति ने ठुकरा दी है. अब राष्ट्रपति के निर्णय के खिलाफ दोषी विनय शर्मा सुप्रीम कोर्ट पहुंचा है और राष्ट्रपति के फैसले को चुनौती दी है. दोषी विनय ने राष्ट्रपति के फैसले की समीक्षा के लिए अर्जी दायर की है. दोषी विनय शर्मा की दया याचिका राष्ट्रपति खारिज कर चुके हैं.
दोषी विनय शर्मा ने कहा है कि उसके मामले में राजनीति की गई है. राष्ट्रपति को भेजी गई सलाह पक्षपात और पूर्वाग्रह से ग्रस्त है. याचिका में मीडिया में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावडेकर के बयानों का हवाला भी दिया गया है. कहा गया है कि यह सब राजनीति के चलते हुआ है. यह उसके अधिकारों का हनन है.
निर्भया मामले की सुनवाई शुरू होते ही सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कोर्ट को एक चार्ट सौंपते हुए कहा कि इसमें सभी दोषियों की डिटेल है. इस पर जस्टिस अशोक भूषण ने पूछा कि अब तक दोषी में से पवन ने हाईकोर्ट के आदेश के बाद भी अपनी रेमिडी यूज नहीं की . आप उसे फोर्स तो नहीं कर सकते लेकिन डेथ वारंट के लिये निचली अदालत जा सकते हैं.
तुषार मेहता ने कोर्ट को जेल मेनुअल के रूल 836 पर बहस करते हुए कहा कि दोषियों को अलग-अलग भी फांसी दी जा सकती है. तुषार मेहता ने कहा कि दोषियों को एक साथ कि जगह अलग अलग से फांसी पर लटकाने की इजाज़त दी जाए क्योंकि तीन दोषी मुकेश, विनय और अक्षय की सभी रेमेडी खत्म ही चुकी है. तुषार मेहता ने कहा कि रेप के आरोपियों का एनकाउंटर होता है पब्लिक खुशी मनाती है. हम इसका समर्थन नहीं करते लेकिन इससे एक बात सामने आती है कि लोगों का सिस्टम के प्रति विश्वास कम हो रहा है.
जस्टिस अशोक भूषण ने कहा कि अगर हम इस पहलू को तय करेंगे तो मामले में और देरी होगी. अलग अलग याचिका दाखिल होगी. इससे बेहतर होगा कि आप निचली अदालत में जाएं और डेथ वारंट जारी करने की मांग करें. तुषार मेहता ने कहा कि वो आज ही पटियाला हाउस कोर्ट में याचिका दाखिल करेंगे की डेथ वारंट जारी किया जाए लेकिन दोषियों को फांसी पर अलग-अलग लटकाया जाए इस पहलू पर सुप्रीम कोर्ट सुनवाई करे. कोर्ट सभी पक्षों को नोटिस जारी करे. अब सुप्रीम कोर्ट तय करेगा कि निर्भया के चारों दोषियों को अलग अलग फांसी पर लटकाया जाएगा या एक साथ ही.
सुप्रीम कोर्ट ने दोषियों को जारी किया नोटिस
सुप्रीम कोर्ट में केंद्र सरकार की याचिका पर चारों दोषियों को नोटिस जारी किया. नोटिस का जवाब मिलने के बाद सुप्रीम कोर्ट गुरुवार को सुनवाई करेगा. सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि सरकार निचली अदालत में डेथ वारंट जारी करने के लिए अर्जी दाखिल कर सकती है. सुप्रीम कोर्ट ने ये साफ किया कि सुप्रीम कोर्ट में मामले का लंबित होने पर निचली अदालत में चल रही सुनवाई प्रभावित नहीं होगी.
दूसरी ओर राष्ट्रपति द्वारा खारिज दया याचिका के खिलाफ विनय शर्मा ने सुप्रीम कोर्ट में अर्ज़ी दाखिल कर राष्ट्रपति के फैसले की समीक्षा पर सवाल उठाए. दोषी विनय शर्मा की दया याचिका राष्ट्रपति खारिज कर चुके हैं. इसके बाद विनय ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर कहा है कि उसकी दया याचिका के मामले में राजनीति की गई है.
वहीं सु्प्रीम कोर्ट से हरी झंडी मिलने के बाद अब तिहाड़ जेल प्रशासन पटियाला हाउस कोर्ट में फ्रेश डेथ वारंट जारी करने के लिए अर्जी दाखिल करेगा. तिहाड़ जेल प्रशासन की तरफ से पटियाला हाउस कोर्ट में अर्जी दाखिल की जाएगी. आज ही पटियाला हाउस कोर्ट इस मामले की सुनवाई करेगा.
निर्भया की मां पहुंची पटियाला हाउस कोर्ट
वहीं उधर, निर्भया के माता-पिता और सरकार ने पटियाला हाउस कोर्ट में अर्जी दायर कर नया डेथ वारंट जारी करने के लिए अर्जी लगाई है. ट्रायल कोर्ट ने सभी दोषियों को नोटिस जारी किया है. बुधवार को दोपहर 2 बजे इस मामले की सुनवाई होगी. मंगलवार को पटियाला हाउस कोर्ट ने निर्भया के माता-पिता के याचिका पर सभी पक्षों को नोटिस जारी कर बुधवार को जवाब दायर करने को कहा है.
पिछली सुनवाई के समय जब दिल्ली सरकार ने पटियाला हाउस कोर्ट में याचिका दायर कर नया डेथ वारेंट जारी करने की अपील मांग की थी उस समय कोर्ट ने कहा था कि हाई कोर्ट ने सभी दोषियों को बाकी की और याचिका लगाने के लिए एक सप्ताह का समय दिया है. हाई कोर्ट द्वारा दोषियों को दी गई मियाद 11 फ़रवरी को खत्म हो गई जिसके बाद निर्भया के माता पिता ने दिल्ली के पटियाला हाउस कोर्ट से नया डेथ वाररेन्ट जारी करने की अपील की है.
नए डेथ वारंट के लिए ट्रायल कोर्ट जा सकती है सरकार
सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार की उस याचिका पर सरकार से जवाब मांगा है जिसमें केंद्र ने दिल्ली हाई कोर्ट के फैसले को चुनौती दी है. सुप्रीम कोर्ट ने यह भी छूट दी है कि निर्भया के दोषियों को लटकाने के लिए वे ट्रायल कोर्ट से फ्रेश डेथ वारंट के लिए अर्जी दे सकते हैं. इस मामले की सुनवाई 3 जजों की बेंच कर रही है. इस बेंच की अध्यक्षता आर भानुमती कर रही हैं, वहीं अशोक भूषण और एएस बोपन्ना भी हैं.
कानून की वजह से हो रही है दोषियों को लटकाने में देरी
केंद्र और दिल्ली सरकार की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुहर मेहता ने कहा कि दोषियों की फांसी में हो रही देरी कानून की जटिलता की वजह से हो रही है. दोषियों की देरी की रणनीति का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि उनमें से तीन ने अपने सभी अधिकारियों का उपयोग कर लिया है लेकिन उनमें से एक, पवन गुप्ता, ने अभी तक शीर्ष अदालत में न तो क्यूरेटिव याचिका दायर की है, न ही राष्ट्रपति के पास दया याचिका दायर की है.