सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से कहा- उमर अब्दुल्ला को रिहा करना है तो जल्दी करें, वरना…

बता दें उमर अब्दुल्ला (Omar Abdullah) की बहन सारा अब्दुल्ला पायलट ने सारा ने जम्मू कश्मीर लोक सुरक्षा कानून (पीएसए) के तहत अब्दुल्ला की हिरासत को चुनौती दी है.

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नई दिल्ली. जम्मू और कश्मीर (Jammu Kashmir) के पूर्व सीएम उमर अब्दुल्ला (Omar Abdullah) की रिहाई को लेकर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में बुधवार को सुनवाई हुई. इस दौरान कोर्ट ने केंद्र से अगले सप्ताह तक उसे सूचित करने के लिए कहा कि क्या वह जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला को हिरासत से रिहा कर रहा है. अदालत ने कहा कि अगर आप उमर अब्दुल्ला को रिहा कर रहे हैं तो उन्हें जल्द रिहा कीजिए या फिर हम हिरासत के खिलाफ उनकी बहन की याचिका पर सुनवाई करेंगे.

बता दें अब्दुल्ला की बहन सारा अब्दुल्ला पायलट ने सारा ने जम्मू कश्मीर लोक सुरक्षा कानून (पीएसए) के तहत अब्दुल्ला की हिरासत को चुनौती दी है. इससे पहले सारा ने सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में जम्मू कश्मीर प्रशासन के उस दावे को नकारा जिसमें कहा गया था कि पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला से सार्वजनिक व्यवस्था को खतरा होगा. उमर अब्दुल्ला पिछले साल अगस्त में अनुच्छेद 370 के ज्यादातर प्रावधान रद्द किये जाने के बाद से हिरासत में हैं.

370 के ज्यादातर प्रावधान रद्द किये जाने के बाद से हिरासत में अब्दुल्ला
 सोमवार को उन्होंने कहा कि अपने भाई के वेरिफाइड फेसबुक एकाउन्ट की छानबीन करने पर वह यह देखकर चौंक गईं कि जिन सोशल मीडिया पोस्ट को उनका (उमर का) बताया गया है और दुर्भावनापूर्ण तरीके से जिसका उनके खिलाफ इस्तेमाल किया गया है, वह उनका नहीं है.अपनी याचिका पर जम्मू कश्मीर प्रशासन द्वारा दायर जवाब के प्रत्युत्तर में सारा ने कहा, ‘इस बात से इंकार किया जाता है कि हिरासत में बंद व्यक्ति की महज मौजूदगी और अनुच्छेद 370 को निरस्त करने भर से सार्वजनिक व्यवस्था कायम रखने को आसन्न खतरा है. पूर्ववर्ती जम्मू कश्मीर राज्य में लोगों की जान जाने के बारे में तथ्यात्मक आंकड़े मौजूदा विवाद के उद्देश्यों के लिये पूरी तरह अप्रासंगिक हैं.’

सारा ने दावा किया कि अब्दुल्ला के आधिकारिक फेसबुक एकाउन्ट से कोई पोस्ट नहीं किया गया है, जैसा जिन सामग्रियों पर भरोसा किया गया है उसमें दावा गया है.

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