सुपर ट्यूजडे’ में हार के बाद 2020 के राष्ट्रपति चुनाव के लिये उम्मीदवारी की दौड़ से बाहर हुईं एलिजाबेथ वॉरेन

वॉरेन ने उम्मीदवारी की दौड़ से अलग होने का फैसला सुपर ट्यूजडे (Super Tuesday) में एक भी प्रांत में जीत हासिल नहीं करने के बाद किया. यहां तक कि वह अपने प्रांत में भी जीत नहीं हासिल कर सकीं.

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वाशिंगटन. ‘सभी चीजों के लिये अपनी योजना’ और आर्थिक लोकलुभावनवाद के मजबूत संदेश के साथ प्रगतिशील वर्ग की चहेती बनी एलिजाबेथ वॉरेन (Elizabeth Warren) अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव (America’s President Elections) के लिये डेमोक्रेटिक पार्टी (Democratic Party) का उम्मीदवार बनने की दौड़ से गुरुवार को अलग हो गईं. उनकी योजना की जानकारी रखने वाले ने एक व्यक्ति ने यह सूचना दी है.

ट्रंप के खिलाफ कोई महिला उम्मीदवार नहीं

वॉरेन ने उम्मीदवारी की दौड़ से अलग होने का फैसला सुपर ट्यूजडे (Super Tuesday) में एक भी प्रांत में जीत हासिल नहीं करने के बाद किया. यहां तक कि वह अपने प्रांत में भी जीत नहीं हासिल कर सकीं. वॉरेन की मंशा के बारे में यह जानकारी उस व्यक्ति ने नाम नहीं जाहिर किये जाने की शर्त पर दी है. वॉरेन के दौड़ से अलग हो जाने से राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (President Donald Trump) के खिलाफ किसी महिला को उतारने की डेमोक्रेटिक पार्टी की उम्मीदें धराशायी हो गईं.

बर्नी सैंडर्स ने फेरा पानी
पिछले साल के अधिकांश समय मैसाचुसेट्स की सीनेटर के प्रचार अभियान के रूख को देखते हुए लग रहा था कि उसमें सफलता के सारे तत्व शामिल थे. उनके पास मजबूत चुनावी संख्या, जुटाया गया भारी चंदा और विशाल राजनीतिक ढांचा था जिसके तहत उनके कार्यकर्ता पूरे देश में थे. हालांकि, वर्मोन्ट से सीनेटर बर्नी सैंडर्स (Vermont Sen. Bernie Sanders) ने उनके अरमानों पर पानी फेर दिया, जिनके पास मतदाताओं का ठोस आधार है, जिन्हें उन्हें अपने पक्ष में करने की आवश्यकता थी.

सुपर ट्यूजडे में हुई करारी हाल
वॉरेन शुरुआती चार राज्यों में तीसरे स्थान से ऊपर नहीं आ पाईं और सुपर ट्यूजडे को उनकी करारी हार हुई. वह 14 में से एक भी राज्य में जीत हासिल नहीं कर सकीं और अपने गृह राज्य मैसाचुसेट्स में भी पूर्व उपराष्ट्रपति जो बाइडेन और सैंडर्स के बाद तीसरे स्थान पर रही.

सीनेटर एमी क्लोबूचर के बाद वॉरेन के दौड़ से अलग हो जाने से डेमोक्रेटिक पार्टी की ओर से हवाई से प्रतिनिधि सभा की सदस्य तुलसी गबार्ड अब एकमात्र महिला उम्मीदवार बची हैं, जिन्होंने नामांकन के लिये सिर्फ एक डेलीगेट जुटाया है.

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