कश्मीर के मुद्दे पर सऊदी अरब ने पाकिस्तान को दिखाया ठेंगा, मायूस इमरान बोले- मुस्लिम देश भी हमारे साथ नहीं
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान (Imran Khan) को लग रहा था कि मुस्लिम देश उनके साथ खड़े होंगे. लेकिन अब मुस्लिम देश भी कश्मीर के मुद्दे पर पाकिस्तान को समर्थन नहीं दे रहे हैं.
इस्लामाबाद. पिछले साल अगस्त में जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 (Article 370) हटाये जाने के बाद से पाकिस्तान (Pakistan) की बौखलाहट खत्म होने का नाम नहीं ले रही है. हर मंच पर पाकिस्तान कश्मीर का मुद्दा उठा रहा है लेकिन हर जगह उन्हें झटका लग रहा है. पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान (Imran Khan) को लग रहा था कि मुस्लिम देश उनके साथ खड़े होंगे. लेकिन अब मुस्लिम देश भी कश्मीर के मुद्दे पर पाकिस्तान को समर्थन नहीं दे रहे हैं. सऊदी अरब ने भी इस मुद्दे पर पाकिस्तान को ठेंगा दिखा दिया है.
पाकिस्तान को झटका
पाकिस्तानी अखबार द डान के मुताबिक ऑर्गेनाइजेशन ऑफ इस्लामिक कोऑपरेशन (OIC) की बैठक 9 फरवरी से जेद्दाह में शुरू होने वाली है. OIC मुस्लिम देशों का संगठन है. चार महादेशों में 57 देश इसके सदस्य हैं. पाकिस्तान चाहता है कि OIC के विदेश मंत्रियों के बैठक में कश्मीर का मुद्दा उठाया जाए. लेकिन अखबार ने सूत्रों के हवाले से दावा किया है कि सऊदी अरब इस बैठक में कश्मीर के मुद्दे पर चर्चा करने के लिए तैयार नहीं है. पाकिस्तान कश्मीर को लेकर तुरंत बैठक बुलाना चाहता था.
मायूस इमरान खान
बता दें कि पिछले दिनों मलेशिया दौरे पर इमरान खान ने थिंक-टैंक पर बोलते हुए कश्मीर पर OIC की चुप्पी पर निराशा व्यक्त की थी. उन्होंने कहा, ‘हमारी कोई आवाज़ नहीं है. हम लोग एकजुट नहीं है. कश्मीर के मुद्दे पर भी OIC के सदस्य देश एक साथ नहीं आते हैं.’
कुआलालंपुर नहीं गए थे इमरान
बता दें कि इमरान खान पिछले साल दिसंबर में कुआलालंपुर में हुए 20 मुस्लिम देशों के सम्मेलन में शामिल नहीं हुए थे. इस सम्मेलन में ईरान, तुर्की, और कतर जैसे मुल्कों के नेताओं ने शिरकत की थी. तब कहा गया था कि खान कथित रूप से सऊदी अरब के दबाव के कारण सम्मेलन में शरीक नहीं हुए थे. सऊदी अरब खान की पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ सरकार को आर्थिक संकट से निपटने के लिए आर्थिक मदद करता है. एक्सप्रेस ट्रिब्यून ने सूत्रों के हवाले से कहा कि प्रधानमंत्री खान की यात्रा का मकसद उन गलतफहमियों को दूर करना था जो कुआलालंपुर सम्मेलन में शामिल नहीं होने की वजह से उत्पन्न हुई थी.