खुशखबरी! कोर्ट में झुकी ट्रंप सरकार, विदेशी छात्रों का वीजा रद्द करने का फैसला वापस
अमेरिका में रहकर ऑनलाइन एजुकेशन (Online Education) हासिल कर रहे विदेशी छात्रों का वीजा रद्द (Visa Restrictions) करने के फैसले को काफी विरोध के बाद ट्रंप सरकार ने वापस ले लिया है.
न्यूयॉर्क. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) यूनिवर्सिटी और विदेशी छात्रों के दबाव में पीछे हट गए हैं. अमेरिका में रहकर ऑनलाइन एजुकेशन (Online Education) हासिल कर रहे विदेशी छात्रों का वीजा रद्द (Visa Restrictions) करने के फैसले को काफी विरोध के बाद ट्रंप सरकार ने वापस ले लिया है. मंगलवार को कोर्ट में ट्रंप प्रशासन इमिग्रेशन और कस्टम विभाग के वकील ने कहा कि इस सुनवाई कि अब ज़रूरत नहीं है, क्योंकि हम ये फैसला वापस लेने के लिए तैयार हैं. ट्रंप सरकार के पीछे हटने से अमेरिका में रह रहे हजारों विदेशी छात्रों को राहत मिली है.
ट्रंप प्रशासन ने पिछले हफ्ते ही आदेश दिया था कि जो विदेशी छात्र अमेरिकन यूनिवर्सिटीज से ऑनलाइन एजुकेशन हासिल कर रहे हैं, उन्हें वापस उनके देश जाना होगा. ट्रंप प्रशासन ने इसकी वजह कोरोना संक्रमण को बताया था और कहा था कि ऑनलाइन कोर्स के लिए अमेरिका में बने रहने की कोई ज़रुरत नहीं है. ऐसे सभी छात्रों का वीजा रद्द करने के भी आदेश जारी किये गए थे. हालांकि इसका काफी विरोध हुआ और जॉन हॉप्किन्स यूनिवर्सिटी, हार्वर्ड, एमआईटी (मैसाच्युसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी) यूनिवर्सिटीज ने बीते बुधवार को कोर्ट में इस फैसले के खिलाफ एक याचिका दायर की थी.
दबाव में सरकार ने फैसला रद्द किया
कोर्ट में जारी सुनवाई के दौरान ट्रंप प्रशासन ने ये फैसला वापस लेने पर सहमति दे दी. जस्टिस एलीसन बरोज ने सुनवाई में कहा, ‘सरकार ने अपना पुराना फैसला रद्द कर दिया है. साथ ही पुराने फैसले पर चल रही कार्रवाई को तुरंत रोकने पर भी सहमति दे दी है.’ हार्वर्ड के प्रेसिडेंट लॉरेंस एस बैकॉ ने यूनिवर्सिटी कम्युनिटी को दिए मैसेज में कहा था कि, ‘ट्रंप प्रशासन ने यह आदेश बिना किसी सूचना के दिया था. ऐसा लगता है कि कॉलेजों और यूनिवर्सिटीज पर क्लासरूम खोलने के लिए दबाव बनाया जा रहा है. प्रशासन को स्टूडेंट, इंस्ट्रक्टर और अन्य लोगों के स्वास्थ्य और सुरक्षा की कोई चिंता नहीं है.’
10 लाख छात्रों होने वाले थे प्रभावित
बता दें कि ट्रंप सरकार ने यूनिवर्सिटीज पर ऑनलाइन कोर्सेज शुरू करने का दबाव बनाया था और जब कुछ कोर्सेज में ये शुरू हो गए तो छात्रों को वापस लौटने का फरमान सुना दिया. अमेरिकी सरकार ने कहा था कि जिन स्टूडेंट्स की सभी क्लासेस ऑनलाइन शिफ्ट हो गईं हैं, उन्हें देश लौटना होगा. इस फैसले से कुल 10 लाख स्टूडेंट्स पर असर पड़ने वाला था. अमेरिका में इस वक्त 2 लाख से ज्यादा भारतीय छात्र हैं जो इस फैसले के बाद लौटने के लिए मजबूर हो जाते.
अमेरिका में सबसे ज्यादा स्टूडेंट्स चीन से आते हैं. इसके बाद भारतीयों का नंबर है. ग्रेजुएशन या पोस्ट ग्रेजुएशन वाले स्टूडेंट्स के लिए एफ-1 और एम-1 कैटेगरी के वीजा जारी किए जाते हैं. इसलिए सरकार के इस फैसले का असर भी भारतीय छात्रों पर ही पड़ता. गौरतलब है कि 2019 में 2 लाख 2 हजार 14 भारतीय छात्र अमेरिका गए थे. 2018 में 1 लाख 96 हजार 271 और 2017 में 1 लाख 86 हजार 267 छात्र अमेरिका पढ़ने गए थे. लगातार 6 साल से अमेरिका में इंडियन स्टूडेंट्स बढ़ रहे हैं. 2018 के मुकाबले 2019 में 2.9% ज्यादा भारतीय छात्र अमेरिका पहुंचे थे.