गुड न्यूज: धरती को बचाने का मिशन सफल, NASA ने जारी किया स्पेसक्राफ्ट व एस्टेरॉयड के बीच टक्कर का रिजल्ट
NASA News: नासा ने बताया कि उसके द्वारा भेजे गए अंतरिक्ष यान डार्ट ने डिमोरफोस नामक क्षुद्र ग्रह से टकराकर उसमें एक गड्ढा बनाया, जिसकी वजह से उससे मलबा अंतरिक्ष में फैल गया और धूमकेतु की तरह हजारों मील लंबी धूल और मलबे की रेखा बन गई. एजेंसी ने आगे बताया कि यान के असर को आंकने के लिए दूरबीन से कई दिनों तक निगरानी की गई ताकि पता चल सके कि 520 फीट लंबे इस क्षुद्र ग्रह के रास्ते में कितना बदलाव हुआ है.
नई दिल्ली: अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने धरती को एस्टेरॉयड से बचाने के लिए किए अपने डार्ट मिशन के नतीजों को जारी कर दिया है. नासा का एक अंतरिक्ष यान लाखों मील दूर एक हानिरहित क्षुद्र ग्रह यानी एस्टेरॉयड से टकराया और इस दौरान उसकी कक्षा बदलने में सफल रहा. यह जानकारी एजेंसी ने ‘सेव द वर्ल्ड’ परीक्षण के नतीजों की घोषणा करते हुए दी.
नासा ने बताया कि उसके द्वारा भेजे गए अंतरिक्ष यान डार्ट ने डिमोरफोस नामक क्षुद्र ग्रह से टकराकर उसमें एक गड्ढा बनाया, जिसकी वजह से उससे मलबा अंतरिक्ष में फैल गया और धूमकेतु की तरह हजारों मील लंबी धूल और मलबे की रेखा बन गई. एजेंसी ने आगे बताया कि यान के असर को आंकने के लिए दूरबीन से कई दिनों तक निगरानी की गई ताकि पता चल सके कि 520 फीट लंबे इस क्षुद्र ग्रह के रास्ते में कितना बदलाव हुआ है.
दरअसल, यान के टकराने से पहले यह क्षुद्र ग्रह मूल क्षुद्र ग्रह का चक्कर लगाने में 11 घंटे 55 मिनट का समय लेता था. वैज्ञानिकों को उम्मीद है कि उन्होंने इसमें 10 मिनट की कमी की लेकिन नासा के प्रशासन बिल नेल्सन का मानना है कि यह कमी 32 मिनट की है.
पृथ्वी की ओर भविष्य में आने वाले घातक क्षुद्र ग्रहों (एस्टेरॉयड) की दिशा बदलने की कोशिश के तहत नासा ने अपने तरह का यह पहला प्रयोग दो सप्ताह पहले किया था. गौरतलब है कि वेंडिंग मशीन के आकार के यान को पिछले साल प्रक्षेपित किया गया था और यह करीब 1.10 करोड़ किलोमीटर दूर 22,500 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से क्षुद्र ग्रह से टकराया.