कोरोना वायरस को हराने के लिए केवल लॉकडाउन काफी नहीं: WHO इमरजेंसी एक्सपर्ट

माइक रायन (Mike Ryan) ने कहा है कि जिन जगहों पर फिलहाल लॉकडाउन (Lockdown) है और गतिविधियां प्रतिबंधित हैं, जब वहां ऐसी एहतियातें खत्म की जाएंगीं तो कोरोना वायरस (Coronavirus) वहां फिर से वापस लौट सकता है

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लंदन. विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के बड़े इमरजेंसी एक्सपर्ट (Emergency Expert) माइक रायन (Mike Ryan) ने रविवार को कहा है कि कोरोना वायरस को हराने के लिए देश सीधे अपने समुदायों को लॉकडाउन (Lockdown) में नहीं डाल सकते. उन्होंने यह भी कहा कि बाद में फिर से वायरस को सिर उठाने से रोकने के लिए पब्लिक हेल्थ (Public Health) को कदम उठाने की जरूरत है.

माइक रायन (Mike Ryan) ने बीबीसी के एंड्रू मार के शो पर एक इंटरव्यू (Interview) के दौरान कहा, हमें जिस पर सच में फोकस करने की वाकई जरूरत है, वह है रोगियों का खोजा जाना. जिनमें कोरोना वायरस (Coronavirus) है, उन्हें अलग करें और उनके कॉन्टैक्ट में आए लोगों को ढूंढें और उन्हें भी अलग करें.

आम स्वास्थ्य सुरक्षा के कदम प्रभाव में न लाए गए तो बना रहेगा खतरा’
माइक रायन (Mike Ryan) ने कहा, इस समय लॉकडाउन के साथ यह खतरा है… कि अगर हम मजबूत आम स्वास्थ्य सुरक्षा के कदमों (strong public health measures) को प्रभाव में नहीं लाते हैं तो यह गतिविधियों पर लगी रोक और लॉकडाउन खत्म होते ही, वायरस के वापस लौटने का खतरा बना रहेगा.

दुनिया भर में करीब 1 अरब लोग रविवार तक लॉकडाउन (lockdown) में थे और अपने घरों तक ही सीमित कर दिए गए थे. अब तक कोरोना वायरस से करीब 13,000 से ज्यादा मौतें हो चुकी हैं और फैक्ट्रियों को भी इससे सबसे ज्यादा प्रभावित इटली में, एक दिन में हुई सबसे ज्यादा मौतों के बाद बंद कर दिया गया है.

कोरोना वायरस के चलते दुनिया के 35 देशों में घोषित किया जा चुका है लॉकडाउन
अब तक इस खतरनाक वैश्विक महामारी (Global Pandemic) के चलते 35 देशों में लॉकडाउन घोषित किया जा चुका है. जिसके चलते सरकार के बॉर्डर सील करने के फैसले के बाद लोग अपने घरों में हैं, यातायात और व्यापार आदि भी बंद हैं. ऐसा कोरोना वायरस के फैलने के खतरे से बचने के लिए किया गया है.

अब तक दुनिया में 3 लाख से ज्यादा लोगों को इस रोग से संक्रमित (infection) होने की पुष्टि हो चुकी है. खासकर इटली में परिस्थितियां सबसे ज्यादा खराब हैं, जहां मौतों का आंकड़ा 4,800 के ऊपर पहुंच चुका है. यह पूरी दुनिया के आंकड़े का एक-तिहाई है.

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