फ्रांस में 25% लोग बहरेपन का शिकार, हेडफोन लगाते हैं तो जरूर पढ़ें ये स्टडी
पहली बार फ्रांस में इस तरह की रिसर्च बड़े लेवल पर की गई है, जिसमें 18 से 75 वर्ष की उम्र के 186,460 लोगों का शामिल किया गया था. रिसर्च के मुताबिक लोगों को सुनने में समस्या लाइफस्टाइल, सोशल आइसोलेशन, डिप्रेशन और तेज आवाज में म्यूजिक के संपर्क में आने के कारण हो रही है.
पेरिस. आज कल ऑटो में हों, बस में या फिर मेट्रो में, हर दूसरा बंदा अपने कान में ईयरफोन (Earphone या Headphone) लगाए मिल जाता है, जो सेहत के लिए खतरनाक साबित हो सकता है. फ्रांस में एक हैरान करने वाली स्टडी हुई है. वहां के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ एंड मेडिकल इंस्टीट्यूट की रिसर्च से पता चला है कि फ्रांस में चार में से एक व्यक्ति को सुनने में परेशानी हो रही है. वहां की 25% आबादी को ऐसी दिक्कतें हैं यानी वे धीरे-धीरे बहरे होते जा रहे हैं.
पहली बार फ्रांस में इस तरह की रिसर्च बड़े लेवल पर की गई है, जिसमें 18 से 75 वर्ष की उम्र के 186,460 लोगों का शामिल किया गया था. रिसर्च करने वालों का मानना है कि पहले केवल छोटे लेवल पर रिसर्च की गई थी, लेकिन इस बार की गई रिसर्च के मुताबिक लोगों को सुनने में समस्या लाइफस्टाइल, सोशल आइसोलेशन, डिप्रेशन और तेज आवाज में म्यूजिक के संपर्क में आने के कारण हो रही है.
शुगर और डिप्रेशन भी है एक वजहरिसर्च में पाया गया है कि कुछ लोगों में शुगर और डिप्रेशन की वजह से सुनने की समस्या हो रही है. वहीं कुछ लोगों को अकेलेपन, शहरी शोर और हेडफोन का यूज करने के कारण परेशानी हो रही है.
फ्रांस में 37% लोग ही करते है हियरिंग एड इस्तेमाल
फ्रांस में महज 37% लोग ही हियरिंग एड इस्तेमाल करते हैं. धुम्रपान करने वाले और उच्च बीएमआई वाले लोग भी हियरिंग एड का कम इस्तेमाल कर रहे हैं. बढ़ती हुई समस्या को देखते हुए पिछले साल, फ्रांस के स्वास्थ्य विभाग ने फ्री में हियरिंग एड लोगों को उपलब्ध कराए गए थे. हियरिंग एड के लिए बीमा का भी प्रावधान किया गया है.
2050 तक बढ़कर 250 करोड़ लोग हो सकते हैं बहरे
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के मुताबिक, दुनिया में लगभग 150 करोड़ लोग किसी न किसी रूप में सुनने में समस्या महसूस कर रहे हैं. यह संख्या 2050 तक बढ़कर 250 करोड़ होने की संभावना है. इसलिए इसे स्वास्थ्य समस्या के रूप में देखा जा रहा है.
हेडफोन के क्या हैं नुकसान?
बहरापन
जरूरत से ज्यादा हेडफोन का इस्तेमाल सुनने की क्षमता कम कर देती है. लंबे समय तक ईयरफोन से गाने सुनने पर व्यक्ति के कान सुन्न हो सकते हैं. डाक्टरों की मानें तो ईयरफोन का ज्यादा उपयोग करने से कानों में छन-छन की आवाज आना, चक्कर आना, नींद न आना, सिर और कान में दर्द आदि जैसे लक्षण दिखाई देने लगते हैं. हमारे कानों की सुनने की क्षमता सिर्फ 90 डेसीबल होती है, जो धीरे-धीरे 40-50 डेसीबल तक कम हो जाती है, जिससे बहरेपन की शिकायत होने लगती है.
दिल की बीमारी
हेडफोन पर तेज आवाज में लगातार म्यूजिक सुनने सिर्फ कानों पर ही नहीं बल्कि दिल पर भी बुरा असर पड़ता है. यहीं नहीं उम्र बढ़ने पर कैंसर जैसे गंभीर बीमारी का खतरा भी बढ़ता है. इसलिए डॉक्टर हेडफोन पर कम आवाज में म्यूजिक सुनने की सलाह देते हैं.
कान का संक्रमण
हेडफोन्स में तेज म्यूजिक सुनते हुए मजा तो बहुत आता है, लेकिन यह मजा आपको सजा दे सकता है. अगर आप भी ऑफिस या घर पर गाने सुनते समय एक दूसरे के साथ अपने ईयरफोन शेयर करते हैं, तो ऐसा करने से बचें. ऐसा करने से आपके कान में इंफेक्शन का खतरा बहुत ज्यादा बढ़ जाता है.
सिर दर्द का खतरा
रोजोना हेडफोन पर तेज आवाज में गाना सुनने आपके कानों के पर्दों के लिए नुकसान पहुंचा सकता है. इसके अलावा यह दिमाग को भी बहुत ज्यादा नुकसान पहुंचता है, क्योंकि म्यूजिक की तेज वाईब्रेशन की वजह से हम मानसिक बीमारी से ग्रसित हो जाते हैं. इसके साथ ही सिरदर्द और नींद न आना जैसी बीमारियां भी होने लगती हैं.
बचने के लिए क्या करें?
अगर आप भी कान से जुड़ी परेशानियों से बचना चाहते हैं तो ईयरफोन का इस्तेमाल जरूरत पड़ने पर ही करें. सस्ते ईयरफोन की जगह अच्छी क्वालिटी के ईयरफोन्स का ही इस्तेमाल करें. आपको दिनभर में 60 मिनट से ज्यादा ईयरफोन का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए.