माइक पोम्पियो की भारत यात्रा पर भड़का चीन, बोला- कलह के बीज बोना बंद करो

Two Plus Two Talks: चीन ने मंगलवार को विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ (Mike Pompeo) को निशाने पर लेते हुए कहा कि वह बीजिंग और इस क्षेत्र के देशों के बीच कलह के बीज बोना बंद कर दे.भारत-अमेरिका (India-America) के ‘टू प्लस टू’ (2+2 Dialogue) मंत्री स्तरीय वार्ता के तीसरे संस्करण में सीमा पार से आतंकवाद का मुद्दा उठा. वार्ता में भारत के पड़ोस और उसके पार के भी तमात सुरक्षा चुनौतियों पर चर्चा हुई.

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बीजिंग. चीन (China) को भारत में हो रहे टू प्लस टू वार्ता (Two Plus Two Talks) से जोर का झटका लगा है. चीन ने मंगलवार को विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ (Mike Pompeo) को निशाने पर लेते हुए कहा कि वह बीजिंग और इस क्षेत्र के देशों के बीच कलह के बीज बोना बंद कर दे. दरअसल, अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पॉम्पिओ अमेरिका-भारत ‘टू प्लस टू’ वार्ता के लिए रक्षा मंत्री मार्क टी. एस्पर के साथ भारत की यात्रा पर आए हुए हैं. चीन ने कहा कि इससे इस क्षेत्र की शांति और स्थिरता प्रभावित होती है. इससे पहले चीन ने अमेरिका पर श्रीलंका को धमकाने का आरोप लगाया था.

क्षेत्रीय शांति और स्थिरता प्रभावित होती है: चीनी विदेश मंत्रालय

चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन ने प्रेसवार्ता में कहा कि ‘पॉम्पिओ चीन के खिलाफ लगातार हमलावर रहे हैं.’ वांग ने कहा कि हम उनसे आग्रह करते हैं कि शीत युद्ध का विचार त्याग दें और चीन और इसके पड़ोसी देशों के बीच कलह का बीज बोना बंद करें. उन्होंने कहा कि जाहिर है कि अमेरिका के शीत युद्ध के विचार से क्षेत्रीय शांति और स्थिरता प्रभावित होती है.

वहीं कोलंबो स्थित चीनी दूतावास ने भी टिप्पणी की और कहा कि हम अमेरिका द्वारा चीन-श्रीलंका संबंधों में हस्तक्षेप करने और श्रीलंका पर दबाव डालने तथा धमकाने के लिए विदेश मंत्री की यात्रा का अवसर के रुप में इस्तेमाल करने का दृढ़ता से विरोध कर रहे हैं. दूतावास ने कहा कि रिश्तों को संभालने के लिए चीन और श्रीलंका के पास पर्याप्त समझ है और किसी तीसरे पक्ष से निर्देश लेने की जरूरत नहीं है.
गौरतलब है कि भारत और अमेरिका (India and America) ने मंगलवार को सीमा पार से आतंकवाद के हर प्रारूप का कड़ा विरोध किया. दोनों देशों ने कहा कि पाकिस्तान आतंकवाद (Terrorism) पर सख्त कार्रवाई करे ताकि सुनिश्चित हो सके कि उसके नियंत्रण के क्षेत्र का इस्तेमाल आतंकवादी हमले के लिए न हो. भारत-अमेरिका के ‘टू प्लस टू’ मंत्री स्तरीय वार्ता के तीसरे संस्करण में सीमा पार से आतंकवाद का मुद्दा उठा. वार्ता में भारत के पड़ोस और उसके पार के भी तमात सुरक्षा चुनौतियों पर चर्चा हुई.दोनों पक्षों ने आतंकवाद की कड़ी आलोचना की

विदेश मंत्री एस. जयशंकर और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पियो और रक्षा मंत्री मार्क टी. एस्पर के साथ वार्ता की. दोनों पक्षों के बीच हुई वार्ता में उनके शीर्ष सैन्य एवं सुरक्षा अधिकारियों ने भी हिस्सा लिया. वार्ता के बाद जारी संयुक्त बयान में कहा गया कि दोनों पक्षों ने आतंकवाद की कड़ी आलोचना की और सीमा पार से आतंकवाद के हर प्रारूप की कड़ी निंदा की. साथ ही हिज्बुल मुजाहिद्दीन, अल-कायदा और आईएसआईएस सहित सभी आतंकवादी नेटवर्क के खिलाफ समन्वित कार्रवाई पर बल दिया.

‘आतंकवाद पूरी तरह से अस्वीकार्य’
अपने अमेरिकी समकक्ष माइक पोम्पियो, रक्षा मंत्री मार्क एस्पर के साथ रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और जयशंकर ने संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘हमने स्पष्ट कर दिया कि सीमा पार आतंकवाद पूरी तरह से अस्वीकार्य है.’
सख्त कार्रवाई करे पाकिस्तान
संयुक्त बयान में कहा गया कि मंत्रियों ने पाकिस्तान से कहा कि वह त्वरित, स्थायी एवं अपरिवर्तनीय कार्रवाई करे ताकि सुनिश्चित हो सके कि उसके नियंत्रण वाले क्षेत्र का इस्तेमाल आतंकवादी हमले करने में नहीं हो और इस तरह के हमले करने वालों पर तेजी से कार्रवाई करे जिनमें 26/11 मुंबई, उरी और पठानकोट हमले के साजिशकर्ता शामिल हैं. इसमें कहा गया, ‘मंत्रियों ने आतंकवादी समूहों और व्यक्तियों के खिलाफ प्रतिबंधों पर सूचना के आदान-प्रदान को लेकर भी प्रतिबद्धता जताई.’बयान के मुताबिक दोनों पक्षों ने आतंकवादी संगठनों के संचालन एवं वित्तपोषण, कट्टरपंथ का मुकाबला करने, इंटरनेट का आतंकवादियों द्वारा इस्तेमाल करने, आतंकवादियों की सीमा पार गतिविधियों के खिलाफ भी कदम उठाने का संकल्प लिया. बयान में कहा गया कि मंत्रियों ने संयुक्त राष्ट्र सहित कई मंचों पर सहयोग को आगे बढ़ाने की योजना बनाई है.

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