कोरोना: हंगरी में इमरजेंसी लागू, PM ओर्बन को मिलीं असीमित शक्तियां, अब कोई चुनाव नहीं
हंगरी (Hungary) की संसद ने एक अप्रत्याशित कदम उठाते हुए पीएम विक्टर ओर्बन (Viktor Orban) को शासन करने के लिए असीमित शक्तियां दे दी हैं. अब विक्टर के रहते न तो कोई इलेक्शन होगा और न ही कोई रेफरेंडम किया जा सकता है.
बुडापेस्ट. हंगरी (Hungary) में कोरोना वायरस (Coronavirus) संक्रमण के मामले बढ़ते देख हंगरी की संसद ने एक अप्रत्याशित कदम उठाते हुए पीएम विक्टर ओर्बन (Viktor Orban) को शासन करने के लिए असीमित शक्तियां दे दीं हैं. सोमवार को हंगरी की संसद में एक ऐसा बिल पास हुआ, जिसके बाद विक्टर अब अनिश्चितकाल तक के लिए असीमित शक्तियों वाले शासक बने रहेंगे. इसी के साथ देश में इमरजेंसी भी घोषित कर दी गई है. बता दें कि हंगरी में अभी तक कोरोना संक्रमण के 447 केस सामने आ चुके हैं, जबकि 15 लोगों की इससे मौत हो गयी है.
CNN की एक रिपोर्ट के मुताबिक, हंगरी की संसद में ये बिल बड़े बहुमत से पास हुआ. इसके पक्ष में 138 जबकि विपक्ष में महज 53 वोट ही पड़े. इस बिल के पास होने के बाद विक्टर देश के सभी डेमोक्रेटिक संस्थाओं से ऊपर हो गए हैं और किसी के भी फैसले को मानने के लिए बाध्य नहीं रह गए हैं. बिल पेश करते हुए ये दलील दी गई थी कि कोरोना जैसे संकट के समय में देश को एक नेतृत्व की ज़रूरत है जो ब्यूरोक्रेसी में फंस कर न रह जाए. इसमें स्पष्ट कहा गया है कि देश के सर्वोच्च नेता को कोरोना जैसे खतरों से निपटने के लिए अब किसी फैसले को लेने के लिए किसी से इजाजत की ज़रूरत नहीं रह गयी है.
कोई चुनाव नहीं, संसद भी सस्पेंड
इस बिल के पास होने के बाद संसद निलंबित हो गयी है. इस बिल के मुताबिक, ऐसे पत्रकारों को सजा भी दी जा सकती है जिनके बारे में सरकार को लगता है कि उन्होंने कोरोना के बारे में ख़राब रिपोर्टिंग की है. साथ ही क्वारंटीन का उल्लंघन करने वालों को सजा के साथ भारी जुर्माना चुकाना होगा. अब विक्टर के रहते न तो कोई इलेक्शन होगा और न ही कोई रेफरेंडम किया जा सकता है.
ओर्बन ने कहा था- बहस में उलझे रहने से जान नहीं बचाई जा सकती
बता दें कि हंगेरियन नेशनल रेडियो के एक कार्यक्रम में बीते दिनों पीएम ओर्बन ने कहा था कि कोरोना के खिलाफ हम जल्दी से प्रतिक्रिया नहीं दे पा रहे हैं, क्योंकि कानून और लालफीताशाही की लंबी प्रक्रियाओं में ही फंसे रहते हैं. ऐसे क्राइसिस के वक़्त में हमें जल्द से जल्द जन बचाने के लिए बड़े कदम उठाने होंगे. सरकार कोई भी ऐसा कदम नहीं उठा रही है जो अप्रत्याशित है. हम सिर्फ काम करने के लिए पर्याप्त शक्तियां चाहते है जिस से वक़्त रहते स्थिति को नियंत्रण में लाया जा सके.
अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं ने की आलोचना
इंटरनेशनल ह्यूमन राइट्स वाच डॉग ने इस बिल की काफी आलोचना की है. संस्था का कहना है कि बिल में ये बताया ही नहीं गया है कि विक्टर के पास ये शक्तियां कब तक रहेंगी, उन्हें कब तक के लिए लीडर चुन लिया गया है. आरोप है कि कोरोना का सहारा लेकर विक्टर ओर्बन ने खुद को सभी डेमोक्रेटिक संस्थाओं से ऊपर सर्वकालिक नेता घोषित कर लिया है. अंतरराष्ट्रीय ह्यूमन राइट्स सस्थाओं का मानना है कि विक्टर ओर्बन अपने असीमित अधिकारों का इस्तेमाल लोगों के अधिकारों को दबाने के लिए कर सकते हैं.