दावों से उलट गर्म देशों में दोगुनी रफ़्तार से फ़ैल रहा है कोरोना, ब्राजील-भारत बने उदाहरण
सिर्फ भारत (India) ही नहीं पूरे दक्षिण-पूर्व एशिया, अफ्रीका और लैटिन अमेरिका में गर्मियों की शुरुआत हो चुकी है. इन सभी देशों में अब दिन का औसत तापमान 20 से लेकर 40 डिग्री सेंटीग्रेट तक भी पहुंच रहा है.
सिर्फ भारत ही नहीं पूरे दक्षिण-पूर्व एशिया, अफ्रीका, साउथ अमेरिका और लैटिन अमेरिका में गर्मियों की शुरुआत हो चुकी है. इन सभी देशों में अब दिन का औसत तापमान 20 से लेकर 40 डिग्री सेंटीग्रेट तक भी पहुंच रहा है. भारत में भी बीते 12 दिनों में औसत तापमान 32 डिग्री रहा है, जबकि ब्राजील में ये 26 के आस-पास है. भारत में जहां इन दिनों में 7800 से ज्यादा केस सामने आए हैं वहीं ब्राजील में 16 हज़ार से भी ज्यादा नए केस मिले हैं.
बीते 15 दिनों से 26 डिग्री एवरेज तापमान होने के बावजूद भी ब्राजील में न सिर्फ कोरोना के मामले बढ़कर 25,262 हो गए हैं बल्कि इस संक्रमण से 1832 लोगों की मौत भी हो चुकी है. सिर्फ मंगलवार को ही ब्राजील में 1800 से ज्यादा नए केस सामने आए हैं. इसी तरह इक्वाडोर की बात करें तो इस छोटे से देश में कोरना संक्रमण काफी तेजी से फैला है. हालांकि इस देश में एवरेज तापमान 19 डिग्री के आस-पास रहा है. यहां 7257 केस सामने आए और 315 से ज्यादा मौतें हुईं. अन्य लैटिन अमेरिकी और दक्षिण अमेरिकी देशों में भी तापमान 33 डिग्री तक पहुंच गया है लेकिन कोरोना संक्रमण के मामले बढ़ रहे हैं.
मिडिल ईस्ट-दक्षिण एशिया में भी लगातार बढ़े हैं मामले
मिडिल ईस्ट के देश झुलसाने वाली गर्मी के लिए मशहूर हैं. इजरायल, तुर्की, सऊदी अरब और UAE में अभी से तापमान 40 डिग्री तक भी पहुंचने लगा है. हालांकि इजरायल में ही अब तक कोरोना संक्रमण के 12,046 मामले सामने आ चुके हैं जबकि 450 से ज्यादा मौतें हों चुकी हैं. दक्षिण एशियाई देश इंडोनेशिया, भारत और बांग्लादेश में लगभग दोगुनी गति से मामले बढ़े हैं.
बांग्लादेश में करीब हर दो दिन बाद कोरोना मरीजों की संख्या दोगुनी हो जा रही है, जबकि भारत में करीब चार दिन बाद कोरोना केस दोगुने बढ़ रहे हैं. उधर अफ्रीका महाद्वीप के ज्यादातर देशों में अप्रैल के पहले दो हफ्तों में तापमान 17 डिग्री से लेकर 45 डिग्री तक दर्ज किया गया है. यहां भी पिछले कुछ दिनों में यहां भी कोरोना मरीजों की संख्या काफी तेजी से बढ़ रही है. यहां सबसे ज्यादा 2028 केस दक्षिण अफ्रीका में आए हैं जबकि सबसे ज्यादा मौतें 275 मौतें अल्जीरिया में हुई हैं।
कई दावे हुए लेकिन WHO ने किया था इनकार